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पूर्वांचल विवि के गणित विभाग के एचओडी ने फांसी लगाकार दी जान, इसी साल हुई थी ज्वाइनिंग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जौनपुर Published by: स्‍वाधीन तिवारी Updated Sun, 11 Oct 2020 10:12 PM IST
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Assistant Professor of Purvanchal University hanged himself
आदित्य मणि मिश्र - फोटो : अमर उजाला।
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पूर्वांचल विवि के रज्जू भइया संस्थान में गणित के विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य मणि मिश्र (33) की रविवार शाम संदिग्ध हालात में मौत हो गई। विवि परिसर स्थित आवास में उनका शव पंखे से लटकता मिला। मूल रूप से रायबरेली के निवासी डॉ. आदित्य इसी वर्ष जनवरी में यहां तैनात हुए थे। मौके पर पहुंची सरायख्वाजा पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। देर रात तक पुलिस उनके आने का इंतजार कर रही थी।

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डॉ. आदित्य मणि विवि परिसर स्थित संगम शिक्षक आवास सी-ब्लाक के कमरा नंबर दो में प्रयागराज के सोरांव गांव निवासी शोध छात्र शक्ति यादव के साथ रहते थे। शक्ति यादव के मुताबिक रविवार की सुबह वह पीसीएस-प्री की परीक्षा में ड्यूटी के लिए चला गयाथा। तब तक सब कुछ ठीक था। परीक्षा समाप्ति के बाद शाम को लौटा तो कमरे में डॉ. आदित्य का शव गमछे के सहारे पंखे से लटक रहा था।
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इसके बाद उसने लोगों को जानकारी दी। सूचना मिलते ही शिक्षक-कर्मचारी पहुंच गए। विवि के रजिस्ट्रार सुजीत कुमार जायसवाल, परीक्षा नियंत्रक व्यास नारायण सिंह, रज्जू भइया संस्थान के निदेशक डॉ. देवराज सिंह भी पहुंचे।

सरायख्वाजा एसओ सुधीर कुमार आर्य ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। परिवारवालों को घटना की जानकारी दी गई। एसओ ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। घरवालों के आने के बाद ही इस बारे में कुछ स्पष्ट हो पाएगा। उनके सामने ही शव को फंदे से उतारा जाएगा।

 


 

Assistant Professor of Purvanchal University hanged himself
पूर्वांचल विश्वविद्यालय (फाइल फोटो) - फोटो : फाइल फोटो

एमएनआईटी के गोल्ड मेडलिस्ट थे डॉ. आदित्य

पूविवि के रज्जू भइया संस्थान में गणित विभागाध्यक्ष के पद पर तैनात डॉ. आदित्य मणि ने एमएनआईटी प्रयागराज से पढ़ाई की थी। वह बीएससी और एमएससी दोनों में ही गोल्ड मेडलिस्ट थे। क्रिप्टोग्राफी में उनकी विशेषज्ञता थी। इसी वर्ष अप्रैल में उन्होंने कोरोना वायरस के प्रसार और नियंत्रण विषय पर शोध पत्र भी तैयार किया था। उनके करीबियों के मुताबिक डॉ. आदित्य लोगों से बेहद कम मेलजोल रखते थे। पिछले कुछ दिनों से उनका व्हाट्सएप भी बंद था।

डॉ. आदित्य इसके पूर्व कोटा स्थित राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी में तैनात थे। वहां से एक वर्ष के अवकाश पर वह पूविवि आए थे। करीबियों के मुताबिक घर से नजदीकी होने के कारण ही उन्होंने यहां जॉब चुना था। यहां मन लगने के बाद वह शीघ्र ही राजस्थान की जॉब छोड़ने वाले थे। सहकर्मियों के मुताबिक उनका व्हाट्सएप कुछ दिनों से बंद था।

इसके लिए उन्होंने मोबाइल खराब होने का हवाला दिया था। वह कम मिलते-जुलते थे, इसलिए कोई ज्यादा पूछताछ भी नहीं करता था। शनिवार को ही उन्होंने संस्थान के अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर वर्कशॉप के आयोजन पर चर्चा की थी।

नवंबर में वह वृहद वर्कशॉप के आयोजन की तैयारी में थे। विवि के शिक्षकों ने बताया कि उनसे मिलने के बाद कभी भी नहीं लगता था कि वह किसी तनाव में हैं। चेहरे पर भी इस तरह का कोई भाव स्पष्ट नहीं होता था। परिवार में पत्नी और एक बच्चा है।  

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