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Antonio Inoki: 1976 में मोहम्मद अली से फाइट ऑफ द सेंचुरी लड़ने वाले एंटोनियो नहीं रहे, 79 साल की उम्र में निधन
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रोहित राज
Updated Sat, 01 Oct 2022 10:49 PM IST
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सार
न्यू जापान प्रो रेसलिंग के संस्थापक अध्यक्ष इनोकी एमीलोईडोसिस से पीड़ित थे और शनिवार को उनका निधन हो गया। गले में लाल रूमाल उनका खास पहचान रहा।

एंटोनियो इनोकी
- फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
जापान के मशहूर पेशेवर पहलवान और राजनीतिज्ञ एंटोनियो इनोकी का 79 की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने 1976 में विश्व मुक्केबाजी चैंपियन मोहम्मद अली से 15 राउंड का मिश्रित मार्शल आर्ट मुकाबला खेला था। न्यू जापान प्रो रेसलिंग के संस्थापक अध्यक्ष इनोकी एमीलोईडोसिस से पीड़ित थे और शनिवार को उनका निधन हो गया। गले में लाल रूमाल उनका खास पहचान रहा।
एंटोनियो इनोकी पिछली बार सार्वजनिक रूप से अगस्त में एक टीवी शो में व्हीलचेयर पर नजर आए थे। शो पर उन्होंने कहा कि मैं बीमारी से लड़ रहा हूं, अंत तक बहादुरी से लडूंगा। आप सब लोगों से मिलकर मेरी अंदर नई शक्ति का संचार हुआ है।
कॉफी बागान में किया काम
उनका जन्म 1943 में टोक्यो के बाहरी क्षेत्र योकोहामा में हुआ था। जब वह 13 साल के थे तो उनका परिवार ब्राजील चला गया। उन्होंने एक कॉफी बागान में काम किया। जब वह छात्र थे तो शॉटपुट खेलते थे। उन्होंने 17 साल की उम्र में कुश्ती खेलना शुरू किया। तब वह जापान प्रो रेसलिंग के जनक रिकीदोजन की निगाह में आए। उन्होंने 1960 में पेशेवर कुश्ती में अपना पहला मुकाबला खेला। दो साल बाद उस रिंग का नाम उनके नाम पर रख दिया गया। दिवंगत शोहेई जियांट बाबा उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी थे। उन्हें 1976 में वैश्विक लोकप्रियता मिली जब उन्होंने मोहम्मद अली के साथ टोक्यो के बुडोकेन हाल में मुकाबला खेला जिसे प्रशंसक फाइट ऑफ द सेंचुरी के नाम से जानते हैं।
शांति के अग्रदूत ने उत्तर कोरिया के किए 30 दौरे
इनोकी ने जापान की पेशेवर कुश्ती को नई लोकप्रियता प्रदान की और जूडो, कराटे और मुक्केबाजी क्षेत्र के अन्य चैंपियन खिलाड़ियों से मुकाबले लड़े। वह उन शुरुआती खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश किया। उन्होंने खेल के जरिए शांति का संदेश देने का भी प्रयास किया। जापान के राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने उत्तरी कोरिया के 30 दौरे किए ताकि दोनों देशों के बीच शांति और मित्रता बनी रहे।
इनोकी ने 1989 में राजनीति में प्रवेश किया और ऊपरी सदन की सीट के लिए चुनाव जीता। उन्होंने 1990 में बंधक बना लिए तीन जापानी नागरिकों की रिहाई के लिए इराक का दौरा किया। उन्होंने 1998 में खेल से संन्यास ले लिया और 2019 तक राजनीति में सक्रिय रहे।
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कॉफी बागान में किया काम
उनका जन्म 1943 में टोक्यो के बाहरी क्षेत्र योकोहामा में हुआ था। जब वह 13 साल के थे तो उनका परिवार ब्राजील चला गया। उन्होंने एक कॉफी बागान में काम किया। जब वह छात्र थे तो शॉटपुट खेलते थे। उन्होंने 17 साल की उम्र में कुश्ती खेलना शुरू किया। तब वह जापान प्रो रेसलिंग के जनक रिकीदोजन की निगाह में आए। उन्होंने 1960 में पेशेवर कुश्ती में अपना पहला मुकाबला खेला। दो साल बाद उस रिंग का नाम उनके नाम पर रख दिया गया। दिवंगत शोहेई जियांट बाबा उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी थे। उन्हें 1976 में वैश्विक लोकप्रियता मिली जब उन्होंने मोहम्मद अली के साथ टोक्यो के बुडोकेन हाल में मुकाबला खेला जिसे प्रशंसक फाइट ऑफ द सेंचुरी के नाम से जानते हैं।
शांति के अग्रदूत ने उत्तर कोरिया के किए 30 दौरे
इनोकी ने जापान की पेशेवर कुश्ती को नई लोकप्रियता प्रदान की और जूडो, कराटे और मुक्केबाजी क्षेत्र के अन्य चैंपियन खिलाड़ियों से मुकाबले लड़े। वह उन शुरुआती खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश किया। उन्होंने खेल के जरिए शांति का संदेश देने का भी प्रयास किया। जापान के राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने उत्तरी कोरिया के 30 दौरे किए ताकि दोनों देशों के बीच शांति और मित्रता बनी रहे।
इनोकी ने 1989 में राजनीति में प्रवेश किया और ऊपरी सदन की सीट के लिए चुनाव जीता। उन्होंने 1990 में बंधक बना लिए तीन जापानी नागरिकों की रिहाई के लिए इराक का दौरा किया। उन्होंने 1998 में खेल से संन्यास ले लिया और 2019 तक राजनीति में सक्रिय रहे।