साउथ एशियन एथलेटिक्स गेम्स: हिमाचल के ट्रक चालक की बेटी मनीषा ने जीता स्वर्ण पदक
हमीरपुर जिले के गांव ऊटपुर की बेटी ने रांची हो में रही साउथ एशियन एथलेटिक्स गेम्स में 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के गांव ऊटपुर की बेटी ने रांची में साउथ एशियन एथलेटिक्स गेम्स में 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया है। धाविका मनीषा का हमीरपुर पहुंचने पर साई खेल संस्थान की ओर से भव्य स्वागत किया गया। अंतरराष्ट्रीय दक्षिणी एशियाई एथलेटिक्स गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर मनीषा ने हमीरपुर का ही नहीं, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है। मनीषा हमीरपुर कॉलेज के सिंथेटिक ट्रैक की ऐसी पहली खिलाड़ी है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतकर मुकाम हासिल किया है।
दो वर्ष पहले मनीषा ने ओपन एथलेटिक्स गेम्स संगरूर में 400 मीटर दौड़ में 53.81 सेकंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीत कर अपनी जगह राष्ट्रीय टीम में सुनिश्चित की है। 64वीं नेशनल अंतर स्टेट प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता, खेलो इंडिया में 400 मीटर रीले में कांस्य पदक जीता, अंडर 23 ओपन एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल, खेलो इंडिया प्रतियोगिता में कांस्य पदक तथा इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है।
मनीषा एक साधारण परिवार से संबंध रखती हैं। पिता रमेश चंद ट्रक ड्राइवर हैं और माता शीला देवी ग्राहिणी हैं। सामान्य परिवेश में पलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी धमक बिखेरने के क्रम में मनीषा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमीरपुर सिथेटिंक ट्रेक में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचीं धाविका मनीषा कुमारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने पर खुशी जाहिर की है। मनीषा ने कहा कि अपने कोच के ट्रेनिंग और मेहनत की बदौलत आज यह मुकाम हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले से ही सपना था कि देश का झंडा हासिल करूं और किस्मत में ही था और आज यह सब हो पाया है।
धाविका मनीषा ने कहा कि नशा बहुत बढ़ रहा है जोकि चिंतनीय विषय है। कहा कि जहां पर उन्होंने ट्रेनिंग की है, वहां भी नशा बहुत फैला हुआ था। उन्होंने बताया कि जिदंगी में कोई मुकाम हासिल करना है तो मेहनत बहुंत जरूरी है। मनीषा ने बताया कि 2028 में होने वाले ओपलिंक खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करना ही टारगेट है। मनीषा के पिता ने बताया कि स्कूल समय से ही मनीषा ने खेलों में रुचि दिखाई है और आज मनीषा की मेहनत रंग लाई है जिससे पूरा परिवार भी खुश है।
उन्होंने बताया कि परिवार का भी खेलों में भाग लेने के लिए पूरा सहयोग दिया है। धाविका मनीषा कोच राजिंद्र सिंह ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पहला अंतरराष्ट्रीय मेडल जीतने पर बधाई दी और कहा कि भविष्य में भी मनीषा आलेपिंक और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी देश का नाम रोशन करेंगी। उन्होंने बताया कि रांची में दक्षिण एशियाई खेलों में मनीषा ने भारत का प्रतिनिधित्व करके गोल्ड मेडल जीता है।
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