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Uttarkashi News: ओल्या गांव के 500 की आबादी आज भी सड़क से दूर
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Thu, 13 Nov 2025 03:53 PM IST
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पूर्व में कर चुके हैं 34 दिन का आंदोलन, आश्वासन के बाद भी नहीं हुई समस्या हल
ग्रामीण आज भी पांच से छह किमी पैदल चलने के लिए है मजबूर
उत्तरकाशी। डुंडा ब्लॉक का ओल्या गांव आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाया है। ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने 34 दिन का धरना दिया था। उसके बाद लोक निर्माण विभाग ने सड़क के लिए सर्वे शुरू कर धरने को समाप्त करवाया था लेकिन उसके बाद आज तक सड़क निर्माण की प्रक्रिया सर्वेक्षण से आगे नहीं बढ़ पाई है। इससे लोग आज भी पांच से छह किलोमीटर पैदल दूरी तय करने को मजबूर हैं।
ग्राम प्रधान रेखा भट्ट, हीरामणी भट्ट, राजेश सिलवाल, गंगोराम, तीरथराम, सुनीता, बबली, सरिता, वृंदा देवी का कहना है कि विकासखंड मुख्यालय से उनका गांव करीब छह किमी की दूरी पर स्थित है लेकिन वे लोग आज तक सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से नहीं जुड़ पाए हैं। इसलिए गांव में अन्य सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
गांव में करीब 500 की जनसंख्या निवास करती है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जिलाधिकारी से लेकर विधायक और शासन स्तर तक पत्राचार किया गया लेकिन इस मुद्दे पर किसी ने भी उचित कार्रवाई नहीं की है। इसलिए उन्हें अब आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रजनीश सिंह का कहना है कि बल्या से ओल्या तक सड़क सर्वे किया गया है। वन भूमि हस्तांतरण के कारण अभी आगे की प्रक्रिया रुकी हुई है।
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ग्रामीण आज भी पांच से छह किमी पैदल चलने के लिए है मजबूर
उत्तरकाशी। डुंडा ब्लॉक का ओल्या गांव आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाया है। ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने 34 दिन का धरना दिया था। उसके बाद लोक निर्माण विभाग ने सड़क के लिए सर्वे शुरू कर धरने को समाप्त करवाया था लेकिन उसके बाद आज तक सड़क निर्माण की प्रक्रिया सर्वेक्षण से आगे नहीं बढ़ पाई है। इससे लोग आज भी पांच से छह किलोमीटर पैदल दूरी तय करने को मजबूर हैं।
ग्राम प्रधान रेखा भट्ट, हीरामणी भट्ट, राजेश सिलवाल, गंगोराम, तीरथराम, सुनीता, बबली, सरिता, वृंदा देवी का कहना है कि विकासखंड मुख्यालय से उनका गांव करीब छह किमी की दूरी पर स्थित है लेकिन वे लोग आज तक सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से नहीं जुड़ पाए हैं। इसलिए गांव में अन्य सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
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गांव में करीब 500 की जनसंख्या निवास करती है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जिलाधिकारी से लेकर विधायक और शासन स्तर तक पत्राचार किया गया लेकिन इस मुद्दे पर किसी ने भी उचित कार्रवाई नहीं की है। इसलिए उन्हें अब आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रजनीश सिंह का कहना है कि बल्या से ओल्या तक सड़क सर्वे किया गया है। वन भूमि हस्तांतरण के कारण अभी आगे की प्रक्रिया रुकी हुई है।