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खेतीबाड़ी: हिमाचल में किसानों को बारिश का इंतजार, गेहूं की बिजाई पर संकट, इस महीने सामान्य से 89 फीसदी कम बारि

अमर उजाला ब्यूरो, धर्मशाला। Published by: Krishan Singh Updated Wed, 19 Nov 2025 11:14 AM IST
सार

गेहूं की बिजाई इससे प्रभावित हो रही है। राज्य में नवंबर के 19 दिनों में सामान्य से 89 फीसदी कम बारिश हुई है। 

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Agriculture: Farmers in Himachal Pradesh await rain, wheat sowing in trouble, with rainfall 89 percent less th
सोलन के देवली में सूखे से खाली पड़ा खेत। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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करीब डेढ़ माह से बारिश नहीं होने के प्रदेश में सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। गेहूं की बिजाई इससे प्रभावित हो रही है। राज्य में नवंबर के 19 दिनों में सामान्य से 89 फीसदी कम बारिश हुई है। कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू और मंडी में रबी की फसल गेहूं की बिजाई अटक गई है। सूखे जैसे हालात के बीच किसान गेहूं की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। किसान नगदी फसल मटर की बिजाई भी नहीं कर पा रहे हैं। कांगड़ा के करीब 35 हजार किसानों को बारिश का इंतजार है। इन जिलों में हजारों हेक्टेयर भूमि में गेहूं की पैदावार होती है।

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कृषि उपनिदेशक कांगड़ा कुलदीप धीमान ने बताया कि कांगड़ा जिले के किसानों की ओर से 92 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई की जाती है। इसमें से अभी तक 50 फीसदी यानि 46 हजार हेक्टेयर की भूमि पर गेहूं की बिजाई हो चुकी है। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से किसानों को 28,327 क्विंटल गेहूं का बीज वितरित किया गया है। वहीं विभाग के पास अभी भी 2,260 क्विंटल गेहूं का बीज बिक्री केंद्र में बचा हुआ है। हालांकि, हमीरपुर में 80 फीसदी किसानों ने गेहूं की बिजाई कर दी है। यहां पर लगभग 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बिजाई की जाती है।

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जिला कृषि अधिकारी राजेश राणा ने बताया कि 80 फीसदी किसानों ने गेहूं की बिजाई की। मात्र 20 फीसदी किसान शेष बचे हैं। संभावना है कि यह किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, चंबा जिले में 18 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की जाती है। चंबा की बात की जाए तो नवंबर 18 तक 75 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं की बिजाई हो चुकी है। कई क्षेत्रों में अभी भी ग्रामीण बारिश होने के इंतजार में गेहूं की बिजाई नहीं कर पाए हैं।

मंडी : मंडी जिले में बारिश न होने से सिंचाई सुविधा से महरूम क्षेत्रों में रबी के सीजन की फसलों की बिजाई लटक गई है। सरकाघाट, गोपालपुर, धर्मपुर, करसोग क्षेत्र के अलावा सदर और ट्रंग क्षेत्र के कुछ हिस्से सूखे से प्रभावित हैं। जिले में करीब 70 प्रतिशत खेती योग्य भूमि में गंदम और अन्य फसलों की बिजाई अभी तक हो पाई है। जबकि सिंचाई सुविधा से महरूम 30 प्रतिशत भू-भाग में अभी किसान बिजाई नहीं कर पाए हैं।

सिरमौर : जिले करीब 26,700 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल की बिजाई की जाती है। इससे हर साल करीब 53,400 मीट्रिक टन उत्पादन रहता है। जिले में 80 प्रतिशत के करीब क्षेत्र फसल की बिजाई के लिए बारिश पर निर्भर रहता है। इस बार बारिश नहीं होने से अधिकतर क्षेत्रों में बिजाई का कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

सोलन : जिले में डेढ़ माह से अधिक समय से बारिश न होने के कारण किसान गहरे संकट में हैं। सूखे ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जिले के 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों में किसान अभी तक गेहूं की बिजाई कर पाए हैं। इसके साथ ही मटर, गोभी, लहसुन जैसी अन्य महत्वपूर्ण फसलों का काम भी रुका पड़ा है। किसानों ने कृषि विभाग से गेहूं और अन्य फसलों का बीज तो खरीद लिया है, लेकिन बारिश न होने के कारण बिजाई का कार्य पूरी तरह रुका हुआ है।

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