{"_id":"68e495baa6ae01ac4701cc89","slug":"a-divided-israel-marks-2-years-since-oct-7-attack-as-war-in-gaza-grinds-on-hostages-languish-2025-10-07","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Israel-Hamas Conflict: हमास के हमले की दूसरी बरसी आज, रिहाई के इंतजार में इस्राइली बंधक, मलबे में तब्दील गाजा","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
    Israel-Hamas Conflict: हमास के हमले की दूसरी बरसी आज, रिहाई के इंतजार में इस्राइली बंधक, मलबे में तब्दील गाजा
 
            	    वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, येरुशलम             
                              Published by: पवन पांडेय       
                        
       Updated Tue, 07 Oct 2025 09:53 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                2 Years Of Isarel-Hamas Conflict: इस्राइल में आज 7 अक्तूबर को हमास की तरफ से 2023 में किए गए भयावह हमले की दूसरी बरसी मनाई जा रही है। इसके बाद से गाजा में जारी संघर्ष में तबाही देखने को मिली है, जिससे वहां अकाल चरम पर है। दो साल से जारी संघर्ष के बाद अभी भी इस्राइली बंधकों को रिहाई का इंतजार है।
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                        इस्राइल-हमास संघर्ष के दो साल
                                    - फोटो : अमर उजाला 
                    
    
        
     
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                इस्राइल मंगलवार यानी आज उस काले दिन की दूसरी बरसी मना रहा है, जब 7 अक्तूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने देश पर सबसे बड़ा हमला किया था। दो साल बाद भी जंग खत्म नहीं हुई, गाजा में तबाही जारी है, और कई बंधक अब भी हमास के कब्जे में हैं। इस बार का मुख्य स्मृति समारोह सरकार नहीं, बल्कि शहीदों और बंधकों के परिजनों ने आयोजित किया है। यह इस बात का संकेत है कि देश अब भी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों को लेकर गहराई से बंटा हुआ है। कई नागरिकों का मानना है कि नेतन्याहू सरकार युद्ध को लंबा खींच रही है और बंधकों की रिहाई के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                                                
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                 
                                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                
                                
                
                                                                                        
                                                                                    
                        
                                      
  
                                            इस्राइल-हमास के बीच बंधकों की रिहाई
                                                                                                - फोटो : ANI 
                                                                                            
    
                                            
                                                                                
                                                                                                                         
                                                हमास के हमले की भयावह यादें
                                                                                                                                 
                                                
7 अक्तूबर 2023 की सुबह, हजारों हमास आतंकियों ने गाजा से रॉकेट बरसाने के बाद दक्षिणी इस्राइल के इलाकों में घुसपैठ की थी। उन्होंने सेना के ठिकानों, गांवों और एक संगीत समारोह (नोवा म्यूजिक फेस्टिवल) पर हमला किया। इस हमले में लगभग 1200 इस्राइली मारे गए, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक थे, इसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। इस हमले के दौरान 251 लोगों को अगवा किया गया, जिनमें से अब तक अधिकतर को युद्धविराम समझौतों या सौदों के जरिए रिहा किया जा चुका है। लेकिन 48 बंधक अब भी गाजा में हैं, और इस्राइल का मानना है कि उनमें से करीब 20 जीवित हैं।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
हमास का कहना है कि वह बंधकों को तभी छोड़ेगा जब स्थायी युद्धविराम और इस्राइल की सेना की वापसी होगी। वहीं नेतन्याहू का वादा है कि 'जब तक आखिरी बंधक वापस नहीं आ जाता और हमास पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता, युद्ध जारी रहेगा।'
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
यह भी पढ़ें - US: हमास से समझौते पर ट्रंप ने नेतन्याहू को जीत स्वीकारने-नकारात्मकता न लाने को कहा? राष्ट्रपति ने दिया जवाब
 
                                                                                                
                            7 अक्तूबर 2023 की सुबह, हजारों हमास आतंकियों ने गाजा से रॉकेट बरसाने के बाद दक्षिणी इस्राइल के इलाकों में घुसपैठ की थी। उन्होंने सेना के ठिकानों, गांवों और एक संगीत समारोह (नोवा म्यूजिक फेस्टिवल) पर हमला किया। इस हमले में लगभग 1200 इस्राइली मारे गए, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक थे, इसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। इस हमले के दौरान 251 लोगों को अगवा किया गया, जिनमें से अब तक अधिकतर को युद्धविराम समझौतों या सौदों के जरिए रिहा किया जा चुका है। लेकिन 48 बंधक अब भी गाजा में हैं, और इस्राइल का मानना है कि उनमें से करीब 20 जीवित हैं।
हमास का कहना है कि वह बंधकों को तभी छोड़ेगा जब स्थायी युद्धविराम और इस्राइल की सेना की वापसी होगी। वहीं नेतन्याहू का वादा है कि 'जब तक आखिरी बंधक वापस नहीं आ जाता और हमास पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता, युद्ध जारी रहेगा।'
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                                            सांकेतिक तस्वीर
                                                                                                - फोटो : ANI 
                                                                                            
    
                                            
                                                                                
                                                                                                                         
