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Rudraprayag News: मद्महेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद
संवाद न्यूज एजेंसी, रुद्र प्रयाग
Updated Tue, 18 Nov 2025 05:50 PM IST
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चल विग्रह उत्सव डोली ने भंडार का किया निरीक्षण, दोपहर में पहले पड़ाव गौंडार पहुंची
350 से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊखीमठ। द्वितीय केदार श्रीमद्महेश्वर मंदिर के कपाट मंगलवार सुबह 8 बजे मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी स्वाति नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। मंदिर को फूलों से सजाया गया। डोली ने अपने भंडार का निरीक्षण किया और अपने पहले पड़ाव गौंडार के लिए रवाना हुई। दोपहर में डोली गौंडार पहुंच गई। इस अवसर पर 350 से अधिक श्रद्धालु, बीकेटीसी कर्मचारी अधिकारी, वनविभाग एवं प्रशासन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
मंगलवार को सुबह सात बजे मंदिर के कपाट बंद ही प्रक्रिया शुरू हुई। पुजारी शिवलिंग ने बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, बीकेटीसी सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान एवं पंच गौंडार के हकहकूकधारियों की उपस्थिति में मद्महेश्वर के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया। स्वयंभू शिवलिंग को फूल और राख से ढका गया। इसके बाद प्रातः आठ बजे मंदिर के कपाट श्रीमद्महेश्वर के जयघोष के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली ने अपने भंडार का निरीक्षण किया। मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली ढोल-दमाऊं के साथ प्रथम पड़ाव गौंडार के लिए रवाना हुई और दोपहर में पहले पड़ाव पर पहुंच गई। गांव में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने डोली का स्वागत किया। बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से मंदिरों के कपाट बंद होने पर शीतकालीन तीर्थस्थलों में दर्शन करने का आह्वान किया। मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल बताया कि इस वर्ष मद्महेश्वर में 22000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कपाट बंद होने के अवसर पर प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पूर्व प्रधान वीरसिंह पंवार, सरपंच फतेह सिंह, शिवानंद पंवार, दीपक पंवार, मनीष तिवारी और देवेंद्र पटवाल आदि मौजूद रहे।
आज डोली पहुंचेगी राकेश्वरी मंदिर रांसी
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि 19 नवंबर को चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी, 20 नवंबर बृहस्पतिवार को गिरिया प्रवास करेगी। 21 नवंबर को चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। डोली के स्वागत के लिए श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
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350 से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊखीमठ। द्वितीय केदार श्रीमद्महेश्वर मंदिर के कपाट मंगलवार सुबह 8 बजे मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी स्वाति नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। मंदिर को फूलों से सजाया गया। डोली ने अपने भंडार का निरीक्षण किया और अपने पहले पड़ाव गौंडार के लिए रवाना हुई। दोपहर में डोली गौंडार पहुंच गई। इस अवसर पर 350 से अधिक श्रद्धालु, बीकेटीसी कर्मचारी अधिकारी, वनविभाग एवं प्रशासन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
मंगलवार को सुबह सात बजे मंदिर के कपाट बंद ही प्रक्रिया शुरू हुई। पुजारी शिवलिंग ने बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, बीकेटीसी सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान एवं पंच गौंडार के हकहकूकधारियों की उपस्थिति में मद्महेश्वर के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया। स्वयंभू शिवलिंग को फूल और राख से ढका गया। इसके बाद प्रातः आठ बजे मंदिर के कपाट श्रीमद्महेश्वर के जयघोष के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली ने अपने भंडार का निरीक्षण किया। मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली ढोल-दमाऊं के साथ प्रथम पड़ाव गौंडार के लिए रवाना हुई और दोपहर में पहले पड़ाव पर पहुंच गई। गांव में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने डोली का स्वागत किया। बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से मंदिरों के कपाट बंद होने पर शीतकालीन तीर्थस्थलों में दर्शन करने का आह्वान किया। मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल बताया कि इस वर्ष मद्महेश्वर में 22000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कपाट बंद होने के अवसर पर प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पूर्व प्रधान वीरसिंह पंवार, सरपंच फतेह सिंह, शिवानंद पंवार, दीपक पंवार, मनीष तिवारी और देवेंद्र पटवाल आदि मौजूद रहे।
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आज डोली पहुंचेगी राकेश्वरी मंदिर रांसी
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि 19 नवंबर को चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी, 20 नवंबर बृहस्पतिवार को गिरिया प्रवास करेगी। 21 नवंबर को चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। डोली के स्वागत के लिए श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तैयारियां शुरू हो गई हैं।