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Microbot: टेक्नोलॉजी का कमाल! नमक के दाने से भी छोटा रोबोट, इंसान के शरीर में घुसकर करेगा इलाज
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 16 Dec 2025 10:58 AM IST
सार
क्या आपने कभी सोचा है कि एक ऐसा रोबोट हो सकता है जो नमक के दाने से भी छोटा हो? अमेरिका के वैज्ञानिकों ने यह कारनामा कर दिखाया है। यह नन्हा रोबोट न सिर्फ सोच सकता है, बल्कि आपके शरीर के अंदर तैरकर बीमारियों का इलाज भी कर सकता है।
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माइक्रोबॉट
- फोटो : AI जनरेटेड
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विस्तार
विज्ञान की दुनिया में एक बड़ा चमत्कार हुआ है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया (UPenn) और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (U-M) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा 'माइक्रो-रोबोट' बनाया है, जिसका आकार नमक के दाने से भी छोटा है। 'साइंस रोबोटिक्स' जर्नल में छपी इस रिसर्च ने मेडिकल साइंस को एक नई दिशा दी है।
खुद सोचता है और तैरता है यह रोबोट
यह दुनिया का पहला ऐसा नन्हा रोबोट है जो महसूस कर सकता है, सोच सकता है और अपनी मर्जी से काम कर सकता है। इसके बेहद छोटे शरीर में एक कंप्यूटर, मोटर और सेंसर फिट किए गए हैं। यह रोबोट सौर ऊर्जा से चलता है और तैरने के लिए दो इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल करता है।
शरीर के अंदर करेगा मरहम-पट्टी
शोधकर्ता मार्क मिस्किन के मुताबिक, भविष्य में इन रोबोट्स का इस्तेमाल इंसान के शरीर के उन हिस्सों तक दवा पहुंचाने के लिए किया जा सकेगा जहां डॉक्टर के औजार नहीं पहुंच पाते। यह टूटे हुए टिशू को जोड़ने में भी मदद करेगा। इसे सिलिकॉन और टाइटेनियम से बनाया गया है और कांच जैसी परत से ढका गया है ताकि शरीर के तरल पदार्थों से यह खराब न हो।
भविष्य की तैयारी
हालांकि, यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है और इंसानों पर इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। वैज्ञानिक डेविड ब्लाउ का कहना है कि उनकी अगली कोशिश इन रोबोट्स को आपस में बात करना सिखाना है, ताकि वे एक टीम की तरह मिलकर बड़ी बीमारियों से लड़ सकें।
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खुद सोचता है और तैरता है यह रोबोट
यह दुनिया का पहला ऐसा नन्हा रोबोट है जो महसूस कर सकता है, सोच सकता है और अपनी मर्जी से काम कर सकता है। इसके बेहद छोटे शरीर में एक कंप्यूटर, मोटर और सेंसर फिट किए गए हैं। यह रोबोट सौर ऊर्जा से चलता है और तैरने के लिए दो इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल करता है।
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शरीर के अंदर करेगा मरहम-पट्टी
शोधकर्ता मार्क मिस्किन के मुताबिक, भविष्य में इन रोबोट्स का इस्तेमाल इंसान के शरीर के उन हिस्सों तक दवा पहुंचाने के लिए किया जा सकेगा जहां डॉक्टर के औजार नहीं पहुंच पाते। यह टूटे हुए टिशू को जोड़ने में भी मदद करेगा। इसे सिलिकॉन और टाइटेनियम से बनाया गया है और कांच जैसी परत से ढका गया है ताकि शरीर के तरल पदार्थों से यह खराब न हो।
भविष्य की तैयारी
हालांकि, यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है और इंसानों पर इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। वैज्ञानिक डेविड ब्लाउ का कहना है कि उनकी अगली कोशिश इन रोबोट्स को आपस में बात करना सिखाना है, ताकि वे एक टीम की तरह मिलकर बड़ी बीमारियों से लड़ सकें।