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HP Panchayat Election: नई पंचायतें बनने और जनसंख्या बढ़ने से दिखेगा आरक्षण रोस्टर में बदलाव

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Mon, 08 Sep 2025 10:09 AM IST
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सार

हिमाचल प्रदेश में 2010 की तरह आरक्षण रोस्टर हूबहू लागू नहीं होगा। बेशक राज्य सरकार ने इसे 15 साल पहले की तरह नए सिरे से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। 

HP Panchayat Election: Changes will be seen in the reservation roster due to formation of new panchayats and i
पंचायत चुनाव - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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नई पंचायतें बनने और जनसंख्या बढ़ने से चुनाव के आरक्षण रोस्टर में बदलाव दिखेगा। हिमाचल प्रदेश में 2010 की तरह आरक्षण रोस्टर हूबहू लागू नहीं होगा। बेशक राज्य सरकार ने इसे 15 साल पहले की तरह नए सिरे से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। पंचायती राज संस्थाओं के विशेषज्ञों का कहना है कि 2001 में हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या 60,77,248 थी। 2011 की जनगणना में यह 68,64,602 हो गई। अभी तक अगली जनगणना पूरी नहीं हो पाई तो इस बार आधार 2011 की जनगणना ही ली जा रही है।

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 2010 के पंचायत चुनाव के लिए 2001 की जनगणना को आधार बनाया गया। 2010 के आरक्षण रोस्टर का फार्मूला ही 2025 के इन पंचायत चुनाव में लागू किया जा रहा है। इसके लिए पिछले आरक्षण को आधार नहीं लिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में पंचायतों के चुनाव दिसंबर महीने होने जा रहे हैं। इसके लिए आरक्षण रोस्टर लागू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। सभी उपायुक्तों को इस रोस्टर को लागू करने को कहा गया है। वहीं, भाजपा और कांग्रेस ने भी चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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पिछड़ा वर्ग के लिए अधिकतम 15 प्रतिशत तक आरक्षण
पिछड़ा वर्ग के लिए अधिकतम 15 प्रतिशत तक आरक्षण होगा। आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर महिलाओं के लिए कुल पदों का 50 प्रतिशत आरक्षण होगा। पंचायत प्रधान, पंचायत समिति अध्यक्ष और जिला परिषद अध्यक्ष के पदों पर भी यही नियम लागू होंगे। इन पदों पर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षण क्रमवार रोटेशन प्रणाली से होगा। साथ ही यदि किसी पंचायत क्षेत्र या वार्ड पिछली बार किसी वर्ग के लिए आरक्षित रहा है, तो इस बार उसे सामान्य रखा जाएगा। पंचायती राज विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरक्षण की प्रक्रिया 2011 की जनगणना पर आधारित होगी। विभाग ने सभी उपायुक्तों और जिला पंचायत अधिकारियों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।

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