{"_id":"68655d080f7197c65c0ab0a8","slug":"illegal-hospitals-continued-to-run-at-the-mercy-of-officials-ayodhya-news-c-97-1-ayo1005-131354-2025-07-02","type":"story","status":"publish","title_hn":"Ayodhya News: अधिकारियों के रहमो-करम पर चलते रहे अवैध अस्पताल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Ayodhya News: अधिकारियों के रहमो-करम पर चलते रहे अवैध अस्पताल
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Wed, 02 Jul 2025 09:53 PM IST
विज्ञापन


अयोध्या। जिले भर में खुले अवैध अस्पतालों पर हो रही कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग के पूर्व के अधिकारियों की कार्यशैली संदेह के घेरे में है। उन्हीं की मेहरबानी से जगह-जगह अवैध अस्पताल फलते-फूलते रहे। बीच-बीच में इनके शिकार होकर लोग शिकायतें करते रहे, लेकिन अधिकारी जांच-जांच खेलकर उनकी आवाज दबाते रहे।
पिछले वर्ष जिले में 50 बेड तक के 190 निजी नर्सिंग होम संचालित थे। 30 अप्रैल तक इनके लाइसेंस का नवीनीकरण होना था, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए थे। नवीनीकरण में लोग दिलचस्प नहीं दिखे तो सीएमओ ने इनका निरीक्षण शुरू किया। अलग-अलग टीमें अस्पतालों का निरीक्षण करने लगीं तो बड़े पैमाने पर खामियां मिलीं।
ऐसे लगभग 25 अस्पतालों को पूर्ण या आंशिक रूप से सील किया गया। इनमें सोहावल और अयोध्या हॉस्पिटल का पंजीकरण ही नहीं था। जबकि, 16 का नवीनीकरण नहीं हुआ था। यह संख्या सिर्फ कुछ इलाकों में हुए निरीक्षण के बाद सामने आई। जबकि, जांच का दायरा बढ़ाने पर इनकी तादाद बढ़ सकती है। इस कार्रवाई से पूर्व के अधिकारियों की सजगता जाहिर हो रही है।
सूत्रों के अनुसार जिन इलाकों में अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वहां की सीएचसी पर इस माह संस्थागत प्रसव में इजाफा हुआ है। इन अस्पतालों की मदद करने वाली आशा बहुओं को चिह्नित करके उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
जगह-जगह खुले इन अस्पतालों में छापा के दौरान घोर अनियमितताएं मिली हैं। अधिकांश जगहों पर कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं मिला। कहीं स्टाफ नर्स तो कहीं एएनएम मरीज देखते मिलीं। मानक के अनुरूप न तो ओटी मिली ना ही अन्य संसाधन मिले। इस तरह पूर्व में हुए इनके पंजीकरण पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सीएमओ डॉ. सुशील कुमार बनियान ने बताया कि अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ अभियान चल रहा है। किसी भी स्रोत से सूचना मिलने पर टीम के साथ छापा मारकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाता है। आगे भी अभियान जारी रहेगा।
विज्ञापन
Trending Videos
पिछले वर्ष जिले में 50 बेड तक के 190 निजी नर्सिंग होम संचालित थे। 30 अप्रैल तक इनके लाइसेंस का नवीनीकरण होना था, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए थे। नवीनीकरण में लोग दिलचस्प नहीं दिखे तो सीएमओ ने इनका निरीक्षण शुरू किया। अलग-अलग टीमें अस्पतालों का निरीक्षण करने लगीं तो बड़े पैमाने पर खामियां मिलीं।
विज्ञापन
विज्ञापन
ऐसे लगभग 25 अस्पतालों को पूर्ण या आंशिक रूप से सील किया गया। इनमें सोहावल और अयोध्या हॉस्पिटल का पंजीकरण ही नहीं था। जबकि, 16 का नवीनीकरण नहीं हुआ था। यह संख्या सिर्फ कुछ इलाकों में हुए निरीक्षण के बाद सामने आई। जबकि, जांच का दायरा बढ़ाने पर इनकी तादाद बढ़ सकती है। इस कार्रवाई से पूर्व के अधिकारियों की सजगता जाहिर हो रही है।
सूत्रों के अनुसार जिन इलाकों में अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वहां की सीएचसी पर इस माह संस्थागत प्रसव में इजाफा हुआ है। इन अस्पतालों की मदद करने वाली आशा बहुओं को चिह्नित करके उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
जगह-जगह खुले इन अस्पतालों में छापा के दौरान घोर अनियमितताएं मिली हैं। अधिकांश जगहों पर कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं मिला। कहीं स्टाफ नर्स तो कहीं एएनएम मरीज देखते मिलीं। मानक के अनुरूप न तो ओटी मिली ना ही अन्य संसाधन मिले। इस तरह पूर्व में हुए इनके पंजीकरण पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सीएमओ डॉ. सुशील कुमार बनियान ने बताया कि अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ अभियान चल रहा है। किसी भी स्रोत से सूचना मिलने पर टीम के साथ छापा मारकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाता है। आगे भी अभियान जारी रहेगा।