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स्यांज त्रासदी: सब कुछ बहा ले गई बरसात, मलबे में दब गईं यादें, अपनों की तलाश भी अधूरी

सतीश ठाकुर, संवाद न्यूज एजेंसी, गोहर (मंडी) Published by: Krishan Singh Updated Thu, 03 Jul 2025 12:49 PM IST
सार

मंडी जिले की स्यांज पंचायत के पंगलियुर गांव में कुदरत ने ऐसा तांडव मचाया कि दो परिवार  पानी में बह गए। अब वहां न मकान बचे हैं, न खेत। 

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Syanj tragedy: Rain swept away everything, memories buried in the rubble, search for loved ones also incomplet
गोहर के स्यांज से लापता परिवार के सदस्य। (फाइल फोटो) - फोटो : संवाद
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की स्यांज पंचायत के पंगलियुर गांव में कुदरत ने ऐसा तांडव मचाया कि दो परिवार  पानी में बह गए। अब वहां न मकान बचे हैं, न खेत। अपनों की तलाश भी अधूरी है। सोमवार की रात लोग अपने घरों में चैन की नींद सोने की तैयारी में थे, लेकिन झाबर राम और पदम के परिवार को क्या पता था कि यही रात उनकी जिंदगी की आखिरी रात बन जाएगी। सुबह होते-होते सब कुछ तबाह हो गया। स्यांज की ज्यूंणी खड्ड उफान पर थी और उसकी लहरों ने दो परिवारों की दुनिया उजाड़ दी।

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पदम के बेटे तिलक राज और पुष्प राज अब मलबे के ढेर पर बैठकर सिर्फ एक ही बात दोहरा रहे हैं- कहां जाएंगे अब न जमीन बची, न घर और अपने भी अब तक नहीं मिले। पदम के भांजे के लड़के भीम सिंह ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि उन्होंने सोमवार रात फोन करके मामा को कहा था कि निकल जाओ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मलबे में दबे घरों के साथ तमाम यादें भी दब गई हैं। पंचायत प्रधान मनोज शर्मा ने कहा कि अब तक दो शवों की पुष्टि हुई है। कई शव और भी मिले हैं, जिनकी पहचान होना बाकी है। एसडीएम स्मृतिका नेगी ने बताया कि लापता लोगों की तलाश जारी है और प्रदेश के अन्य हिस्सों में मिले शवों की शिनाख्त की जा रही है।  विधायक विनोद कुमार ने सरकार से मांग उठाई है कि प्रभावितों को उचित राहत प्रदान की जाए। 

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सराज में कई क्षेत्र अब भी संपर्क से बाहर
 सराज घाटी में आई भीषण आपदा ने न केवल जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, बल्कि प्रशासनिक तंत्र को भी पूरी तरह हिला कर रख दिया है। व्यवस्थाओं को बहाल करने के सरकारी तंत्र भी हांफ रहा है। बीते सोमवार रात से शुरू हुई भारी बारिश और भूस्खलन के चलते घाटी का कई क्षेत्रों से संपर्क कट गया है। थुनाग उपमंडल बुधवार सुबह तक बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटा रहा। मुख्य सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई और संचार व्यवस्था ठप हो गई, जिससे प्रशासन भी बुधवार दोपहर तक ही थुनाग बाजार पहुंच सका। कई गांव अब भी प्रशासन की पहुंच से बाहर हैं। शिल्ही बागी के ग्रामीणों लाल सिंह, तारा चंद, भीष्म कुमार सहित कई लोगों ने बताया कि आपदा के समय जरूरी चीजों की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है। राशन को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। 

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