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Junior Hockey WC: जीत की लय बरकरार रखने उतरेगी भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम, अब स्विट्जरलैंड से होगा सामना
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, मदुरै
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Mon, 01 Dec 2025 03:41 PM IST
सार
भारत और स्विट्जरलैंड दोनों ही पूल बी में दो-दो मैच जीतकर अजेय हैं, लेकिन भारतीय टीम बेहतर गोल अंतर के आधार पर तालिका में शीर्ष पर है। चेन्नई में पहले दो मैच में भारतीय टीम ने गोल की बरसात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम
- फोटो : PTI
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विस्तार
भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम जीत की लय बरकरार रखने उतरेगी और अब उसका सामना एफआईएच जूनियर विश्व कप में अपने अंतिम ग्रुप मैच में मंगलवार को स्विट्जरलैंड से होगा। भारतीय टीम अच्छी फॉर्म में चल रही है, लेकिन उसे अब तक असली चुनौती नहीं मिली है। भारत की कोशिश रहेगी कि नॉकआउट चरण से पहले टीम अपने कमजोर पक्ष को दूर करे।
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भारत-स्विट्जरलैंड की टीमें चल रही हैं अजेय
भारत और स्विट्जरलैंड दोनों ही पूल बी में दो-दो मैच जीतकर अजेय हैं, लेकिन भारतीय टीम बेहतर गोल अंतर के आधार पर तालिका में शीर्ष पर है। चेन्नई में पहले दो मैच में भारतीय टीम ने गोल की बरसात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने पहले मैच में चिली को 7-0 से और फिर ओमान को 17-0 से हराया। दूसरी ओर स्विट्जरलैंड ने ओमान को 4-0 से हराया और फिर चिली पर 3-2 से जीत हासिल की। भारतीय टीम से उम्मीद की जा रही है कि वह अपना विजय अभियान जारी रखकर नॉकआउट से पहले बड़ी जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। लेकिन नॉकआउट चरण से पहले भारत के लिए कुछ चिंताएं बनी हुई हैं।
भारत और स्विट्जरलैंड दोनों ही पूल बी में दो-दो मैच जीतकर अजेय हैं, लेकिन भारतीय टीम बेहतर गोल अंतर के आधार पर तालिका में शीर्ष पर है। चेन्नई में पहले दो मैच में भारतीय टीम ने गोल की बरसात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने पहले मैच में चिली को 7-0 से और फिर ओमान को 17-0 से हराया। दूसरी ओर स्विट्जरलैंड ने ओमान को 4-0 से हराया और फिर चिली पर 3-2 से जीत हासिल की। भारतीय टीम से उम्मीद की जा रही है कि वह अपना विजय अभियान जारी रखकर नॉकआउट से पहले बड़ी जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। लेकिन नॉकआउट चरण से पहले भारत के लिए कुछ चिंताएं बनी हुई हैं।
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भारत के सामने कुछ चिंताएं
पहले दो मैचों में भारतीय रक्षापंक्ति की ज्यादा परीक्षा नहीं हुई क्योंकि गोलकीपर प्रिंस दीप सिंह और बिक्रमजीत सिंह को किसी तरह की खास चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा। कप्तान रोहित की अगुआई में रक्षापंक्ति भी टूर्नामेंट के अंतिम चरण में अधिक सक्रिय रहना चाहेगी। भारत के लिए चिंता का एक अन्य क्षेत्र पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर पाना है। टीम के मुख्य ड्रैगफ्लिकर कप्तान रोहित को अपने खेल में सुधार करना होगा। ऐसा नहीं है कि भारत ने पेनल्टी कॉर्नर से गोल नहीं किए, लेकिन अधिकतर गोल वैरिएशन और रिबाउंड से किए गए।
पहले दो मैचों में भारतीय रक्षापंक्ति की ज्यादा परीक्षा नहीं हुई क्योंकि गोलकीपर प्रिंस दीप सिंह और बिक्रमजीत सिंह को किसी तरह की खास चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा। कप्तान रोहित की अगुआई में रक्षापंक्ति भी टूर्नामेंट के अंतिम चरण में अधिक सक्रिय रहना चाहेगी। भारत के लिए चिंता का एक अन्य क्षेत्र पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर पाना है। टीम के मुख्य ड्रैगफ्लिकर कप्तान रोहित को अपने खेल में सुधार करना होगा। ऐसा नहीं है कि भारत ने पेनल्टी कॉर्नर से गोल नहीं किए, लेकिन अधिकतर गोल वैरिएशन और रिबाउंड से किए गए।
स्विट्जरलैंड के खिलाफ मैच मदुरै में भारत का एकमात्र मैच है। इसके बाद वह अपने बाकी मैच खेलने के लिए चेन्नई लौटेगा। यह देखना अभी बाकी है कि भारतीय खिलाड़ी यहां की परिस्थितियों के साथ किस तरह तालमेल बिठा पाते हैं। मंगलवार को अन्य मैचों में स्पेन का मुकाबला नामीबिया से (मदुरै में), बेल्जियम का मिस्र से (मदुरै में), चिली का ओमान से (चेन्नई में), नीदरलैंड का ऑस्ट्रिया से (मदुरै में), फ्रांस का बांग्लादेश से (चेन्नई में), इंग्लैंड का मलेशिया से (मदुरै में) और ऑस्ट्रेलिया का कोरिया से (चेन्नई में) होगा।