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Ghazipur News: जन्म प्रमाणपत्र फर्जीवाड़े में सचिव से मांगा स्पष्टीकरण
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मरदह। जन्म प्रमाण पत्र में हुए फर्जीवाड़े के मामले में 24 घंटे बाद भी कोई ठोस कार्रवाई न होने ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
स्थिति यह है कि एक वर्ष के अंदर 15 मृत्यु प्रमाणपत्र तो 10 जन्म प्रमाण पत्र बनने का मामला भी सामना आया है। इधर प्रभारी एडीओ पंचायत ने डाड़ीकला के सचिव से स्पष्टीकरण मांगने के साथ नोटिस जारी किया है।
डाड़ीकला गांव की अदिति यादव पुत्री शशिकला यादव पत्नी प्रशांत कुमार यादव के नाम से बीते 15 अप्रैल को जन्मप्रमाण जारी हुआ था। लाभार्थी ने जब पूर्व सचिव का डिजिटल हस्ताक्षर देखा तो उसके होश उड़ गए। यहीं नहीं जब लाभार्थी ने जन्म प्रमाण संशोधन के लिए सचिव को फोन लगाया तो वर्तमान सचिव के बजाय पूर्व सचिव के पास फोन चला गया। उसने तत्काल विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इससे विकास खंड क्षेत्र में ऊहापोह की स्थिति बनी है।
जबकि बीते 21 फरवरी तक डांड़ीकला ग्राम पंचायत में बतौर ग्राम पंचायत अधिकारी तैनात रहे नवीन कुमार सिंह के स्थानांतरण एक वर्ष बाद भी 15 अप्रैल को उनके हस्ताक्षर से जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। जबकि वहां पर सचिव के रूप में मनोज यादव तैनात हैं।
इस मामले को लेकर अमर उजाला ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की तो जिला मुख्यालय से लेकर ब्लाॅक मुख्यालय तक के अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ पैर फूलने लगे। प्रभारी एडीओ पंचायत प्रभाकर पांडेय ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए डाड़ीकला के सचिव मनोज यादव से स्पष्टीकरण मांगते हुए तीन का समय देते हुए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।
उक्त सचिव द्वारा गलत तरीके से दूसरे समकक्ष कर्मचारी का आईडी, पासवर्ड और डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करना अनुशासनहीनता का मामला है। संतोषजनक जवाब नहीं देने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।
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स्थिति यह है कि एक वर्ष के अंदर 15 मृत्यु प्रमाणपत्र तो 10 जन्म प्रमाण पत्र बनने का मामला भी सामना आया है। इधर प्रभारी एडीओ पंचायत ने डाड़ीकला के सचिव से स्पष्टीकरण मांगने के साथ नोटिस जारी किया है।
डाड़ीकला गांव की अदिति यादव पुत्री शशिकला यादव पत्नी प्रशांत कुमार यादव के नाम से बीते 15 अप्रैल को जन्मप्रमाण जारी हुआ था। लाभार्थी ने जब पूर्व सचिव का डिजिटल हस्ताक्षर देखा तो उसके होश उड़ गए। यहीं नहीं जब लाभार्थी ने जन्म प्रमाण संशोधन के लिए सचिव को फोन लगाया तो वर्तमान सचिव के बजाय पूर्व सचिव के पास फोन चला गया। उसने तत्काल विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इससे विकास खंड क्षेत्र में ऊहापोह की स्थिति बनी है।
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जबकि बीते 21 फरवरी तक डांड़ीकला ग्राम पंचायत में बतौर ग्राम पंचायत अधिकारी तैनात रहे नवीन कुमार सिंह के स्थानांतरण एक वर्ष बाद भी 15 अप्रैल को उनके हस्ताक्षर से जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। जबकि वहां पर सचिव के रूप में मनोज यादव तैनात हैं।
इस मामले को लेकर अमर उजाला ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की तो जिला मुख्यालय से लेकर ब्लाॅक मुख्यालय तक के अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ पैर फूलने लगे। प्रभारी एडीओ पंचायत प्रभाकर पांडेय ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए डाड़ीकला के सचिव मनोज यादव से स्पष्टीकरण मांगते हुए तीन का समय देते हुए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।
उक्त सचिव द्वारा गलत तरीके से दूसरे समकक्ष कर्मचारी का आईडी, पासवर्ड और डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करना अनुशासनहीनता का मामला है। संतोषजनक जवाब नहीं देने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।