Rajasthan New CM: मुख्यमंत्री चुनने की चुनौती में पहली बार फंसी BJP, कल जयपुर में अहम बैठक, जानिए कब होगी शपथ?
Rajasthan New Chief Minister: राजस्थान के नए मुख्यमंत्री को लेकर राजनाथ सिंह समेत तीनों पर्यवेक्षक रविवार को विधायकों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद सीएम चेहरे पर मोहर लगेगी। 15 दिसंबर तक शपथ ग्रहण समारोह भी हो सकता है।
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Rajasthan New CM: राजस्थान में भाजपा राज में प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। ये पहला मौका जब भाजपा राजस्थान में सीएम चेहरे को लेकर फंसी हुई नजर आ रही है। इससे पहले हर बार पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ा गया था। ऐसे में सीएम चेहरे को लेकर कभी पेंच नहीं फंसा।
वसुंधरा राजे से पहले भैरोंसिंह शेखावत भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा हुआ करते थे। जबकि, बीते चार विधानसभा चुनाव 2018, 2013, 2008 और 2003 में वसुंधरा राजे पार्टी का सीएम चेहरा थीं। ऐसे में चुनाव परिणाम सामने आने के बाद मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय हो जाती थी। लेकिन, 2023 का चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। सात सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतार गया था, जिनमें से जीत दर्ज कर चार विधायक बने। ऐसे में प्रदेश में सीएम पद के कई दावेदार हो गए। यही कारण है कि छह दिन बीत जाने के बाद भी भाजपा अब तक ये फैसला नहीं कर पाई है कि प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कौन होगा?
सबसे पहले जानिए सीएम पद के दावेदार कौन-कौन?
राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे इस बार भी सीएम पद की दावेदार हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद से राजे विधायकों से मिल रहीं हैं। साथ दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से भी मुलाकात की है। राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी भी सीएम पद की दावेदार हैं। बाबा बालकनाथ का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है, लेकिन शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इससे इनकार कर दिया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, अर्जुन मेघवाल, अश्विनी वैष्णव भी मुख्यमंत्री बनने की रेस में हैं। राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र सिंह राठौड़ का नाम भी मुख्यमंत्री दावेदारों की दौड़ में शामिल है, लेकिन ये चुनाव हर गए थे।
मुख्यमंत्री चयन को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ
तीन दिसंबर को चुनाव परिणाम सामने आने के बाद वसुंधरा राजे राजस्थान में सक्रिय हुईं। उन्होंने विधायकों को डिनर के लिए अपने आवास पर बुलाया। कई विधायक राजे को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में बयान दे चुके हैं। वसुंधरा के बेटे और भाजपा सांसद दुष्यंत पर विधायकों की बाड़ेबंदी करने के आरोप लगे। राजे और दुष्यंत ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। साथ ही राजे ने अमित शाह से भी मिलीं थीं। उधर, बाबा बालकनाथ भी अमित शाह और नड्डा से कई बार मुलाकात कर चुके हैं। बीते शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी नड्डा से मुलाकात की थी। शनिवार को नड्डा ने वर्चुअली बैठक कर विधायकों के साथ चर्चा की।
आगे क्या होना वाला है?
नए मुख्यमंत्री को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच भाजपा हाईकमान ने राजस्थान के लिए तीन पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, विनोद तावडे और सरोज पांडेय को नियुक्त किया है। तावडे और सरोज पांडेय रविवार को जयपुर पहुंचेंगे। इस दौरान विधायकों के साथ सीएम चेहरे को लेकर चर्चा की जाएगी। बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षक विधायकों के साथ वन-टू-वन चर्चा भी कर सकते हैं। रविवार को पूरे दिन पार्टी कार्यालय में बैठकों का दौर चलेगा।
15 तक होगी मुख्यमंत्री की शपथ
16 दिसंबर में मलमास लगने वाला है, इस दौरान शुभ कार्यों का करना वर्जित माना जाता है। ऐसे में पूरी संभावना है कि राजस्थान की नई सरकार का गठन 15 दिसंबर तक कर लिया जाएगा। यानी मुख्यमंत्री और मंत्रियों की शपथ हो सकती है।