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Asaduddin Owaisi: 'मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझने की भूल न करें', दिल्ली आतंकी ब्लास्ट पर बोले ओवैसी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद Published by: हिमांशु चंदेल Updated Mon, 24 Nov 2025 04:42 PM IST
सार

Asaduddin Owaisi on Delhi Blast: लाल किले के पास हुए धमाके को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में तीखी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने कहा कि 14 लोगों की मौत हुई, जिनमें हिंदू-मुस्लिम दोनों थे। उन्होंने चेतावनी दी कि मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की सोच रखने वालों का भ्रम टूट जाएगा।

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Asaduddin Owaisi says do not make mistake of treating Muslims as second-class citizens on Delhi terror blast
AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। हैदराबाद में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जो लोग देश के खिलाफ साजिश कर रहे हैं, वे हिंदू हों या मुस्लिम, वे राष्ट्र के दुश्मन हैं और ऐसे लोगों की बिना झिझक निंदा होनी चाहिए। ओवैसी ने कहा कि यह बेहद कठिन काम है कि एक संस्था बनाई जाए, लेकिन कुछ लोग अमोनियम नाइट्रेट लेकर घूम रहे हैं, जो सीधे देश विरोधी गतिविधियों से जुड़ता है।
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ओवैसी ने कहा कि दिल्ली धमाके में 14 लोगों की मौत हो गई, जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह मानसिकता बेहद खतरनाक है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के दुश्मन, चाहे वे किसी भी समुदाय से हों, हमारे दुश्मन हैं। यदि ऐसी गतिविधियों पर खुलकर विरोध नहीं किया गया तो ऐसे लोगों को खुली छूट मिल जाएगी।
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मुसलामानों को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार
ओवैसी ने जोर देकर कहा कि अगर कोई सोचता है कि मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया जाएगा, तो यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि दुनिया जितनी देर चलती रहेगी, भारतीय मुसलमान उतनी देर तक सम्मानजनक भारतीय नागरिक के रूप में यहां जिंदा रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमान लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आप एक मस्जिद को शहीद करेंगे, हम लाखों मस्जिदें बनाने की ताकत रखते हैं।

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हमने देश से कभी नफरत नहीं की- ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों पर जितने भी अत्याचार हुए, उन्होंने सब सहा, लेकिन देश से नफरत कभी नहीं की। उन्होंने कहा कि जो लोग मुसलमानों का उत्पीड़न करते हैं, वही लोग भारत को कमजोर बनाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप एक पूरे समुदाय को घृणा की नजर से देखेंगे, तो देश कैसे विकसित होगा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों से वफादारी का सर्टिफिकेट मांगने वालों को यह समझना चाहिए कि नफरत से देश मजबूत नहीं हो सकता।

बराबरी का अधिकार और कोर्ट का उदाहरण
ओवैसी ने कहा कि भारत तभी शांतिपूर्ण देश बन सकता है जब यहां रहने वाले 190 मिलियन मुसलमानों को बराबरी की नजर से देखा जाए। उन्होंने कहा कि समानता का अधिकार संविधान द्वारा दिया गया मौलिक अधिकार है, लेकिन कुछ लोग इसे भूल जाते हैं। मस्जिद से जुड़े फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोई मुसलमान कोर्ट जाकर जज पर जूता नहीं फेंकता। लेकिन जिस व्यक्ति ने जूता फेंका, उस पर चर्चा नहीं होती क्योंकि वह बहुसंख्यक समुदाय से था। उन्होंने दोहराया कि मुसलमान देश से प्यार करते रहेंगे, चाहे सत्ता में कोई भी हो।


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