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Ayodhya News: चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचा सरयू का जलस्तर
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Wed, 02 Jul 2025 09:34 PM IST
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अयोध्या/शुजागंज। पहाड़ी इलाकों में लगातार जारी बारिश के कारण सरयू नदी का जल स्तर भी तेजी से बढ़ने लगा है। बुधवार को जल स्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंच गया है। देर रात तक जलस्तर के चेतावनी बिंदु को पार करने की संभावना है। हर घंटे सरयू का जलस्तर दो सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है। तटीय इलाकों में बसे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सोमवार सुबह आठ बजे शारदा और गिरजा बैराज से 2.22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो अब जिले में पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग के अभियंता अमन चौधरी ने बताया कि बुधवार शाम पांच बजे सरयू का जलस्तर 91़ 71 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो कि चेतावनी बिंदु 91़ 73 मीटर से महज दो सेमी दूर है। जलस्तर में हर घंटे दो सेमी की वृद्धि दर्ज की जा रही है। देर रात तक सरयू चेतावनी बिंदु को पार कर जाएगी। हालांकि सरयू अभी खतरे के निशान 92़ 73 मीटर से एक मीटर दूर है।
शुजागंज प्रतिनिधि के अनुसार रुदौली तहसील क्षेत्र के एक दर्जन गांव के ग्रामीणों को जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ का खतरा सताने लगा है। कैथी मांझा, महगू का पुरवा, सराय नासिर, मुजेहाना, कैथी गांव, मरोचा माझा, अब्बूपुर, सल्लाहपुर बाढ़ से हर साल प्रभावित होते हैं। इन गांव के लोगों को हर साल तीन माह परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रुदौली तहसीलदार विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, लेकिन अभी बाढ़ जैसे कोई हालात नहीं हैं। सरयू नदी के किनारे बाढ़ प्रभावित गांवों की स्थिति पर नजर रखने के लिए क्षेत्रीय लेखपालों को लगाया गया है ।
सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए बाढ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों का बुधवार को जिलाधिकारी अयोध्या निखिल टीकाराम फुंडे व सीडीओ कृष्ण कुमार सिंह ने निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंचे जिलाधिकारी व सीडीओ ने रामपुर पुवारी माझा में ग्रामीणों के साथ बैठक कर राहत व बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी लोग समय रहते सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत स्थापित बाढ़ राहत चौकी या प्रशासनिक कर्मचारियों से संपर्क करें। जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान रमेश निषाद को राहत कार्यों की निगरानी और व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी भी किसान की एक प्रतिशत भी फसल क्षति हुई हो तो उसकी सूची बनाकर तत्काल मुआवजा दिलाया जाए। उपजिला अधिकारी सदर रामप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ से विस्थापित परिवारों के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है, जिससे भविष्य में उन्हें बार-बार बाढ़ की त्रासदी न झेलनी पड़े।
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केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सोमवार सुबह आठ बजे शारदा और गिरजा बैराज से 2.22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो अब जिले में पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग के अभियंता अमन चौधरी ने बताया कि बुधवार शाम पांच बजे सरयू का जलस्तर 91़ 71 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो कि चेतावनी बिंदु 91़ 73 मीटर से महज दो सेमी दूर है। जलस्तर में हर घंटे दो सेमी की वृद्धि दर्ज की जा रही है। देर रात तक सरयू चेतावनी बिंदु को पार कर जाएगी। हालांकि सरयू अभी खतरे के निशान 92़ 73 मीटर से एक मीटर दूर है।
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शुजागंज प्रतिनिधि के अनुसार रुदौली तहसील क्षेत्र के एक दर्जन गांव के ग्रामीणों को जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ का खतरा सताने लगा है। कैथी मांझा, महगू का पुरवा, सराय नासिर, मुजेहाना, कैथी गांव, मरोचा माझा, अब्बूपुर, सल्लाहपुर बाढ़ से हर साल प्रभावित होते हैं। इन गांव के लोगों को हर साल तीन माह परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रुदौली तहसीलदार विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, लेकिन अभी बाढ़ जैसे कोई हालात नहीं हैं। सरयू नदी के किनारे बाढ़ प्रभावित गांवों की स्थिति पर नजर रखने के लिए क्षेत्रीय लेखपालों को लगाया गया है ।
सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए बाढ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों का बुधवार को जिलाधिकारी अयोध्या निखिल टीकाराम फुंडे व सीडीओ कृष्ण कुमार सिंह ने निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंचे जिलाधिकारी व सीडीओ ने रामपुर पुवारी माझा में ग्रामीणों के साथ बैठक कर राहत व बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी लोग समय रहते सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत स्थापित बाढ़ राहत चौकी या प्रशासनिक कर्मचारियों से संपर्क करें। जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान रमेश निषाद को राहत कार्यों की निगरानी और व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी भी किसान की एक प्रतिशत भी फसल क्षति हुई हो तो उसकी सूची बनाकर तत्काल मुआवजा दिलाया जाए। उपजिला अधिकारी सदर रामप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ से विस्थापित परिवारों के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है, जिससे भविष्य में उन्हें बार-बार बाढ़ की त्रासदी न झेलनी पड़े।