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अब 32 हजार में दर्शन देंगे महादेव
हल्द्वानी/ब्यूरो
Updated Wed, 08 May 2013 01:53 AM IST
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खाने-पीने से लेकर हर जरूरत की चीज के साथ 21वीं सदी में आस्था और श्रद्धा के केंद्र भी महंगे हो गए हैं। मतलब जिसके जेब में पैसा, उसी को भगवान के दर्शन।

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बाबा बदरी-केदार और गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के बाद सरकार ने भगवान महादेव के धाम हिमालय तक पहुंचने के लिए पूरे पांच साल के बाद पांच हजार रुपये की वृद्धि कर दी है। कैलास जाने वाले एक भक्त को इस बार 32 हजार रुपये देने होंगे।
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तब जाकर उसे शिव के दर पहुंचाया जाएगा। इसी राशि में डेवलपमेंट चार्ज का 3250 रुपये जोड़ा गया है। आठ वर्षों के भीतर कैलास यात्रा के शुल्क में करीब आठ हजार रुपये की वृद्धि हुई है।
1981 में चीन के साथ संबंध सामान्य होने के बाद 1982 में दुबारा शुरू हुई कैलास यात्रा 80 के उस शुरूआती दशक तक तीन से पांच हजार रुपये में पूरी हो जाती थी। हालांकि, तब वाहनों की सुविधा नहीं होने से यात्रियों को पैदल सफर करना पड़ता था।
बीते दो दशक से यात्रा संचालन की जिम्मेदारी कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास है और सारी प्लानिंग, यात्रा रूट, शुल्क विदेश मंत्रालय के स्तर से तय होता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बार यात्रा में आने-जाने और खाने-पीने के खर्च को पिछले वर्ष के 27 हजार रुपये प्रति यात्री से बढ़ाकर 32 हजार किया है।
हालांकि यात्रियों से बीते वर्ष तक 27 हजार के बाद 3250 रुपये डेवलपमेंट चार्ज भी लिया जाता था।
इस बार डेवलपमेंट चार्ज 32 हजार में ही जुड़ेगा। केएमवीएन सूत्रों की मानें तो चार साल पहले तक हर यात्री से 24500 रुपये के साथ 3250 रुपये अतिरिक्त लिए जाते थे। खाद्य पदार्थों की महंगाई के कारण ही यात्रा शुल्क में वृद्धि हुई है।
यदि 2012 के डेवलपमेंट चार्ज को मूल शुल्क में जोड़ने के बाद इस बार की वृद्धि निकालें तो 1750 रुपये प्रति यात्री किराया बढ़ा है और इस चार्ज को हटाने पर कुल पांच हजार की वृद्धि है। यात्रियों से लिया जाने वाला शुल्क बाद में केएमवीएन को मिलेगा।
प्रारंभिक सूची में अधिकतम 60 यात्री प्रति बैच
कैलास पर्वत और मानसरोवर झील तिब्बत में हैं और दूसरे मुल्क तक पहुंचने के लिए भारतीय सीमा में यात्रियों को करीब 85 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। इस वर्ष 18 दलों के जाने का कार्यक्रम तय है।
हर दल में प्रारंभिक सूची के आधार पर अधिकतम 60 यात्री रहेंगे। रवानगी से पूर्व दिल्ली में यात्रियों की जांच की जाएगी और अनफिट रहने वाले को यात्रा के लिए अयोग्य माना जाएगा। निगम सूत्रों का कहना है कि वास्तविक सूची यात्रियों के मेडिकल के बाद मिलेगी।