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Salumber: दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय सम्बल पखवाड़ा शुरू, मिला वर्षों पुराना भूमि विवाद सुलझने का समाधान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सलूंबर
Published by: सलूंबर ब्यूरो
Updated Tue, 24 Jun 2025 07:24 PM IST
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सार
Rajasthan: उपखंड अधिकारी सेमारी नीलेश कलाल के निर्देश पर भू-अभिलेख निरीक्षक राजकुमार मीणा और पटवारी अशोक कुमार मीणा ने मौके पर पहुंचकर तीनों खातेदारों से आपसी सहमति करवाई। मौके पर मौजूदगी और कब्जा अनुसार बंटवारे की फेरहिस्त तैयार की गई।

शिविर में आपसी सहमति के बाद बंटवारे का आदेश प्राप्त करते किसान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में मंगलवार से पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय सम्बल पखवाड़ा की शुरुआत हुई। यह अभियान 9 जुलाई तक जिलेभर की पंचायतों में चलाया जाएगा। पहले दिन पंचायत समिति सराड़ा के ग्राम पाल सराड़ा और ग्राम पंचायत टोकर में आयोजित शिविरों में कई लाभार्थियों को वर्षों से लंबित राजस्व संबंधी समस्याओं का समाधान मिला।

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पाल सराड़ा में तीन भाइयों का वर्षों पुराना बंटवारा विवाद सुलझा
ग्राम पाल सराड़ा के निवासी दला, वाला और भीमा ने बताया कि वे सभी पटवार मंडल पाल सराड़ा की खातेदारी कृषि भूमि में आपसी सहमति से मौके पर बंटवारा कर चुके थे। लेकिन राजस्व रिकॉर्ड, अर्थात जमाबंदी में इसका कोई उल्लेख नहीं था। तहसील कार्यालय से जानकारी लेने के बाद भी भाइयों में आपसी सहमति नहीं बन पाने के कारण वर्षों से रिकॉर्ड में बंटवारा दर्ज नहीं हो पाया था। मंगलवार को आयोजित शिविर में उन्होंने तहसीलदार सराड़ा आस्थारानी बामनिया के समक्ष अपनी समस्या रखी। तहसीलदार ने तीनों भाइयों और अन्य सह-खातेदारों से बातचीत कर आपसी सहमति बनवाई और उसी आधार पर जमाबंदी रिकॉर्ड में बंटवारा दर्ज कर दिया।
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कुंडाल गांव में भी सुलझा पुराना शामलात भूमि विवाद
इसी तरह ग्राम पंचायत टोकर के शिविर में कुंडाल गांव के कृषक अमरा पुत्र लालजी, शंकर पुत्र कानजी और सवा पुत्र कानजी मीणा के लिए यह शिविर वरदान साबित हुआ। इनकी खातेदारी भूमि खाता संख्या 02, खसरा संख्या 06, कुल क्षेत्रफल 2.19 हेक्टेयर (लगभग 10 बीघा) लंबे समय से शामलात खाते में दर्ज थी, और आपसी सहमति नहीं होने से बंटवारा नहीं हो पा रहा था।
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उपखंड अधिकारी सेमारी नीलेश कलाल के निर्देश पर भू-अभिलेख निरीक्षक राजकुमार मीणा और पटवारी अशोक कुमार मीणा ने मौके पर पहुंचकर तीनों खातेदारों से आपसी सहमति करवाई। मौके पर मौजूदगी और कब्जा अनुसार बंटवारे की फेरहिस्त तैयार की गई।
शिविर में तहसीलदार डूंगरलाल प्रजापत के समक्ष उपस्थित होकर तीनों किसानों ने उक्त फेरहिस्त के आधार पर अलग-अलग खाते दर्ज कराने की स्वीकृति दी। तहसीलदार ने तुरंत बंटवारे का आदेश जारी कर प्रति काश्तकार को उसकी प्रति सौंपी। वर्षों से लंबित इस बंटवारे के पूरा होने से लाभार्थियों के चेहरे खिल उठे।