India-Pak Tension: तीन छुट्टियों में खुले रहेंगे आवश्यक सरकारी कार्यालय, स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।


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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के दृष्टिगत प्रदेश के सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों से विभिन्न जिलों में मौजूदा स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को वर्तमान स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन सभी स्तरों पर सतर्क रहना नितांत अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आगामी तीन छुट्टियों के दौरान प्रदेश में सभी आवश्यक सरकारी कार्यालय जैसे मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और नियंत्रण कक्ष सीमित स्टाफ के साथ कार्यरत रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पठानकोट, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों के प्रशासन को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि इन राज्यों में सायरन से सतर्क किया जाए तो तुरंत आवश्यक कार्रवाही की जाए। उन्होंने जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पूर्ण गंभीरता से पालन करने को कहा। उन्होंने धार्मिक स्थलों, हवाई अड्डों, बांधों, पुलों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नियमित रूप से मॉकड्रिल आयोजित करने को भी कहा। उन्होंने प्रदेश में स्थापित नियंत्रण कक्षों को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
सुक्खू ने केंद्र सरकार और भारतीय सेना के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जबाव देने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं साहस और धैर्य के साथ दुश्मन का सामना कर, देश की रक्षा कर रही हैं और हमें अपनी सेनाओं पर गर्व है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से केवल अधिकारिक जानकारी पर विश्वास करने और अफवाहों या भ्रामक सूचनाओं से दूर रहने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, ओंकार चंद शर्मा, आर.डी. नजीम, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार, सचिव अभिषेक जैन, राकेश कंवर बैठक में उपस्थित थे जबकि सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
सीमा पर मौजूदा संघर्ष के मद्देनजर, हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने जम्मू-पठानकोट-अमृतसर मार्ग पर यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी है। इसको देखते हुए ने एचआरटीसी बसों के परिचालन में आवश्यक समायोजन किया है। यह निर्णय लिया गया है कि रात्रि के समय अमृतसर, जालंधर, जम्मू, कटड़ा और पठानकोट के लिए एचआरटीसी सेवाओं के संचालन की समीक्षा की जाएगी तथा स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। इस सेवाओं को जसूर में ही रोक दिया गया है। इस बारे में कर्मचारियों को भी आगाह कर दिया गया है। हालांकि, स्थानीय प्राधिकारियों की ओर से कानून एवं व्यवस्था संबंधी लगाए गए प्रतिबंधों के अधीन, इन मार्गों पर नियमित समय-सारणी के अनुसार दिन के समय बस सेवाएं चलाने का प्रयास किया जाएगा। एचआरटीसी इन मार्गों पर यात्रा करने की योजना बना रहे सभी यात्रियों को सलाह देता है कि वे अपडेट रहें और अपनी यात्रा की योजना तदनुसार बनाएं। उधर, उपायुक्त चंबा के निर्देशों के अनुसार जिले के सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। कर्मचारियों को तुरंत अपने-अपने स्टेशनों पर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नरेंद्र धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला शिमला में पर्याप्त मात्रा में गंदम, चावल एवं अन्य आवश्यक सामग्री का स्टॉक उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, जिला शिमला में एलपीजी, डीजल व पेट्रोल भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और आम जनता से अपील की जाती है कि आवश्यक वस्तुओं की अनावश्यक खरीदारी न करें तभी आवश्यक वस्तुऐं खुले बाजार व खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा पीडीएस के तहत समान रूप से सभी जन को उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी विक्रेता द्वारा आवश्यक वस्तुओं के निर्धारित लाभांश से अधिक बिक्री मूल्य वसूला जाता है व अग्रिम खाद्यान्नों का भण्डारण किया जाता है तो उनके विरूद्ध हिमाचल प्रदेश जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी निरोधक आदेश, 1977 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत नियमानुसार आगामी आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अतिरिक्त आम जनता से अपील की जा रही है कि यदि जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी का कोई भी मामला आपके ध्यान में आता है तो आप खाद्य आपूर्ति विभाग के टॉल फ्री नंबर 1967 व जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के टॉल फ्री नंबर 1077 पर शिकायत कर सकते हैं।
उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट कर जम्मू-कश्मीर में विशेष रूप से श्रीनगर में पढ़ाई कर रहे हिमाचली विद्यार्थियों को सुरक्षित वापिस लाने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि इन छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में लगभग 103 छात्र जम्मू-कश्मीर में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और भारत-पाकिस्तान के मध्य बढ़ रहे तनाव के दृष्टिगत इनके परिजन अत्यंत चिंतित हैं और बच्चों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के छात्रों की सुरक्षा और कुशलता राज्य सरकार के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार इस दिशा में हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने मुख्य सचिव को तत्काल आवश्यक कदम उठाने और छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। ब्यूरो