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14 कोसी परिक्रमा आज से, उमड़े श्रद्धालु
अमर उजाला ब्यूरो/फैजाबाद
Updated Mon, 07 Nov 2016 11:29 PM IST
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रामनगरी में मेले में पहुंचते श्रद्धालु।
- फोटो : अमर उजाला
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कहीं जय श्रीराम का उद्घोष तो कहीं राम-राम.., सीता राम.. संकीर्तन की धुन के बीच लाखों श्रद्धालुओं की चौदह कोसी परिक्रमा मंगलवार को सुबह तय मुहूर्त पर 7:32 बजे शुरू होगी। लाखों भक्त अपनी सुविधानुसार परिक्रमा पथ पर जहां से निकलेंगे, वहीं समापन करेंगे।
परिक्रमा को लेकर दूरदराज के क्षेत्रों से ट्रैक्टरों-बसों, ट्रेनों समेत निजी साधनों से भक्तों का आना सोमवार से शुरू हो गया है। देर शाम तक रामनगरी समेत परिक्रमा पथ पर जगह-जगह श्रद्धालुओं का डेरा सजने लगा है।
अयोध्या व फैजाबाद शहर की परिधि पर 14 कोसी परिक्रमा पथ की दूरी लगभग 45 किमी. की है। प्रसिद्ध कार्तिक पूर्णिमा मेला आठ नवंबर से आरंभ हो रहा है। परिक्रमा के मद्देनजर नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है।
सोमवार को बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने मठ-मंदिरों में पूजन-अर्चन किया। परिक्रमा मार्ग पर सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होने वाले परिक्रमा में मेलार्थियों की सुुविधाओं के लिए व्यवस्थाओं के मुकम्मल होने का दावा प्रशासन ने किया है।
उसके इस दावे के बीच परिक्रमा की पूर्व संध्या पर परिक्रमा मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य किया जाता रहा। जनौरा, हलकारा का पुरवा सहित गुप्तारघाट से अयोध्या के बीच ऐसे कई स्थल हैं, जहां व्यवस्थाएं अब भी नाकाफी हैं। इसी तरह प्रकाश व श्रद्धालुओं की सुरक्षा और दूसरी व्यवस्थाएं अपेक्षा के अनुरूप पूरी होती नहीं दिखी रही।
अयोध्या में सुबह से ही सरयू के स्नान घाटों से लेकर प्रमुख मंदिरों नागेश्वरनाथ, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, श्रीकालेराम, हनुमत निवास, श्रीमणिराम दास की छावनी आदि मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए भारी भीड़ उमड़ी रही। श्रद्धालुओं ने परिक्रमा पथ पर अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार पहले से निश्चित किए गए स्थान से परिक्रमा के लिए आना शुरू कर दिया है।
दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सआदतगंज, अफीम कोठी आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा की तैयारी की है। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह-जगह सेवा शिविर भी लग रहे हैं। जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं।
दर्द निवारक दवाएं और मरहम सेवा शिविरों में रखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 17 स्थानों पर शिविर के टेंट तान दिए हैं, तो निजी दवा दुकानों ने भी सेवा कार्य में हाथ बढ़ाया है, इसके 100 से अधिक शिविर लग रहे हैं। इसके अलावा खाने-पीने व ठहरने के इंतजाम भी सैकड़ों स्थानों पर किए जा रहे हैं। स्वयं सेवी संस्थाओं में सेवा करके पुण्य कमाने की होड़ है।
परिक्रमा को लेकर दूरदराज के क्षेत्रों से ट्रैक्टरों-बसों, ट्रेनों समेत निजी साधनों से भक्तों का आना सोमवार से शुरू हो गया है। देर शाम तक रामनगरी समेत परिक्रमा पथ पर जगह-जगह श्रद्धालुओं का डेरा सजने लगा है।
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अयोध्या व फैजाबाद शहर की परिधि पर 14 कोसी परिक्रमा पथ की दूरी लगभग 45 किमी. की है। प्रसिद्ध कार्तिक पूर्णिमा मेला आठ नवंबर से आरंभ हो रहा है। परिक्रमा के मद्देनजर नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है।
सोमवार को बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने मठ-मंदिरों में पूजन-अर्चन किया। परिक्रमा मार्ग पर सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होने वाले परिक्रमा में मेलार्थियों की सुुविधाओं के लिए व्यवस्थाओं के मुकम्मल होने का दावा प्रशासन ने किया है।
उसके इस दावे के बीच परिक्रमा की पूर्व संध्या पर परिक्रमा मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य किया जाता रहा। जनौरा, हलकारा का पुरवा सहित गुप्तारघाट से अयोध्या के बीच ऐसे कई स्थल हैं, जहां व्यवस्थाएं अब भी नाकाफी हैं। इसी तरह प्रकाश व श्रद्धालुओं की सुरक्षा और दूसरी व्यवस्थाएं अपेक्षा के अनुरूप पूरी होती नहीं दिखी रही।
अयोध्या में सुबह से ही सरयू के स्नान घाटों से लेकर प्रमुख मंदिरों नागेश्वरनाथ, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, श्रीकालेराम, हनुमत निवास, श्रीमणिराम दास की छावनी आदि मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए भारी भीड़ उमड़ी रही। श्रद्धालुओं ने परिक्रमा पथ पर अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार पहले से निश्चित किए गए स्थान से परिक्रमा के लिए आना शुरू कर दिया है।
दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सआदतगंज, अफीम कोठी आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा की तैयारी की है। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह-जगह सेवा शिविर भी लग रहे हैं। जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं।
दर्द निवारक दवाएं और मरहम सेवा शिविरों में रखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 17 स्थानों पर शिविर के टेंट तान दिए हैं, तो निजी दवा दुकानों ने भी सेवा कार्य में हाथ बढ़ाया है, इसके 100 से अधिक शिविर लग रहे हैं। इसके अलावा खाने-पीने व ठहरने के इंतजाम भी सैकड़ों स्थानों पर किए जा रहे हैं। स्वयं सेवी संस्थाओं में सेवा करके पुण्य कमाने की होड़ है।