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Delhi Red Fort Blast: Ayodhya-Varanasi were the targets of terrorists, there was a plan to blast the hospital.
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Delhi Red Fort Blast: अयोध्या-वाराणसी थे आतंकियों के टारगेट पर, अस्पताल में ब्लास्ट का था प्लान।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Wed, 12 Nov 2025 02:53 PM IST
जिन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है उन्होंने पूछताछ में कई राज उगले हैं. खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार आतंकियों के मॉड्यूल में उत्तर प्रदेश के मंदिर टारगेट पर थे. खासतौर पर अयोध्या और वाराणसी । आतंकी अयोध्या में भी विस्फोट करना चाहते थे। इसके लिए गिरफ्तार हो चुकी डॉक्टर शाहीन ने अयोध्या के स्लीपर मॉड्यूल को एक्टिवेट भी कर रखा था. अयोध्या में ये सारे घटनाक्रम को अंजाम तक पंहुचाते उससे पहले मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ.दिल्ली के एक अत्यंत संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले इलाके में हुए विस्फोट ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो खुफिया तंत्र की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा कर रहे हैं। धमाके के बाद से ही ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस तरह की घटना को होने से क्यों नहीं रोका जा सका। अभी भी ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब मिलने बाकी हैं- धमाके के बाद सवाल जो खड़े हुए
- खुफिया अलर्ट के बावजूद चूक कहां हुई। अगर खुफिया जानकारी थी, तो दिल्ली के इतने संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले इलाके में यह कार और विस्फोटक कैसे पहुंच गया।
- सुरक्षा व्यवस्था में कहां खामी रह गई।
- क्या लापरवाही बरतने वालों को सजा मिलेगी।
- आरोपी कार लेकर लालकिले तक कैसे पहुंच गया, कहीं चेकिंग के दौरान कार को रोका क्यों नहीं गया।
कार पार्किंग में तीन घंटे रहे। पार्किंग अटेंड क्या कर रहा था।
- विस्फोटक कैसे और कहां से लाया गया।
- इतनी भीड़-भाड़ वाली जगह पर विस्फोटक सामग्री को कैसे छिपाया गया और पुरानी दिल्ली तक कैसे पहुंचाया गया।
- हथियार और विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति का स्रोत क्या था।
- फंडिंग का स्रोत क्या है।
- इस पूरे आतंकी मॉड्यूल को आर्थिक सहायता कहां से मिल रही थी।
- असली मास्टरमाइंड कौन है।
- क्या धमाके के पीछे कोई बड़ी साजिश और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन है।
- टारगेट भीड़ थी या कोई खास जगह।
- लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास भीड़ भरे इलाके को जानबूझकर निशाना बनाया गया था।
- क्या उमर मोहम्मद ने अकेले इस ब्लास्ट को अंजाम दिया या इसमें और भी लोग शामिल हैं।
- क्या अल फलाह यूनिवर्सिटी (या अन्य) में और भी छात्र या डॉक्टर इस टेरर मॉड्यूल का हिस्सा हो सकते हैं।
दिल्ली पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियां कई जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों एवं बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सूत्र के मुताबिक लाल किला में ब्लास्ट हड़बड़ी का नतीजा हो सकता है, क्योंकि अभी तक की जांच में विस्फोटक में टाइमर या किसी दूसरी चीजों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. आतंकियों से पूछताछ में ये भी पता चला है कि मॉड्यूल अस्पतालों को टारगेट करना चाहता था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान हो. इनकी हिट लिस्ट में अस्पताल और भीड़ भाड़ वाले स्थान थे. सुरक्षा एजेंसियों के सामने अब क्या चुनौती?
दिल्ली में धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों के सामने 300 किलोग्राम के अमोनियम नाइट्रेट को बरामद करना है. सूत्रों की माने तो 2900 किलोग्राम विस्फोटक अब तक एजेंसियां बरामद कर चुकी हैं. लेकिन अभी भी 300 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद नहीं हुई है. देश के कई हिस्सों में जो रेड चल रही है उसमे बड़ा एजेंडा ये भी है. गिरफ्तार आतंकियों तक ये विस्फोटक बांग्लादेश के रास्ते नेपाल और फिर हिंदुस्तान आया था. मतलब अभी भी खतरा पूरी तरह टला नहीं है और नेटवर्क से जुड़े कई लोग और हैं जिनको पकड़ने के लिए हरियाणा, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, यूपी और गुजरात में दबिश दी जा रही है. उधर, महाराष्ट्र एटीएस ने दिल्ली ब्लास्ट मामले में एक युवक को हिरासत में लिया है. इब्राहिम आबदी नाम का युवक एटीएस की हिरासत में है. उसकी पत्नी ने कहा कि वो कॉलेज में प्रोफेसर रहे हैं. उन्होने 3 घंटे तक सर्च किया. कंप्यूटर का हार्डडिस्क और हमारे फोन को लेकर गए. हमारा आतंकवाद से कोई नाता नही है.
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