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वन विश्राम गृह में भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
अमर उजाला ब्यूरो, अल्मोड़ा।
Updated Mon, 16 May 2016 11:08 PM IST
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आपस में भिड़ते भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ता।
- फोटो : अमर उजाला
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सोमवार को यहां मालरोड स्थित वन विश्राम गृह के गेट पर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। इस दौरान कई बार कार्यकर्ताओं में धक्का-मुक्की हुई, लेकिन पुलिस और प्रशासन के बीच में पड़ने से बड़ा टकराव टल गया। दरअसल, सोमवार को नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट वन विश्राम गृह में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। प्रदेश में चले सियासी घमासान के बाद पहली बार क्षेत्र में आने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाकर विरोध जताने का निर्णय लिया था, लेकिन पूरे मामले ने ही तूल पकड़ लिया।
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वन विश्राम गृह में दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। कांग्रेसियों ने प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष का विरोध करने का निर्णय लिया, इसीलिए कांग्रेसी सुबह ही वहां पहुंच गए। उस वक्त अंदर समीक्षा बैठक चल रही थी। कांग्रेसी नारेबाजी कर रहे थे। कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष बाहर निकले और कांग्रेसियों पर विकास कार्यों की समीक्षा में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए गेट पर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। दोनों दलों के लोगों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस बीच कार्यकर्ता आपस में धक्का-मुक्की पर उतर आए, यह नौबत कई बार आई। जिससे पुलिस और प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में द्वाराहाट और भतरौंजखान से अतिरिक्त फोर्स मंगाई, लेकिन गहमागहमी का माहौल थमा नहीं। इस दौरान संयुक्त मजिस्ट्रेट और पुलिस के अधिकारी मामले को शांत कराने के लिए नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मान मनोव्वल करते रहे, लेकिन पीछे हटने को कोई भी तैयार नहीं था।
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श्री भट्ट ने कहा कि कांग्रेस के लोग दंबंगई पर उतर आए हैं, वह इस मामले को पूरे प्रदेश स्तर पर उठाएंगे और कल मंगलवार को यहां एसडीएम कार्यालय प्रांगण में धरना शुरू करेंगे। देर शाम को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गेट के आगे नेता प्रतिपक्ष का पुतला फूंका। इस दौरान वहां भाजपा और कांग्रेस के दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे। जबकि प्रशासन की ओर से संयुक्त मजिस्ट्रेट विनीत कुमार, कोतवाल संजय गर्ब्याल सहित तमाम पुलिस और राजस्व कर्मी मौजूद थे।
नेता प्रतिपक्ष ने अधिकारियों का सुनाई खरी-खरी
रानीखेत। वन विश्राम गृह में दिनभर चले घटनाक्रम के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए और अधिकारियों कर्मचारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। कहा कि कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। पुलिस और प्रशासन के लोग दल विशेष के लोगों का पक्ष ले रहे हैं। वह पूरे मसले को प्रदेश स्तर पर उठाएंगे। कहा कि कांग्रेस के नेता कार्यकर्ताओं के माध्यम से क्षेत्र के विकास को रोकना चाहते हैं। उन्हें एक लाख लोगों ने चुनकर भेजा है, वह जनता का हित चाहते हैं।
बेवजह आपा खो रहे हैं नेता प्रतिपक्ष
रानीखेत। कांग्रेस प्रदेश महामंत्री पूर्व विधायक करन माहरा ने कहा है कि लोकतंत्र की हत्या के विरोध में कुछ दिन पूर्व जब मुख्यमंत्री हरीश रावत शांतिपूर्वक विधानसभा क्षेत्रों में रैली निकाल रहे थे, तब भाजपा के लोगों ने ही उनके काफिले का विरोध कर पथराव तक किया, लेकिन आज बारी जब नेता प्रतिपक्ष की आई तो वह आपा खो रहे हैं। उन्होंने कहा संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ भाजपा अभद्र भाषा का प्रयोग कर रही है, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का अब पूरे प्रदेश में विरोध होगा।
फोटो: 1 टू06: वन विश्राम गृह में गहमागहमी से संबंधित फोटो।