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Chip: भारत का पहला स्वदेशी 64-बिट माइक्रोप्रोसेसर Dhruv64 लॉन्च, सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 16 Dec 2025 12:22 PM IST
सार
First Made In India Microprocessor: भारत ने सेमीकंडक्टर की दुनिया में एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है। सी-डैक (C-DAC) ने देश का पहला स्वदेशी 1.0 GHz, 64-बिट डुअल-कोर माइक्रोप्रोसेसर 'Dhruv64' लॉन्च किया है। यह प्रोसेसर न केवल विदेशी तकनीक पर भारत की निर्भरता कम करेगा, बल्कि रक्षा और रणनीतिक क्षेत्रों को भी आत्मनिर्भर बनाएगा।
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DHRUV64 माइक्रोप्रोसेसर
- फोटो : PIB
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विस्तार
भारत ने तकनीक की दुनिया में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। अब तक हम कंप्यूटर और गैजेट्स के 'दिमाग' यानी प्रोसेसर के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर थे, लेकिन 'Dhruv64' के आने से यह तस्वीर बदलने वाली है। यह भारत का पहला पूरी तरह से स्वदेशी 1.0 GHz, 64-बिट डुअल-कोर माइक्रोप्रोसेसर है।
क्या है Dhruv64 और क्यों है खास?
इस प्रोसेसर को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) ने तैयार किया है। यह माइक्रोप्रोसेसर डेवलपमेंट प्रोग्राम (MDP) का हिस्सा है। सरकार की 'डिजिटल इंडिया RISC-V' पहल के तहत, अब भारत में ही चिप्स की डिजाइनिंग, टेस्टिंग और प्रोटोटाइपिंग पर जोर दिया जा रहा है। पीआईबी के मुताबिक, Dhruv64 इसी कोशिश का नतीजा है, जो देश की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
यह भी पढ़ें: टेक्नोलॉजी का कमाल! नमक के दाने से भी छोटा रोबोट, इंसान के शरीर में घुसकर करेगा इलाज
भारत के लिए यह क्यों है गेम-चेंजर?
आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में जितने भी माइक्रोप्रोसेसर बनते हैं, उसका 20% अकेले भारत इस्तेमाल करता है। अब तक हम इसके लिए आयात पर निर्भर थे। Dhruv64 के आने से रक्षा क्षेत्र और सुरक्षा से जुड़े उपकरणों में अब अपने देश का सुरक्षित प्रोसेसर इस्तेमाल होगा। इसके अलावा भारतीय कंपनियों और छात्रों को रिसर्च और नए प्रोडक्ट बनाने के लिए सस्ता और अपना स्वदेशी विकल्प मिलेगा। इसका आधुनिक आर्किटेक्चर भारी-भरकम कंप्यूटिंग और एम्बेडेड सिस्टम्स को आसानी से संभाल सकता है।
यह भी पढ़ें: निजी डेटा पर लोगों का कंट्रोल हुआ कम, बिग टेक कंपनियों से डरी दुनिया, मोजिला ने किया खुलासा
'धनुष' और 'विक्रम' प्रोसेसर भी हो रहे तैयार
Dhruv64 तो बस शुरुआत है। इसकी सफलता के बाद अब अगली पीढी के प्रोसेसर धनुष (Dhanush) और धनुष+ (Dhanush+) पर भी काम तेजी से चल रहा है, जिनकी प्रोसेसिंग स्पीड 1.2 GHz से 2 GHz के बीच होगी। गौरतलब है कि कुछ ही महीने पहले इसरो (ISRO) ने भी अपना विक्रम 32-बिट चिप दुनिया के सामने रखा था। यानी अब स्पेस हो या कंप्यूटर, भारत हर जगह अपनी छाप छोड़ने को तैयार है।
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क्या है Dhruv64 और क्यों है खास?
इस प्रोसेसर को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) ने तैयार किया है। यह माइक्रोप्रोसेसर डेवलपमेंट प्रोग्राम (MDP) का हिस्सा है। सरकार की 'डिजिटल इंडिया RISC-V' पहल के तहत, अब भारत में ही चिप्स की डिजाइनिंग, टेस्टिंग और प्रोटोटाइपिंग पर जोर दिया जा रहा है। पीआईबी के मुताबिक, Dhruv64 इसी कोशिश का नतीजा है, जो देश की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
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भारत के लिए यह क्यों है गेम-चेंजर?
आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में जितने भी माइक्रोप्रोसेसर बनते हैं, उसका 20% अकेले भारत इस्तेमाल करता है। अब तक हम इसके लिए आयात पर निर्भर थे। Dhruv64 के आने से रक्षा क्षेत्र और सुरक्षा से जुड़े उपकरणों में अब अपने देश का सुरक्षित प्रोसेसर इस्तेमाल होगा। इसके अलावा भारतीय कंपनियों और छात्रों को रिसर्च और नए प्रोडक्ट बनाने के लिए सस्ता और अपना स्वदेशी विकल्प मिलेगा। इसका आधुनिक आर्किटेक्चर भारी-भरकम कंप्यूटिंग और एम्बेडेड सिस्टम्स को आसानी से संभाल सकता है।
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'धनुष' और 'विक्रम' प्रोसेसर भी हो रहे तैयार
Dhruv64 तो बस शुरुआत है। इसकी सफलता के बाद अब अगली पीढी के प्रोसेसर धनुष (Dhanush) और धनुष+ (Dhanush+) पर भी काम तेजी से चल रहा है, जिनकी प्रोसेसिंग स्पीड 1.2 GHz से 2 GHz के बीच होगी। गौरतलब है कि कुछ ही महीने पहले इसरो (ISRO) ने भी अपना विक्रम 32-बिट चिप दुनिया के सामने रखा था। यानी अब स्पेस हो या कंप्यूटर, भारत हर जगह अपनी छाप छोड़ने को तैयार है।