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Mozilla Survey: निजी डेटा पर लोगों का कंट्रोल हुआ कम, बिग टेक कंपनियों से डरी दुनिया, मोजिला ने किया खुलासा

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Tue, 16 Dec 2025 12:25 AM IST
सार

क्या आप इंटरनेट पर सुरक्षित महसूस करते हैं? मोजिला के एक नए सर्वे ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दुनिया भर में 84% लोगों को लगता है कि ऑनलाइन डेटा और गोपनीयता पर उनका कोई बस नहीं चलता। जानिए आखिर क्यों लोग बिग टेक कंपनियों के सामने खुद को इतना लाचार महसूस कर रहे हैं।

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mozilla survey 84 percent users lack online privacy control big tech companies
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : फ्रीपिक
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विस्तार
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आज के डिजिटल दौर में 'प्राइवेसी' शब्द का अर्थ धुंधला होता जा रहा है। हम जो सर्च करते हैं, जो वीडियो देखते हैं, या जो बात करते हैं, सब कुछ ट्रैक हो रहा है। इसी चिंता को समझने के लिए, लोकप्रिय वेब ब्राउजर फायरफॉक्स (Firefox) बनाने वाली कंपनी मोजिला (Mozilla) ने एक बड़ा कदम उठाया है। अपने अभियान "ओपन व्हाट यू वांट" के तहत मोजिला ने यह जानने की कोशिश की कि क्या आम लोग अपनी ऑनलाइन दुनिया में खुद को स्वतंत्र महसूस करते हैं। मोजिला ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के 8,000 वयस्कों पर एक सर्वे किया, जिसके नतीजे काफी डराने वाले हैं।
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अब बहुत देर हो चुकी है...
सर्वे में शामिल 84% लोगों ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऑनलाइन प्राइवेसी पर उनका कोई नियंत्रण है। जर्मनी के लोग थोड़े आशावादी दिखे, जहां 21% लोगों ने माना कि वे कंट्रोल में हैं, लेकिन बाकी देशों में स्थिति गंभीर है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि 24% लोग तो हार मान चुके हैं। उनका कहना है कि अब बहुत देर हो चुकी है, क्योंकि बड़ी टेक कंपनियों के पास पहले से ही उनकी इतनी जानकारी है कि अब कुछ छिपाने का कोई फायदा नहीं है।
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AI और ट्रैकिंग से खफा हैं लोग 
यूजर्स के मन में बिग टेक कंपनियों के प्रति गुस्सा और निराशा दोनों है। 47% लोग इस बात से नाराज हैं कि उनकी सहमति के बिना उन्हें ट्रैक किया जाता है।वहीं, 38% लोग इस बात से परेशान हैं कि उनके पर्सनल डेटा का इस्तेमाल AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को ट्रेनिंग देने के लिए किया जा रहा है जिसके बारे में उनसे पूछा तक नहीं गया। 36% लोग (खासकर अमेरिका और ब्रिटेन में) इस बात से निराश हैं कि कंपनियों को उनके बारे में जरूरत से ज्यादा पता है।

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सेटिंग्स में उलझाकर डेटा की होती है ट्रैकिंग
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि ब्राउजर्स की डिफॉल्ट सेटिंग्स इतनी पेचीदा होती हैं कि यूजर चाहकर भी उन्हें बदल नहीं पाता। फायरफॉक्स के प्रोडक्ट वीपी, अजीत वर्मा ने जोर देकर कहा कि टेक्नोलॉजी को हमेशा इंसानियत को पहले रखना चाहिए। वहीं, मोजिला की ग्लोबल मार्केटिंग वीपी क्रिस्टीना लैंग का कहना है कि मोजिला का मकसद लोगों को वह कंट्रोल वापस दिलाना है, जो बिग टेक कंपनियों ने छीन लिया है।

लोग अब डेटा शेयर न करने को ही अपनी आजादी का सबसे बड़ा हथियार मानने लगे हैं। यह सर्वे साफ करता है कि इंटरनेट का मौजूदा ढांचा यूजर्स के भरोसे को तोड़ रहा है।
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