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Himachal Rain: बिलासपुर के कुटेहला में बादल फटने से तबाही, राज्य में 566 सड़कें बंद, इतने दिन बरसेंगे बादल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला/बिलासपुर। Published by: Krishan Singh Updated Thu, 18 Sep 2025 12:22 PM IST
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सार

प्रदेश के कई भागों में बारिश लगातार जारी है। पूरी रात बारिश के बाद बिलासपुर शहर में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। 

Himachal Rain weather:  buses stuck in debris Bilaspur, roads closed in the state
बिलासपुर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बारिश लगातार जारी है। राज्य में जगह-जगह भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें बंद हैं। बिलासपुर जिले में भारी बारिश दर्ज की गई। पूरी रात बारिश के बाद बिलासपुर शहर में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। शहर की सिनेमा कॉलोनी, मेन मार्केट की सड़कें नालों में तब्दील हो गईं। चेतना चौक, चंपा पार्क और बस अड्डा के आसपास दुकानों में पानी घुस गया, जिससे लोगों को भी काफी नुकसान हुआ है। जिले में कई संपर्क सड़कें भूस्खलन से बाधित हो गई हैं।

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बागछाल पुल के पास फिर हुआ भूस्खलन
लोक निर्माण विभाग सड़कों की बहाली में जुटा है।  समलेटू के पास किरतपुर-मनाली फोरलेन पर भूस्खलन हुआ है। इससे फोरलेन पर वाहनों की आवाजाही भी बाधित हो गई। वहीं ऋषिकेश में बारिश के बाद आए मलबे में एचआरटीसी की बसें फंस गईं।  भारी बारिश से झंडूता में बागछाल पुल के पास गुरुवार को फिर से भूस्खलन हो गया। वाहन चालकों को वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल करने का प्रशासन ने आग्रह किया है। 


 

स्वारघाट के मतनोह में बादल फटने से तबाही, खेत और बागीचे बहे
 
बिलासपुर के स्वारघाट उपमंडल की ग्राम पंचायत कुटेहला के गांव मतनोह में गुरुवार सुबह बादल फटने से तबाही मच गई। अचानक हुई तेज बारिश के दौरान पहाड़ी से पानी व मलबा आने से पूरे गांव में हड़कंप मच गया। इससे खेत, आम के बगीचे और खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं। खेतों की उपजाऊ मिट्टी बह जाने से भविष्य में खेती करना भी मुश्किल हो जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्राकृतिक आपदा से उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। प्रभावित लोगों ने प्रशासन से तुरंत राहत की गुहार लगाई है। सूचना मिलते ही राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और नुकसान का आकलन शुरू किया।  नुकसान का आंकलन होने के बाद प्रभावित परिवारों को फौरी राहत और हर संभव मदद दी जाएगी। ग्रामीणों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उनका कहना है कि पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है।



 

566 सड़कें, 525 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित
राज्य में गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में दो नेशनल हाईवे सहित 566 सड़कें बंद रहीं। इसके अतिरिक्त 525 बिजली ट्रांसफार्मर व 281 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। कुल्लू में 155, मंडी 203, शिमला 50, कांगड़ा 46, चंबा 26 व बिलासपुर जिले में 24 सड़कें बंद हैं। शिमला में भी माैसम खराब बना हुआ है।

मानसून सीजन में अब तक 4,582 करोड़ का नुकसान
हिमाचल में इस मानसून सीजन में अब तक 4,595 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में 20 जून से 17 सितंबर तक 419 लोगों की जान चली गई है, 479 लोग घायल हुए हैं। 45 लोग अभी भी लापता हैं। 182 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। राज्य में 587 पक्के,934 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। 2,150 पक्के और 4,639 कच्चे मकानों को नुकसान हुआ है। 583 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। इसके अलावा 6,515 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 2,410 मवेशियों की माैत हो गई।
 

कुछ स्थानों पर 24 सितंबर बरसेंगे बादल, रात को नयना देवी में हुई 140.8 एमएम बारिश
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य के कुछ भागों में 24 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है।  बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी व सिरमाैर जिले में कुछ स्थानों पर आज भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 19 सितंबर से बारिश में काफी कमी आने की संभावना है। वहीं बीती रात को नयना देवी में 140.8, बिलासपुर 122.8, काहू 92.3, नाहन  80.6, मालरांव 60.0, ब्राह्मणी 45.4, नगरोटा सूरियां और कसौली 45.0, मंडी 43.2, भटियात 43.1, घाघस 37.8, पालमपुर 31.0, बग्गी 27.6 व धर्मपुर में 26.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। 

नाहन में नगर परिषद के भवन में बारिश में घुसा पानी
नगर परिषद के अधिकारियों ने गुरुवार को दिल्ली गेट पर बने एमसी परिसर का जायजा लिया। सुबह तड़के हुई तेज बारिश के कारण परिसर में पानी घुस गया था। पूरा परिसर पानी से भर गया। यही नहीं, दुकानों और कार्यालयों में भी पानी घुस गया। दुकानदारों को दुकानें खोलने में भी भारी परेशानी हो रही थी। इसके बाद नगर परिषद को इसकी सूचना दी गई। सूचना के बाद नगर परिषद के जेई अनिल और सेनेटरी इंस्पेक्टर सुलेमान ने मौके पर आकर हालातों का जायजा लिया और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया। 

सैण मोहल्ला में मलबे की चपेट में आए वाहन, घरों में गुसा पानी
जोनल अस्पताल मंडी के साथ लगते जीरो प्वाइंट में भारी बारिश के बाद नाले ने फिर कहर बरपाया है। यह नाला सैण मोहल्ले के लिए किसी आफत से कम नहीं है। इस बरसात में तीसरी बार इस नाले ने तबाही मचाई है। गुरुवार सुबह जब मंडी शहर में बारिश हुई तो इस नाले ने फिर से रौद्र रूप धारण कर लिया। नाले से बहकर आया पानी और मलबा सैण मोहल्ले के आधा दर्जन घरों, दुकानों और खेतों में घुस गया। इसके अलावा कुछ वाहन भी इसकी चपेट में आ गए। सुबह 6:00 बजे यह घटना हुई।  तुंगल क्षेत्र की तरफ से जिला मुख्यालय के लिए आने वाले स्कूल-कॉलेज के बच्चों और कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत के बाद यहां से आगे निकलना पड़ा। लोगों ने बच्चों को गोद में उठाकर यहां से पार करवाया। स्थानीय निवासी रेहान सैनी, निर्मला देवी, मुरारी लाल सैनी, लेसर सैनी और बॉबी ठाकुर ने बताया कि इस नाले के बहाव से सैण मोहल्ले के लोग डर के साए में जीने को मजबूर हो गए हैं। पहाड़ी पर भूस्खलन होने के बाद वहां का सारा मलबा इस नाले के माध्यम से नीचे लोगों के घरों में आ रहा है। लोगों ने सरकार, प्रशासन और विभाग से इसके स्थाई समाधान की गुहार लगाई है।

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