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Uttarkashi News: चार किमी का पैदल सफर तयकर गांव पहुंचते हैं सेकू के लोग
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Thu, 13 Nov 2025 03:52 PM IST
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बरसात में गांव को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी हो गया था क्षतिग्रस्त
उत्तरकाशी। अस्सी गंगा घाटी के सेकू गांव के सड़क से नहीं जुड़ने के कारण आज भी उन्हें बीमार और घायल को वाहन तक पहुंचाने के लिए करीब चार किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ती है। इस वर्ष बरसात में गांव को जोड़ने वाला पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। ऐसे में ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
स्थानीय निवासी चत्तर सिंह, सोबन सिंह, जगवीर सिंह, कुश सिंह आदि का कहना है कि सड़क निर्माण की मांग को लेकर लंबे समय से ग्रामीण लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कभी वन विभाग कभी लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई के बीच यह सड़क अधर में लटकी हुई है।
सड़क नहीं होने के कारण बीते मंगलवार को भालू के हमले में घायल महिला को ग्रामीणों ने करीब चार किमी की पैदल दूरी तय कर सड़क तक पहुंचाया। उसके बाद करीब 12 किमी वाहन के माध्यम से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि आपदा के बाद से गांव को जोड़ने वाला मार्ग भी क्षतिग्रस्त है।
ग्रामीण जब डंडी-कंडी पर किसी बीमार को सड़क तक पहुंचाने के लिए जाते हैं तो उस दौरान क्षतिग्रस्त मार्गों पर आवाजाही में खतरा बना रहता है। इस संबंध में कई बार प्रशासन और शासन तक गुहार लगाई गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रेंज अधिकारी मुकेश रतूड़ी का कहना है कि वहां पर विभाग की पुरानी सड़क थी। उस पर जिलाधिकारी की ओर से अब लोनिवि को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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उत्तरकाशी। अस्सी गंगा घाटी के सेकू गांव के सड़क से नहीं जुड़ने के कारण आज भी उन्हें बीमार और घायल को वाहन तक पहुंचाने के लिए करीब चार किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ती है। इस वर्ष बरसात में गांव को जोड़ने वाला पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। ऐसे में ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
स्थानीय निवासी चत्तर सिंह, सोबन सिंह, जगवीर सिंह, कुश सिंह आदि का कहना है कि सड़क निर्माण की मांग को लेकर लंबे समय से ग्रामीण लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कभी वन विभाग कभी लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई के बीच यह सड़क अधर में लटकी हुई है।
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सड़क नहीं होने के कारण बीते मंगलवार को भालू के हमले में घायल महिला को ग्रामीणों ने करीब चार किमी की पैदल दूरी तय कर सड़क तक पहुंचाया। उसके बाद करीब 12 किमी वाहन के माध्यम से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि आपदा के बाद से गांव को जोड़ने वाला मार्ग भी क्षतिग्रस्त है।
ग्रामीण जब डंडी-कंडी पर किसी बीमार को सड़क तक पहुंचाने के लिए जाते हैं तो उस दौरान क्षतिग्रस्त मार्गों पर आवाजाही में खतरा बना रहता है। इस संबंध में कई बार प्रशासन और शासन तक गुहार लगाई गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रेंज अधिकारी मुकेश रतूड़ी का कहना है कि वहां पर विभाग की पुरानी सड़क थी। उस पर जिलाधिकारी की ओर से अब लोनिवि को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।