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Shimla: वाहन दुर्घटना में मृतक के आश्रितों को 8.92 लाख रुपये का मुआवजा
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Thu, 23 Feb 2023 09:45 PM IST
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सार
वाहन दुर्घटना में मृतक के आश्रितों को 8.92 लाख रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए हैं। वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण शिमला ने मुआवजे की राशि अदा करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है।

अदालत(सांकेतिक)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जिला अदालत चक्कर ने वाहन दुर्घटना में मृतक के आश्रितों को 8.92 लाख रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए हैं। वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण शिमला ने मुआवजे की राशि अदा करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है। मुआवजे की राशि पर छह फीसदी ब्याज अदा करना पड़ेगा और दस हजार रुपये मुकदमेबाजी का खर्च भी देना होगा। आश्रितों में मृतक का पति और तीन बच्चे शामिल हैं।

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29 अक्तूबर 2020 को 47 वर्षीय वीना देवी कार में सफर कर रही थी। इस दौरान कार दुर्घटना हो गई थी। इस दुर्घटना में उसे गंभीर चोटें आईं और अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। मृतक के आश्रितों ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण शिमला के समक्ष मुआवजे के लिए याचिका दायर की थी। दलील दी गई कि इस दुर्घटना का मुख्य कारण चालक की लापरवाही थी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आश्रितों की ओर से मुआवजे के लिए दायर की गई याचिका को स्वीकार किया। ब्यूरो
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प्रावधानों का दुरुपयोग करने पर अपील खारिज
राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग करने पर एक अपील को खारिज किया है। यह निर्णय राज्य मुख्य सूचना आयुक्त आरडी धीमान ने सुनाया है। आयोग ने टिप्पणी की कि धर्मशाला निवासी अपीलकर्ता को आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों का आदी पाया है। रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर आयोग ने पाया कि अपीलकर्ता अपने निजी हितों को साधने और अपनी गलतियों को छिपाने के लिए सरकारी दस्तावेज के साथ छेड़खानी की है। यह अपील राज्य सूचना आयोग में धर्मशाला निवासी प्रवीण कुमार ने डीसी कांगड़ा के आदेशों के खिलाफ दायर की थी। आयोग के अनुसार एडीएम कांगड़ा ने उपलब्ध जानकारी को अपीलकर्ता को तय समय में दे दिया था।