Indira Gandhi Death Anniversary: इंदिरा गांधी के 5 ऐतिहासिक और साहसी फैसले जिन्होंने भारत को बदला
Indira Gandhi Death Anniversary 2025: इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर जानिए उनके 5 दमदार फैसले, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, हरित क्रांति, बांग्लादेश युद्ध, परमाणु परीक्षण और सिक्किम का विलय।
 
     
                            विस्तार
Indira Gandhi Death Anniversary 2025: भारत के इतिहास में कुछ नेता ऐसे होते हैं जिनके फैसले दशकों बाद भी चर्चा में रहते हैं। इंदिरा गांधी, देश की पहली और अब तक की सबसे प्रभावशाली महिला प्रधानमंत्री हैं। वह एक ऐसी नेता थीं जिन्होंने अपने साहस, दृढ़ निश्चय और राजनीतिक सूझ-बूझ से भारत को विश्व मानचित्र पर नई पहचान दिलाई। इंदिरा गांधी के फैसले साहसी, विवादास्पद और दूरदर्शी थे। उन्होंने दिखाया कि नेतृत्व का अर्थ केवल सत्ता नहीं, बल्कि देशहित में कठोर निर्णय लेने की क्षमता है। आज उनकी पुण्यतिथि पर, हमें याद रखना चाहिए कि उनके हर निर्णय ने भारत को आत्मनिर्भर, सशक्त और एकजुट बनाने में योगदान दिया। 31 अक्टूबर को उनकी पुण्यतिथि पर आइए याद करें वे 5 दमदार फैसले, जिन्होंने देश के भविष्य की दिशा तय की और इंदिरा गांधी को “आयरन लेडी ऑफ इंडिया” बना दिया।
 
बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969)
इंदिरा गांधी का सबसे ऐतिहासिक और साहसी कदम था, 14 प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण। इस फैसले ने गरीबों, किसानों और छोटे व्यापारियों तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाईं। इस कदम से भारत की अर्थव्यवस्था में समानता और समावेशन की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आया।
हरित क्रांति की शुरुआत
उन्होंने कृषि क्षेत्र को नई दिशा दी। हरित क्रांति के तहत उन्नत बीज, सिंचाई और तकनीक अपनाई गई, जिससे भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बना। यह फैसला भारत को “भूखमरी से समृद्धि की ओर” ले गया और किसान सशक्त हुए।
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में निर्णायक भूमिका (1971)
1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में इंदिरा गांधी ने न केवल भारत की रक्षा की बल्कि बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई। यह उनकी राजनयिक और सैन्य रणनीति का अद्भुत उदाहरण था। इस जीत के बाद उन्हें “दुर्गा अवतार” कहा गया।
परमाणु शक्ति संपन्न भारत (1974)
राजस्थान के पोखरण में 1974 में भारत का पहला सफल परमाणु परीक्षण ‘स्माइलिंग बुद्धा’ हुआ। यह फैसला इंदिरा गांधी के राजनीतिक साहस और आत्मनिर्भर भारत की सोच का प्रतीक था। इससे भारत दुनिया की परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।
सिक्किम का भारत में विलय (1975)
इंदिरा गांधी के नेतृत्व में सिक्किम का भारत में विलय हुआ और वह भारत का 22वां राज्य बना। यह कदम राजनीतिक कूटनीति, दृढ़ नेतृत्व और एकता की भावना का प्रमाण था, जिसने भारत की भौगोलिक अखंडता को मजबूत किया।

कमेंट
कमेंट X