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नरक का द्वार माने जाने वाले मगहर को ही संत कबीर ने क्यों चुना अंतिम समय के लिए..
कन्वर्जेंस डेस्क, अमर उजाला Updated Fri, 29 Jun 2018 06:15 PM IST
सोलहवीं सदी के महान संत कबीरदास वाराणसी में पैदा हुए और लगभग पूरा जीवन उन्होंने वाराणसी यानी काशी में ही बिताया लेकिन जीवन के आखिरी समय वो मगहर चले आए और अब से पांच सौ साल पहले वर्ष 1518 में यहीं उनकी मृत्यु हुई।
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