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Almora News: महज एक ट्रेड के भरोसे चल रहा धौलछीना आईटीआई
संवाद न्यूज एजेंसी, अल्मोड़ा
Updated Tue, 08 Jul 2025 12:12 AM IST
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तकनीकी ज्ञान पाने को 36 किमी की दौड़ लगा रहे युवा
अल्मोड़ा। युवाओं को तकनीकी शिक्षा को ज्ञान देकर रोजगार के जोड़ने की योजना धरातल पर बेअसर साबित हो रही है। बंदी के कगार पर खड़ा धौलछीना आईटीआई इसका प्रमाण है। उपेक्षा के चलते वर्तमान में यहां केवल एक ट्रेड संचालित हो रहा हैं।
वर्ष 2006 में आईटीआई का संचालित की गई। यहां आशुलिपि हिंदी और कटिंग टेलरिंग ट्रेड शुरू किए गए। वर्ष 2015 में करीब 2 करोड़ 86 लाख रुपये से आईटीआई का अपना भवन तैयार हुआ। युवाओं को उम्मीद जगी थी, कि अब संस्थान में आधुनिक ट्रेड संचालित होंगे। लेकिन नए ट्रेड खुलने के बजाया यहां आशुलिपि हिंदी ट्रेड ही बंद हो गया। वर्तमान में यहां एक ट्रेड में महज आठ छात्राएं कटिंग टेलरिंग का प्रशिक्षण ले रही हैं। इन हालातों में अब आईटीआई पर बंदी की तलवार लटक रही हैं।
स्वीकृति के बाद भी संचालित नहीं हुए ट्रेड
अल्मोड़ा। वर्ष 2016 में शासन से धौलछीना आईटीआई में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कोपा ट्रेड शुरू करने की स्वीकृति मिली। तब यहां युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए मशीन भी लाई गई। लेकिन अनुदेशकों के पद सर्जित नहीं होने और ट्रेड शुरू नहीं होने से अब लाखों की मशीनें धूल फांक रही है।
कोट
- आईटीआई में तीन नए ट्रेड संचालित किए जाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। अगर इस वर्ष नए ट्रेड सुचारू नहीं हुऐ तो जनप्रतिनिधियों को साथ धरने पर बैठूंगा।
- मनोज तिवारी, विधायक अल्मोड़ा।
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- मैंने आईटीआई से कटिंग टेलरिंग का प्रशिक्षण लिया इसमें रोजगार की काफी कम संभावना हैं। आईटीआई में रोजगार परख ट्रेड शुरू करने के प्रयास होने चाहिए ताकि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- निकिता पटीयार, छात्रा।
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- धौलछीना आईटीआई में केवल एक ट्रेड संचालित होता है, ऐसे में 36 किमी दूर अल्मोड़ा आईटीआई से सर्वेयर ट्रेड का प्रशिक्षण लेना मजबूरी बन गया है। यहां नए ट्रेड खुलते तो प्रशिक्षण पाने के लिए किराए का अतिरिक्त भार नहीं उठाना पड़ता।
भावना बोरा, छात्रा
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अल्मोड़ा। युवाओं को तकनीकी शिक्षा को ज्ञान देकर रोजगार के जोड़ने की योजना धरातल पर बेअसर साबित हो रही है। बंदी के कगार पर खड़ा धौलछीना आईटीआई इसका प्रमाण है। उपेक्षा के चलते वर्तमान में यहां केवल एक ट्रेड संचालित हो रहा हैं।
वर्ष 2006 में आईटीआई का संचालित की गई। यहां आशुलिपि हिंदी और कटिंग टेलरिंग ट्रेड शुरू किए गए। वर्ष 2015 में करीब 2 करोड़ 86 लाख रुपये से आईटीआई का अपना भवन तैयार हुआ। युवाओं को उम्मीद जगी थी, कि अब संस्थान में आधुनिक ट्रेड संचालित होंगे। लेकिन नए ट्रेड खुलने के बजाया यहां आशुलिपि हिंदी ट्रेड ही बंद हो गया। वर्तमान में यहां एक ट्रेड में महज आठ छात्राएं कटिंग टेलरिंग का प्रशिक्षण ले रही हैं। इन हालातों में अब आईटीआई पर बंदी की तलवार लटक रही हैं।
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स्वीकृति के बाद भी संचालित नहीं हुए ट्रेड
अल्मोड़ा। वर्ष 2016 में शासन से धौलछीना आईटीआई में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कोपा ट्रेड शुरू करने की स्वीकृति मिली। तब यहां युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए मशीन भी लाई गई। लेकिन अनुदेशकों के पद सर्जित नहीं होने और ट्रेड शुरू नहीं होने से अब लाखों की मशीनें धूल फांक रही है।
कोट
- आईटीआई में तीन नए ट्रेड संचालित किए जाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। अगर इस वर्ष नए ट्रेड सुचारू नहीं हुऐ तो जनप्रतिनिधियों को साथ धरने पर बैठूंगा।
- मनोज तिवारी, विधायक अल्मोड़ा।
- मैंने आईटीआई से कटिंग टेलरिंग का प्रशिक्षण लिया इसमें रोजगार की काफी कम संभावना हैं। आईटीआई में रोजगार परख ट्रेड शुरू करने के प्रयास होने चाहिए ताकि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- निकिता पटीयार, छात्रा।
- धौलछीना आईटीआई में केवल एक ट्रेड संचालित होता है, ऐसे में 36 किमी दूर अल्मोड़ा आईटीआई से सर्वेयर ट्रेड का प्रशिक्षण लेना मजबूरी बन गया है। यहां नए ट्रेड खुलते तो प्रशिक्षण पाने के लिए किराए का अतिरिक्त भार नहीं उठाना पड़ता।
भावना बोरा, छात्रा
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