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Himachal: पूसा अरुणिमा, लालिमा, सूर्या आम की खुशबू से महकेगा हिमाचल, उद्यान विभाग ने शुरू किया काम

सचिन चौधरी, संवाद न्यूज एजेंसी, धर्मशाला। Published by: Krishan Singh Updated Wed, 03 Sep 2025 11:56 AM IST
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सार

अगले साल से उद्यान विभाग की सरकारी नर्सरियों से किसान-बागवान पूसा अरुणिमा, पूसा लालिमा, पूसा सूर्या, पूसा श्रेष्ठ आम के पौधे खरीद सकेंगे।

Himachal will smell with the fragrance of Pusa Arunima, Lalima, Surya mango
आम - फोटो : संवाद
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश में अब मैदानी राज्यों के आम की खुशबू महकेगी। अगले साल से उद्यान विभाग की सरकारी नर्सरियों से किसान-बागवान पूसा अरुणिमा, पूसा लालिमा, पूसा सूर्या, पूसा श्रेष्ठ आम के पौधे खरीद सकेंगे। हिमाचल में भी जल्द पूसा अरुणिमा के अलावा कई अन्य प्रजातियों के आम के पौधे तैयार होंगे। इसके लिए विभाग ने काम शुरू कर दिया है। बाहरी राज्यों से इन आम की किस्मों की कलमें मंगवाई गईं थी, जिनसे अब नए पौधे तैयार किए जा रहा है। कांगड़ा के नूरपुर स्थित जाच्छ केंद्र में इन नई किस्मों को तैयार किया जा रहा है। अगले साल से किसान इन पौधों को खरीदकर अपने खेतों में लगा सकते हैं। 

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मौजूदा समय में कांगड़ा में देसी किस्मों के साथ-साथ मल्लिका, चौसा, दशहरी, लंगड़ा, आम्रपाली किस्म के आम की होते हैं। अब आम की नई किस्मों को भी कांगड़ा की बागवानी में शामिल किया जाएगा। जानकारी के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली की ओर से इन नई किस्मों को तैयार किया गया था। अलग-अगल आम की किस्मों से इन नई प्रजातियों को तैयार किया गया है। इसके परिणाम बेहतर होने के बाद अब अन्य राज्यों में इन पौधों को तैयार किया जा रहा है। मुख्य तौर पर पूसा अरुणिमा सहित अन्य किस्मों के आम उत्तर प्रदेश, बिहार सहित मैदानी इलाकों में होते हैं।

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कांगड़ा में आम की विभिन्न किस्मों के 1.4 लाख पौधे हैं। नूरपुर क्षेत्र के जौंटा, खले, भडवार, नागनी, संदवां-सुल्याली, जाच्छ, बासा, गनोह, राजा का तालाब, रैहन, छत्तर, गोलवां, समलेट, इंदपुर, इंदौरा, डागला, हाह कुलाड़ा और कंदरोड़ी समेत विभिन्न स्थानों पर आम के बगीचे हैं, जहां हर साल आम की काफी अच्छी पैदावार होती है। हर साल जिले में औसतन 18 से 20 हजार मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है।

उद्यान विभाग की ओर से अब आम की नई किस्मों के पौधों को तैयार किया जा रहा है। अगले साल यह पौधे किसानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे। नूरपुर स्थिति जाच्छ केंद्र में इन पौधों को कलमों से तैयार किया जा रहा है। वहीं, उसी केंद्र में इन पौधों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। आम की नई किस्मों से किसानों को काफी लाभ होगा।- डॉ. अलक्ष पठानिया, उपनिदेशक, उद्यान विभाग कांगड़ा।

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