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कोयला संकट : सीएम अशोक गहलोत ने कुछ ताप संयंत्रों में बिजली उत्पादन फिर से शुरू होने पर जताई खुशी 

पीटीआई, जयपुर Published by: Kuldeep Singh Updated Mon, 18 Oct 2021 01:36 AM IST
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सार

सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में कहा कि अधिकारियों को त्योहारी सीजन से पहले बिजली आपूर्ति बनाए रखने और कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया है।लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने अक्तूबर में 182 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी है।

Rajasthan Coal crisis: CM Ashok Gehlot expressed happiness over the resumption of power generation in some thermal plants
अशोक गहलोत - फोटो : social media

विस्तार
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयला संकट के बीच प्रदेश की सूरतगढ़, कालीसिंध और कोटा थर्मल की बंद इकाइयों में से कुछ में बिजली उत्पादन फिर से शुरू होने पर खुशी जताई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आगामी त्योहारी मौसम को देखते हुए प्रदेश में बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखें एवं कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार से लगातार समन्वय स्थापित करें।

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गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने अक्तूबर माह में 182 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी है। कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कम्पनी एनसीएल एवं एसईसीएल से अभी भी राज्य को आवंटित 11 रैक में से औसतन प्रतिदिन 5-6 रैक ही कोयले की आपूर्ति हो रही है। इससे प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं।
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उन्होंने अधिकारियों को केंद्रीय कोयला मंत्रालय एवं ऊर्जा मंत्रालय से सम्पर्क स्थापित कर प्रदेश को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पारसा कांटा कैप्टिव कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण के 1,136 हेक्टेयर में खनन शुरू करने के वास्ते केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के लिए मंत्रालय से सम्पर्क स्थापित करने एवं मंजूरी शीघ्र प्राप्त करने के भी निर्देश दिए।

लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में गहलोत ने कहा कि राज्य में सड़कों का निर्माण और मरम्मत राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी गुणवत्ता से समझौता न करें और इंजीनियर समय-समय पर निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर गुणवत्ता की जांच करते रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि देनदारी अवधि के दौरान क्षतिग्रस्त होने पर ठेकेदार सड़कों की मरम्मत करे। आठ जिलों में 145 करोड़ रुपये के प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं, जहां सड़कों की हालत खराब है।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द स्वीकृति देने का आग्रह किया है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश को आवंटित कैप्टिव कोल माइंस से अब बढ़कर 11 रैक प्रतिदिन कोयला प्राप्त हो रहा है। इससे पावर प्लांट संचालन में काफी सुविधा हुई है।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कालीसिंध पावर प्लांट की 600 मेगावाट क्षमता की बंद पड़ी इकाई फिर से शुरू हो गई है। इसके अलावा सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल प्लांट की 660 मेगावॉट की इकाई, कोटा थर्मल की 195 मेगावाट एवं सूरतगढ़ ओएण्डएम 250 मेगावाट क्षमता की इकाई में उत्पादन फिर से शुरू होने से पिछले कुछ दिनों में बिजली आपूर्ति में प्रदेश को काफी राहत मिली है।

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