जयकारों के बीच हुआ जलाभिषेक


रविवार आधी रात से ही मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई और कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया। सोमवार सुबह को भी कांवड़िए ढोल नगाड़ों के साथ परिजनों को लेकर मंदिर पहुंचे और शुभ मुहूर्त में महादेव का जलाभिषेक किया।
झालू स्थित मनोकामना शिव मंदिर, खारी स्थित बाबा झारखंडी मंदिर, चामुंडा मंदिर, शीतला माता मंदिर, बाबा लंगोटिया मंदिर, हरिहर मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, राम बाग घेर स्थित शिव मंदिर आदि में कांवड़ियों व श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। उधर, बेगावाला क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर मंडावली के शिव मंदिर, धारूवाला के शिव मंदिर, चंदपुरा कॉलोनी, धर्मनगरी, बाकरपुर गढ़ी के मंदिरों में भी शिवभक्तों ने महादेव का जलाभिषेक किया। मोहम्मदपुर मंडावली के मंदिर पर शिवभक्तों ने रात्रि विश्राम के लिए भी व्यवस्था की थी और मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया।
शिव की महिमा का वर्णन
बिजनौर। गायत्री शक्ति पीठ स्थित शिवलिंग पर महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में जलाभिषेक किया गया। गायत्री परिजनों ने शिव की महिमा का वर्णन किया। गायत्री शक्ति पीठ पर सुबह से शिवभक्तों का तांता लगा था। गायत्री परिजनों ने बताया कि शिव का शाब्दिक अर्थ है श्रेष्ठता। महाशिवरात्रि पर मंदिर में शिवलिंग का गंगाजल, दूध-दही, फूल-फल, बेल-पत्ती से जलाभिषेक कर पूजन किया जाता है। मौके पर अमरेश राठी, अशोक कुमार शर्मा, हुकुम सिंह शास्त्री, डा. राधेश्याम शर्मा, आदि उपस्थित रहे।
गौ सेवा का संकल्प लिया
नगीना। श्रीकृष्ण गौशाला में महाशिवरात्रि के अवसर पर साहीवाल नस्ल के तीन नदियों का पूजा अर्चना के बाद नामकरण संस्कार किया गया। मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य के गौरक्षा दल के प्रदेशाध्यक्ष राजकिशोर रहे। नामकरण संस्कार के अवसर पर गौशाला कार्यकारिणी के अनुप वाल्मीकि, राकेश कटारिया, घनश्याम, आदि मौजूद रहे। दंदियों को भीम, गोविंद और बजरंग नाम दिए गए। उधर, भागूवाला में कश्यप समाज की ओर से महाशिवरात्रि अवसर पर भगवान शंकर और माता पार्वती की झांकी निकाली गई। संरक्षक जनार्दन, संयोजक अतर सिंह कश्यप, धन सिंह, नत्थू सिंह, यशपाल सिंह, कन्हैया सिंह के नेतृत्व में शोभायात्रा फर्जपुर से शुरू होकर हसनपुर में संपन्न हुई।