{"_id":"683ca6ce539a1d71ac035768","slug":"jagadguru-shankaracharya-said-there-is-an-international-conspiracy-to-destroy-saints-and-satis-2025-06-02","type":"story","status":"publish","title_hn":"Haridwar: जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा- संत और सती के विनाश के लिए हो रही है अंतरराष्ट्रीय साजिश, कुचक्र से बचें","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Haridwar: जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा- संत और सती के विनाश के लिए हो रही है अंतरराष्ट्रीय साजिश, कुचक्र से बचें
अमर उजाला नेटवर्क, हरिद्वार
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Mon, 02 Jun 2025 12:45 AM IST
विज्ञापन
सार
जगद्गुरु ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि धर्म और राजनीति अलग-अलग है उन्हें यह समझना होगा कि धर्म अर्थनीति और राजनीति को संतान के रूप में पुत्रवत पालता है।

जगद्गुरु के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता।
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आशीर्वाद लिया। दोनों ने जगद्गुरु से संगठन में सक्रियता के बाद संत परंपरा में आने तक की यात्रा के संबंध में चर्चा भी की।

Trending Videos
जगद्गुरु शंकराचार्य ने धर्म को राजनीति और अर्थनीति को संतान के रूप में पालक बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संत और सती के विनाश के लिए अंतरराष्ट्रीय कुचक्र रचा जा रहा है। राज्यों को इसे बचाने के लिए सतत प्रयत्न करना होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
जगद्गुरु ने कहा कि सनातन धर्म को नष्ट करने के लिए अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र हो रहे हैं। इसमें खुद को हिंदू धर्म का रक्षक बताने वाले कुछ लोग भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। आज संत की परिभाषा हो रही है कि स्कूल चलाएं, गौशाला चलाएं। इसके बावजूद सामाजिक काम करने वाले बड़े संस्थानों के यहां से भी असत्य का प्रमाणपत्र मिलता रहा है।
उन्होंने कहा कि संन्यासी का संन्यास तब बचेगा जब उसे पथ से भ्रमित किया जाएगा। सती का अर्थ आचरण से है। आज महिला सशक्तीकरण के नाम पर हिंदू समाज की माताएं व बहनों की मर्यादा का क्षरण हो रहा है।
राजनेता तो वही करेंगे जो उनको धर्माचार्य इंगित करेंगे। इस देश में वर्तमान में धर्मनिरपेक्ष राजनीति है, लेकिन धर्म केवल संविधान का विषय नहीं है। धर्म व्यक्ति के आचरण में निहित है।
धर्म एक व्यापक संदर्भ है इसका नियंत्रण राजनीति पर होना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि धर्म और राजनीति अलग-अलग है उन्हें यह समझना होगा कि धर्म अर्थनीति और राजनीति को संतान के रूप में पुत्रवत पालता है।