HPBOSE: हिमाचल के स्कूली बच्चे अब रिमझिम नहीं, वीणा से पढ़ेंगे हिंदी, पाठ्यक्रम में बदलाव
स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कक्षा चौथी से छठी तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। इस दौरान जहां पुस्तकों के नामों में बदलाव हुआ है, वहीं पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया गया है।
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हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कक्षा चौथी से छठी तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। इस दौरान जहां पुस्तकों के नामों में बदलाव हुआ है, वहीं पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया गया है। अब शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थी एनसीईआरटी दिल्ली की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा के अनुरूप तैयार पाठ्यपुस्तकों को पढ़ेंगे। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 में पहली से आठवीं तक पढ़ाई जाने वाली किताबों की सूची को जारी किया है। इस दौरान शिक्षा बोर्ड पहले ही पहली से तीसरी कक्षा तक के पाठ्यक्रम में बदलाव कर चुका है।
वहीं अब चौथी से छठी कक्षा तक के पाठ्यक्रम में और पुस्तकों के नामकरण में भी बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत अब चौथी रिमझिम के स्थान पर बीणा (हिंदी), मैरीगोल्ड के स्थान पर संतूर (अंग्रेजी), मैथ मैजिक के स्थान पर मैथ मेला (गणित) किया है। विद्यार्थी भोटी भाषा और ईवीएस को भी पढ़ेंगे। पांचवीं में भी वीणा, संतूर, मैथ मेला और ईवीएस के अलावा मोरल एजुकेशन और हिस्ट्री ऑफ दि इंडियन फ्रीडम स्ट्रगल पाठ्यपुस्तक पढ़ाई जाएगी।
छठी कक्षा में मल्हार, पूर्वी, समाज का अध्ययन, भारत और उसके एंगल, होम साइंस, मॉरल एजुकेशन, हिस्ट्री ऑफ द इंडियन फ्रीडम स्ट्रगल, दीपाकम, गणित प्रकाश (अंग्रेजी मीडियम), क्रूसिटी, एक्सप्लोरिंग सोसायटी इंडिया एंड विहाइंड, हिंदी व्याकरण और रचना, इंग्लिश ग्रामर, पंजाबी पुस्तक, फोक कल्चर ऑफ हिमाचल एंड योग आदि पुस्तकों को शामिल किया है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पुस्तकों में बदलाव किया है। एनईपी-2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा के अनुरूप पाठ्यपुस्तकों को तैयार किया है। किताबें प्रदेश के विद्यार्थियों को वितरित करने के निर्देश दे दिए हैं।- डॉ. राजेश शर्मा, अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला