तीरंदाज दीपिका कुमारी ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता रजत

दीपिका कुमारी का वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह दूसरा पदक है। इससे पहले, उन्होंने 2011 में विश्व चैंपियनशिप में चेकरोलू स्वूरो और लैशराम बोम्बायला देवी की महिला रिकर्व टीम के साथ रजत पदक जीता था।

भारत की महिला रिकर्व टीम को दो सेट की बढ़त के बावजूद रविवार को यहां शीर्ष वरीय रूस के हाथों शूट ऑफ में शिकस्त के साथ विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
दीपिका कुमारी, लक्ष्मीरानी मांझी और रिमिल बरूली की तिकड़ी ने रूस की टीम पर दबाव बनाते हुए 4-0 की बढ़त बनाई लेकिन इसके बाद भारतीय टीम अगले दो सेट गंवा बैठी और फिर शूट ऑफ में भी 27-28 से पिछड़कर मुकाबला हार गई। भारत ने मौजूदा विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में दूसरा रजत पदक जीता।
इससे पहले भी भारत दिखा चुका है अपना दम

इससे पहले शनिवार को कंपाउंड तीरंदाज रजत चौहान ने ऐतिहासिक व्यक्तिगत पदक जीतकर भारत का खाता खोला था। विश्व तीरंदाजी चैँपियनशिप में यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
भारत की नजरें अब तीसरे पदक पर टिकी हैं जब लक्ष्मीरानी अपने दूसरे पदक के लिए व्यक्तिगत रिकर्व वर्ग में कांस्य पदक के मुकाबले में उतरेंगी। दूसरी वरीय भारतीय महिला टीम ने खिलाड़ियों की पोजीशन में बदलाव किए।
रूस की टीम हालांकि धीमी शुरुआत के बाद वापसी करने में सफल रही। तुयाना दाशिदोर, झीवाए सेनिया पेरोवा और इना स्टेपानोवा की तिकड़ी ने 0.4 से पिछड़ने के बाद वापसी की और तीसरे सेट में भारतीय टीम को दो अंक से पछाड़ा। चौथे सेट में भी भारतीय तिकड़ी चार अंक से पिछड़ गई जिससे रूस ने 4-4 से बराबरी हासिल की।
शूट ऑफ में दाशिदोरझीवा ने परफेक्ट 10 के साथ शुरुआत की जिसकी लक्ष्मीरानी ने बराबरी की। दूसरे शॉट में पेरोवा ने नौ अंक जुटाए जबकि रिमिल का तीर आठ अंक पर लगा।
स्टेपानोवा ने इसके बाद नौ अंक जुटाए और एक बार फिर दबाव दीपिका पर था। दीपिका को बराबरी के लिए 10 अंक की दरकार थी लेकिन वह नौ अंक ही जुटा सकीं जिससे भारत को रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा।