पश्चिम एशिया में ईरान और इस्राइल का टकराव गहराता जा रहा है। इस्राइली सेना यानी इस्राइल डिफेंस फोर्स ने ईरान के नौ परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने का दावा किया है। ईरान और इस्राइल दोनों एक दूसरे पर नियमित अंतराल पर एयर स्ट्राइक कर रहे हैं। धमाकों की आवाजें सुनी जा रही हैं। कई जगहों पर धुएं का गुबार भी उठता दिख रहा है। इस्राइल डिफेंस फोर्स ने मृतकों की सूची भी जारी की है। इसके अलावा एक वीडियो जारी कर इस्राइल ने ये समझाया है कि परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने के लिए ईरान में किन ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इस्राइली डिफेंस फोर्स ने कहा है कि एक साथ हुए हमलों में 9 ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। ये सभी लोग बम बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रहे थे और काफी आगे बढ़ चुके थे।
आपको बता दें कि इस्राइली डिफेंस फोर्स ने शुक्रवार की सुबह ताबड़तोड़ हमले किए। ईरान के कई परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया। शुरुआती हमलों में ईरान के नौ परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। आईडीएफ ने इन वैज्ञानिकों के नाम भी जारी किए हैं। इस्राइली सेना के मुताबिक इन वैज्ञानिकों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाई और बम बनाने के प्रयासों को भी आगे बढ़ाया। परमाणु इंजीनियरिंग विशेषज्ञ फेरीदून अब्बासी, भौतिक विज्ञान विशेषज्ञ मोहम्मद मेहदी तेहरांची, केमिकल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ अकबर मोटालेबी जादेह, मैटेरियल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ सईद बरजी, भौतिकी विशेषज्ञ अमीर हसन फखाही, रिएक्टर भौतिकी के विशेषज्ञ अब्द अल-हामिद मिनौशहर, भौतिक विज्ञान विशेषज्ञ मंसूर असगरी, परमाणु इंजीनियरिंग विशेषज्ञ अहमद रेजा जोलफागरी दरयानी और यांत्रिकी विशेषज्ञ अली बखौई कटिरीमी को इस्राइल ने हमले में मारने का दावा किया है।
आपको बता दें कि ईरान पर हो रहे ताबड़तोड़ हमले 45 साल बाद की गई इस्राइल की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई हैं। इसको लेकर इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान पर यह हमला उसे ऑपरेशन राइजिंग लॉयन (उभरता शेर अभियान) का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ईरान, इस्राइल के अस्तित्व के लिए खतरा है। ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, इस्राइल के इस हमले में रेवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी का निधन हो गया। इसके अलावा तेहरान में कई रिहायशी इमारतों को भी निशाना बनाया गया। हमले में मारे जाने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं।