Himachal: सरकारी क्षेत्र में साइबर ठगी और डिजिटल खतरों के खिलाफ कमर कसने की जरूरत, सम्मेलन में उठी आवाज
राज्य अतिथि गृह शिमला में राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के समापन दिवस सहकारी बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा पर केंद्रित रही चर्चा की चर्चा सहकारी बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा और जोखिम न्यूनीकरण पर केंद्रित रही।

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सहकारी क्षेत्र में साइबर ठगी और डिजिटल खतरों के खिलाफ कमर कसने की जरुरत है। राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के समापन पर एक सुर में यह आवाज उठी। राज्य अतिथि गृह शिमला में राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के समापन दिवस सहकारी बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा पर केंद्रित रही चर्चा की चर्चा सहकारी बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा और जोखिम न्यूनीकरण पर केंद्रित रही। समापन समारोह में बात उठी कि सहकारी समितियां वित्तीय संस्थाओं से कहीं अधिक हैं, यह सामाजिक सशक्तीकरण और ग्रामीण परिवर्तन कर रही हैं।

दो दिवसीय सम्मेलन का समापन केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की उपस्थिति में हुआ। सम्मेलन के दूसरे दिन भारत में सहकारी बैंकिंग के भविष्य पर महत्वपूर्ण विचार विमर्श के लिए सहकारी बैंकों के नेतृत्व, नीति निर्माताओं, नियामकों और विभाग प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की भूमिकाओं पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने इस बात पर जोर दिया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य न केवल सभी प्रमुख प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाना है, बल्कि ऐसे समय में सहकारी क्षेत्र के लिए नई सोच को प्रेरित करना भी है।
सीएम ने सम्मेलन के लिए सहकारी बैंक की प्रशंसा की
मुख्यमंत्री ने इस सम्मेलन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए राज्य सहकारी बैंक की प्रशंसा की। उन्होंने किसानों और संबद्ध क्षेत्रों को किफायती ऋण प्रदान करके विशेष रूप से पहाड़ी राज्यों में, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकिंग क्षेत्र से समावेशी विकास और ग्राहक केंद्रित सेवाएं जारी रखने के लिए डिजिटल नवाचार और आधुनिक सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। दिन की पहली पैनल चर्चा सहकारी बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा और जोखिम न्यूनीकरण पर केंद्रित रही। विशेषज्ञों ने डिजिटल खतरों के विरुद्ध लचीलापन विकसित करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। डेटा गोपनीयता, धोखाधड़ी की रोकथाम और क्षमता निर्माण पहलों के महत्व पर बल दिया। इसके बाद के पैनल ने सहकारी बैंकिंग सुधारों पर चर्चा की।
कुछ लोग बैंकों को बदनाम करने की कर रहे कोशिश यह बर्दाश्त नहीं : मुकेश
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारी बैंक बेहतर काम कर रहे हैं और इनमें कुल 60 हजार करोड़ का निवेश है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सहकारी बैंकों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि कि प्रदेश में लगभग 20 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हुए हैं और प्रदेश की सहकारी समितियां महिला सशक्तीकरण का उदाहरण पेश कर रही है। वर्तमान में 2,287 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां ग्रामीण वित्तीय समावेशन का कार्य कर रही है। अग्निहोत्री ने केंद्रीय राज्य सहकारिता मंत्री से प्रदेश को इस क्षेत्र में उदारतापूर्ण सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया। ऊना जिले के 'हिमकैप्स कॉलेज ऑफ लॉ' को शीघ्र वित्तीय सहयोग उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया। सहकारिता क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए स्थापित की जा रही त्रिभुवन सहकारी विवि की फीस निर्धारण पर दोबारा विचार करने का भी अनुरोध किया।