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एक छत के नीचे मिलेगी रेप, घरेलू हिंसा पीड़ितों को मदद

एक छत के नीचे मिलेगी रेप, घरेलू हिंसा पीड़ितों को मदद Updated Wed, 09 Mar 2016 01:49 AM IST
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एक छत के नीचे मिलेगी रेप, घरेलू हिंसा पीड़ितों को मदद - फोटो : अमर उजाला ब्यूरो
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प्रदेश सरकार ने विश्व महिला दिवस पर आधी आबादी को बड़ी सौगात दी है। घरेलू हिंसा, बलात्कार, छेड़खानी, एसिड अटैक, दहेज की पीड़िताओं को अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। रिपोर्ट लिखाने के लिए थाने या फिर कानूनी मदद के लिए अधिवक्ताआें के पास नहीं जाना होगा। ऐसी तमाम आवश्यक सुविधाएं अब एक छत के नीचे मुहैया होंगी। इसके लिए लेडी लायल (महिला जिला अस्पताल) में रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केंद्र खोला गया है। अस्पताल में इसकी अलग से विंग बनी है। मंगलवार को इसका उद्घाटन डीएम पंकज कुमार और एसएसपी डा. प्रीतिंदर सिंह ने किया। साथ ही यहां मॉक ड्रिल भी हुई। जिसमें आग लगने, भूकंप आने के दौरान बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डा. नीना गुप्ता ने अधिकारियों को लेडी लायल में सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी।
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आशा केंद्र की ये है खासियत:
बनाए गए चार सेल:
महिला सेल: कोई भी पीड़िता यहां आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है।
चिकित्सक सेल: विशेषज्ञ, पीड़ित को आवश्यक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएंगे।
कानूनी सेल: पीड़ित को कानूनी मदद के लिए अधिवक्ता की सुविधा रहेगी।
काउंसलिंग सेल: अपराध की शिकार पीड़िताओं की विशेषज्ञ काउंसलिंग करेंगे।


मिलेगा एक से 10 लाख का मुआवजा
- पीड़ित महिलाओं को रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष की भी सुविधा है। इसमें पीड़ित महिलाओं के आरोप सही पाए जाने पर उन्हें एक से 10 लाख रुपये तक का मुआवजा भी दिया जाएगा। कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद संस्तुति राशि किश्तों में दी जाएगी।
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रोजगार दिलाने के भी रहेंगे प्रयास
- पीड़ितों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए उनकी योग्यतानुसार कार्य दिलाया जाएगा। इसके अलावा उन्हें तमाम कुटरी उद्योगों के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें समाजसेवी और उद्यमियों के अलावा कौशल विकास योजनाओं का सहारा लिया जाएगा।

रहने के लिए भी है व्यवस्था
- जरूरत पर पीड़िता और उसके एक तीमारदार को सेंटर में ठहरने की भी सुविधा की गई है। भोजन आदि की व्यवस्था नि:शुल्क रहेगी।

मुसीबत में पहुंचेगी रेस्क्यू वैन
- उत्पीड़न की शिकार महिला हेल्प लाइन 181 नंबर पर फोन कर सकती हैं। ये सेवा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से शुरू हुई है। इस पर कॉल लखनऊ पहुंचेगा, जहां से संबंधित जिले के पुलिस मुख्यालय को सूचित करेगी। पता नोट कर अस्पताल से रेस्क्यू वैन पहुंच पीड़ित की मदद करेगी। इसमें महिला पुलिस ही तैनात की गई है।

इन हेल्प लाइन नंबरों से रहेगा संपर्क:
1090- महिला हेल्प लाइन
1098- चाइल्ड केयर
102: एंबुलेंस सेवा
181: उत्पीड़न हेल्प लाइन
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