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Pauri News: उपजिला अस्पताल में स्वीकृत पदों के सापेक्ष डॉक्टर नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, पौड़ी
Updated Mon, 17 Nov 2025 05:02 PM IST
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श्रीनगर। नगर स्थित उपजिला अस्पताल में स्वीकृत पदों के सापेक्ष डॉक्टर तैनात नहीं हैं। इसके कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई विभागों में एक-एक ही डॉक्टरों की नियुक्ति है। उनके अवकाश पर जाने से अस्पताल की सेवाएं प्रभावित हो जाती हैं। इसके कारण मरीजों को अन्य अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ता है।
उपजिला अस्पताल श्रीनगर पर नगर निगम क्षेत्र के अलावा, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, बडियारगढ़, खिर्सू आदि क्षेत्रों के मरीज उपचार के लिए निर्भर हैं। यहां पर मरीज एवं तीमारदारों को उपचार कराने में सुविधा होती है, इसके कारण बड़ी संख्या में मरीज यहां पहुंचते हैं। अस्पताल में वर्तमान में फिजिशियन व महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के दो पद हैं, जिनमें एक-एक ही डॉक्टर तैनात हैं। उनके अवकाश पर चले जाने के कारण मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है।
इसी के साथ ही यहां पर मनोरोग चिकित्सक के अलावा तीन ईएमओ के पद भी रिक्त हैं। मनोरोग चिकित्सक न होने से इसका भार मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग पर रहता है। ईएमओ की कमी से इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। इसके अलावा यहां एक मात्र एक्स-रे टेक्निशियन के भरोसे एक्स-रे सेवाएं हैं।
टेक्निशियन के अवकाश पर रहने के दौरान यहां एक्स-रे विभाग में ताला लटका रहता है। मरीजों को बाहर से मंहगे दामों पर उपचार कराना पड़ता है। अस्पताल के सीएमएस डाॅ. विमल गुसांई का कहना है कि सरकार की ओर से रिक्त पदों पर तैनाती के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां पर मरीजों को कोई दिक्कत न हो इसका चिकित्सकों की ओर से पूरा ध्यान रखा जाता है। जल्द ही रिक्त पदों पर तैनाती हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर है।
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उपजिला अस्पताल श्रीनगर पर नगर निगम क्षेत्र के अलावा, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, बडियारगढ़, खिर्सू आदि क्षेत्रों के मरीज उपचार के लिए निर्भर हैं। यहां पर मरीज एवं तीमारदारों को उपचार कराने में सुविधा होती है, इसके कारण बड़ी संख्या में मरीज यहां पहुंचते हैं। अस्पताल में वर्तमान में फिजिशियन व महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के दो पद हैं, जिनमें एक-एक ही डॉक्टर तैनात हैं। उनके अवकाश पर चले जाने के कारण मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है।
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इसी के साथ ही यहां पर मनोरोग चिकित्सक के अलावा तीन ईएमओ के पद भी रिक्त हैं। मनोरोग चिकित्सक न होने से इसका भार मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग पर रहता है। ईएमओ की कमी से इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। इसके अलावा यहां एक मात्र एक्स-रे टेक्निशियन के भरोसे एक्स-रे सेवाएं हैं।
टेक्निशियन के अवकाश पर रहने के दौरान यहां एक्स-रे विभाग में ताला लटका रहता है। मरीजों को बाहर से मंहगे दामों पर उपचार कराना पड़ता है। अस्पताल के सीएमएस डाॅ. विमल गुसांई का कहना है कि सरकार की ओर से रिक्त पदों पर तैनाती के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां पर मरीजों को कोई दिक्कत न हो इसका चिकित्सकों की ओर से पूरा ध्यान रखा जाता है। जल्द ही रिक्त पदों पर तैनाती हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर है।