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Hindi News ›   Spirituality ›   Festivals ›   Vivah Panchami 2025 Date Significance of Shri Ram Sita Vivah Utsav on 25 November

Vivah Panchami 2025: 25 नवंबर को श्रीराम-सीता विवाह उत्सव, मनोकामना पूर्ति और कष्ट निवारण का दिव्य दिन

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: विनोद शुक्ला Updated Sun, 23 Nov 2025 11:45 AM IST
सार

Vivah Panchami 2025: जिन लोगों के विवाह में देरी या किसी प्रकार की अड़चन आ रही हो, उन्हें विवाह पंचमी का व्रत रखकर श्रीराम-सीता का विशेष पूजन करना चाहिए।

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Vivah Panchami 2025 Date Significance of Shri Ram Sita Vivah Utsav on 25 November
विवाह पंचमी पूजा विधि - फोटो : freepik
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विस्तार
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Vivah Panchami 2025: हिन्दू धर्म में मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पंचमी को अत्यंत पावन और मंगलकारी तिथि माना गया है। यह वही शुभ दिन है जब त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जनकनंदिनी माता सीता के साथ परिणय सूत्र में बंधकर आदर्श गृहस्थ जीवन की नींव रखी थी। इसी कारण यह पर्व ‘विवाह पंचमी’ के नाम से प्रसिद्ध है। अयोध्या सहित देशभर के राम मंदिरों में प्रतिवर्ष इस दिन भव्य उत्सव, शोभायात्रा, मंत्रोच्चार, यज्ञ, कल्याणोत्सव और रामचरितमानस पाठ का आयोजन किया जाता है। भक्त इस दिन श्रीराम–सीताजी के विवाह की पुनः अनुभूति करते हैं और अपने जीवन में सौभाग्य, सामंजस्य तथा मंगल कामनाओं की प्राप्ति के लिए इस उत्सव में सहभागिता करते हैं।
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1. विवाह में बाधाए दूर करने वाला शुभ दिन
जिन लोगों के विवाह में देरी या किसी प्रकार की अड़चन आ रही हो, उन्हें विवाह पंचमी का व्रत रखकर श्रीराम–सीता का विशेष पूजन करना चाहिए। शास्त्र मानते हैं कि इस दिन भगवान के विवाह का विधिवत आयोजन (सांकेतिक रूप से) करने से शीघ्र विवाह के योग मजबूत होते हैं और योग्य जीवनसाथी मिलता है। पूजा के अंत में श्रद्धा से अपनी मनोकामना भगवान के चरणों में अर्पित करनी चाहिए।
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2. विवाह पंचमी पर मानस पाठ का विशेष महत्व
पुराणों के अनुसार इसी पावन दिन गोस्वामी तुलसीदासजी ने अत्यंत दिव्य ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ की रचना पूर्ण की थी। साथ ही इसी तिथि को राम–सीता विवाह भी हुआ था। इसलिए इस दिन मानस पाठ करना अत्यंत शुभकारी माना गया है। पाठ करने से जीवन में सौभाग्य, मनःशांति और सकारात्मक उर्जा का वास होता है।

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3. श्रीराम- सीता विवाह उत्सव से दूर होते हैं जीवन के कष्ट
विवाह पंचमी के दिन श्रीराम का विधिवत पूजन कर सीताजी के साथ भगवान का सांकेतिक विवाह करवाया जाए तो जीवन के विविध कष्ट शांत होने लगते हैं। विशेषकर जो दांपत्य जीवन, संतान सुख या पारिवारिक मामलों में बाधाओं से जूझ रहे हों, वे इस दिन श्रीराम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। इससे मानसिक संताप दूर होता है और परिवार में सौहार्द बढ़ता है।

4. संकट नाशक मंत्रों का जप करें
विवाह पंचमी के दिन तुलसी की माला से भगवान को ध्यान में रखकर “ॐ जानकीवल्लभाय नमः” मंत्र का जप अत्यंत फलदायी माना गया है। इसके साथ मानस के निम्नलिखित दोहों में से किसी एक का जप करने से विवाह की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होने की मान्यता है।

दोहा 1
प्रमुदित मुनिन्ह भावंरीं फेरीं। नेग सहित सब रीति निवेरीं॥
राम सीय सिर सेंदुर देहीं। सोभा कहि न जाति बिधि केहीं॥

दोहा 2
पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियं हरषे तब सकल सुरेसा॥
बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥

दोहा 3
सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥
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