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Himachal Weather: भूस्खलन से राज्य में 601 सड़कें बंद, हमीरपुर में मकान जमींदोज, मां-बेटी घायल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Mon, 15 Sep 2025 11:28 AM IST
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सार

राज्य में जगह-जगह भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें ठप हैं। इसके अतिरिक्त सैकड़ों बिजली ट्रांसफार्मर बंद होने से कई ग्रामीण इलाकों में लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 

Himachal Weather rain:  roads closed in the state due to landslide, Gaushala destroyed in Kangra, clouds will
कांगड़ा में गोशाला गिरी। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश में बरसात से दुश्वारियां जारी हैं। राज्य में जगह-जगह भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें ठप हैं। इसके अतिरिक्त सैकड़ों बिजली ट्रांसफार्मर बंद होने से कई ग्रामीण इलाकों में लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य में सोमवार सुबह 10:00 बजे तक तीन नेशनल हाईवे सहित 601 सड़कें बंद रहीं। 500 बिजली ट्रांसफार्मर व 184 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित हैं। कुल्लू जिले में - 172, मंडी 201 व शिमला में 57 सड़कें बंद हैं। वहीं, नगर परिषद कांगड़ा के तहत वार्ड-1 में गोशाला गिरने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। गोशाला गिरने से एक स्कूटी, कार और दो गाय भी मलबे में दब गईं। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया। हमीरपुर में  स्लेटपोश मकान जमींदोज हो गया और मां-बेटी मलबे में दब गईं।

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बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी, लाहौल में चंद्रा नदी में फेंक दिया गोभी से भरा ट्रैक्टर
 बाढ़, बारिश और भूस्खलन ने लाहौल-स्पीति घाटी के किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। करोड़ों की गोभी और मटर की फसल खेतों में ही गल-सड़ गई। किसानों ने खराब गोभी को ट्रैक्टर में भरकर इसे चंद्रा नदी में फेक दिया है।  इन किसानों की पूरी जिंदगी खेती पर ही टिकी हैं। सर्दियां दस्तक दे चुकी हैं, लेकिन कई गरीब किसान अब छह महीने का राशन स्टॉक करने को लेकर असमर्थ हो गए हैं। किसी को बच्चों की पढ़ाई की फीस भरने की चिंता है, तो किसी को बैंक का केसीसी लोन को भरने की है।

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भरमौर-पठानकोट हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन, पेड़ भी गिरे
भरमौर-पठानकोट हाईवे पर भारी बारिश के बाद जगह-जगह भूस्खलन व पेड़ों के गिरने से वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। नैनीखड्ड, तुन्नूहटटी के समीप बीती रात भारी बारिश के साथ होने वाले भूस्खलन हुआ। इस कारण हाईवे पर छोटे-बड़े वाहनों की लंबी लाइनें लग गईं। रफ्तार थमने से चालकों और यात्रियों को वाहनों में बैठकर हाईवे बहाल होने का इंतजार करना पड़ा। एनएच मंडल के अधिशासी अभियंता मीत शर्मा ने बताया कि भारी बारिश के कारण हाईवे पर पेड़ गिरने, मलबा आने से वाहनों की रफ्तार थमी है। जिले में 29 सड़कें, 26 ट्रांसफार्मर समेत 26 पेयजल योजनाएं बाधित होने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ी हैं। विभागीय टीमें पटरी से उतरी सेवाओं को सुचारू करने में जुटी हुई हैं।

कुछ भागों में 21 सितंबर तक जारी रहेगी बारिश
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कुछ भागों में 21 सितंबर तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। 15 व 16 सिंतबर को कुछ स्थानों पर बारिश के साथ अंधड़ चलने का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। बीती रात को जोगिंद्रनगर में 56.0, पालमपुर 48.0, पंडोह 40.0, कांगड़ा 34.0, नगरोटा सूरियां 30.0, मंडी 27.5, सराहन 18.5, मुरारी देवी 18.2, भरेड़ी 17.6 व करसोग में 17.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। 

मानसून में अब तक 404 लोगों की माैत
इस मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 4,48,905.58 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। 20 जून से 14 सितंबर तक 404 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 462 लोग घायल हुए हैं। 41 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 175 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। राज्य में 564 पक्के, 876 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1,919 पक्के और 4,088 कच्चे मकानों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है। 485 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। 6,036 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं 2,094 मवेशियों की माैत हो गई। 

नाहलवीं में स्लेटपोश मकान जमींदोज, मलबे में दबी मां-बेटी
 ग्राम पंचायत नाहलवीं में सोमवार सुबह एक स्लेटपोश मकान जमींदोज हो गया।  हादसे के दाैरान घर के अंदर कार्य कर रही मां-बेटी मलबे में दब गईं। मकान गिरने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबी मां-बेटी को बाहर निकाला गया। हादसे में दोनों को गंभीर चोटें आई हैं। घायल अवस्था में दोनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोटा पहुंचाया गया। घायलों की पहचान रुक्मिणी देवी(48) और सुखा देवी(70) के रूप में हुई है। परिवार सदस्यों के अनुसार बुजुर्ग महिला नाहलवीं गांव में अपनी बेटी के घर मिलने के लिए आई थी। सुबह बेटी के बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार कर रही थी। जैसे ही वह रसोई घर में खाना बनाने के लिए गई, अचानक से मकान की दीवार गिर गई। बाहर निकलने से पहले ही पूरा मकान गिर गया। हादसे के समय सभी परिवार सदस्य घर के बाहर थे। एसडीम हमीरपुर संजीत ठाकुर ने कहा कि हलका पटवारी को मौके पर भेजा दिया गया है। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

बिलासपुर के कटिरड गांव में नाै घरों में आईं दरारें
बिलासपुर की स्वाहण पंचयात के कटिरड गांव में जमीन धंसने से नौ घरों में दरारें आ गई हैं। स्थानीय निवासी नत्थू राम, हुसन चंद ने बताया कि उनके मकान पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं और गिरने की कगार पर हैं। वह टेंट लगाकर रह रहे हैं। 3 सितंबर को उनके घरों को नुकसान हुआ था। तब पंचायत और पटवारी ने निरीक्षण किया। अब मकान पूरी तरह से गिरने की कगार पर खड़े हैं। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की उनके मकान का दोबारा से सर्वे करवाया जाए और उनके परिवारों को उचित सहायता प्रदान की जाए।  बीडीसी सदस्य रंगी राम ने गांव का दौरा किया। उन्होंने  बताया कि प्रभावित लोग सहमे हुए हैं। घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आई हैं। प्रशासन इन लोगों की भी सुध ले और ठहरने की व्यवस्था कहीं उचित जगह पर की जाए  ताकि उनके जान-माल  की हानि न हो। 

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