                                                क्षेत्रीय युद्ध में बदल गया संघर्ष
                                                                                                                                 
                                                
इस हमले ने पूरे पश्चिम एशिया को हिला दिया। इस्राइल अब सिर्फ हमास से नहीं, बल्कि ईरान और उसके सहयोगियों से भी टकरा रहा है, जिनमें लेबनान का हिजबुल्ला प्रमुख है। इस बीच, अमेरिका भी इस्राइल के साथ खड़ा है। जून में 12 दिन चले ईरान-इस्राइल संघर्ष में दोनों देशों ने एक-दूसरे के ठिकानों पर हमले किए। इस्राइल ने कई शीर्ष आतंकियों, ईरानी जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है। उसने गाजा के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है, साथ ही लेबनान और सीरिया के कुछ सीमाई इलाकों पर भी कब्जा किया है। फिर भी, बंधक वापस न आ पाने से इस्राइल के भीतर गहरा असंतोष है। हर हफ्ते तेल अवीव और येरुशलम में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
 
                                                                                                
                            इस हमले ने पूरे पश्चिम एशिया को हिला दिया। इस्राइल अब सिर्फ हमास से नहीं, बल्कि ईरान और उसके सहयोगियों से भी टकरा रहा है, जिनमें लेबनान का हिजबुल्ला प्रमुख है। इस बीच, अमेरिका भी इस्राइल के साथ खड़ा है। जून में 12 दिन चले ईरान-इस्राइल संघर्ष में दोनों देशों ने एक-दूसरे के ठिकानों पर हमले किए। इस्राइल ने कई शीर्ष आतंकियों, ईरानी जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है। उसने गाजा के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है, साथ ही लेबनान और सीरिया के कुछ सीमाई इलाकों पर भी कब्जा किया है। फिर भी, बंधक वापस न आ पाने से इस्राइल के भीतर गहरा असंतोष है। हर हफ्ते तेल अवीव और येरुशलम में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
 
                                            सांकेतिक तस्वीर
                                                                                                - फोटो : ANI 
                                                                                            
    
                                            
                                                                                
                                                                                                                         
                                                नोवा फेस्टिवल का शोक स्थल
                                                                                                                                 
                                                
रेईम नाम के छोटे से कस्बे में हुआ नोवा म्यूजिक फेस्टिवल आज एक यादगार स्थल बन चुका है। यहां 400 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई थी और दर्जनों को अगवा कर लिया गया था। अब वहां इस्राइली झंडों पर बंधकों और शहीदों की तस्वीरें लगाई गई हैं। परिजन वहां 'सुक्काह' (यहूदी पर्व सुक्कोत का प्रतीक आश्रय) बनाएंगे, ताकि अपने प्रियजनों को श्रद्धांजलि दे सकें। इस जगह पर सरकारी आयोजन नहीं हुआ क्योंकि यहूदी पर्व सुक्कोत की वजह से आधिकारिक कार्यक्रम नहीं रखे गए। मुख्य स्मृति समारोह तेल अवीव में होगा, जिसमें संगीत और भाषण होंगे। इसे योनातन शामरीज आयोजित कर रहे हैं, जिनके भाई अलोन उन तीन बंधकों में से थे जिन्हें इस्राइली सेना ने गलती से मार दिया था, जब वे हमास की कैद से भाग निकले थे।
 
                                                                                                
                            रेईम नाम के छोटे से कस्बे में हुआ नोवा म्यूजिक फेस्टिवल आज एक यादगार स्थल बन चुका है। यहां 400 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई थी और दर्जनों को अगवा कर लिया गया था। अब वहां इस्राइली झंडों पर बंधकों और शहीदों की तस्वीरें लगाई गई हैं। परिजन वहां 'सुक्काह' (यहूदी पर्व सुक्कोत का प्रतीक आश्रय) बनाएंगे, ताकि अपने प्रियजनों को श्रद्धांजलि दे सकें। इस जगह पर सरकारी आयोजन नहीं हुआ क्योंकि यहूदी पर्व सुक्कोत की वजह से आधिकारिक कार्यक्रम नहीं रखे गए। मुख्य स्मृति समारोह तेल अवीव में होगा, जिसमें संगीत और भाषण होंगे। इसे योनातन शामरीज आयोजित कर रहे हैं, जिनके भाई अलोन उन तीन बंधकों में से थे जिन्हें इस्राइली सेना ने गलती से मार दिया था, जब वे हमास की कैद से भाग निकले थे।
 
                                            गाजा में संघर्ष के बाद तबाही
                                                                                                - फोटो : ANI 
                                                                                            
    
                                            
                                                                                
                                                                                                                         
                                                शर्म अल-शेख में शांति वार्ता
                                                                                                                                 
                                                
इस्राइल और हमास के प्रतिनिधि सोमवार को मिस्र के शर्म अल-शेख में मिले, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए शांति प्रस्ताव पर चर्चा हुई। वार्ता मंगलवार को भी जारी रहेगी। उधर, गाजा में हालात भयावह हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 67,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि उनमें कितने नागरिक हैं और कितने हमास लड़ाके, लेकिन स्वतंत्र विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं और बच्चों की संख्या लगभग आधी है। गाजा की लगभग 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है। कई लोग बार-बार स्थान बदलने को मजबूर हैं, और भोजन-पानी की भारी कमी है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा सिटी में अकाल जैसी स्थिति है।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
यह भी पढ़ें - गाजा युद्ध के दो साल: तबाही के बीच शांति की जागी उम्मीद, मिस्र में इस्राइल-हमास की अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू
 
                                                                                                
                            इस्राइल और हमास के प्रतिनिधि सोमवार को मिस्र के शर्म अल-शेख में मिले, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए शांति प्रस्ताव पर चर्चा हुई। वार्ता मंगलवार को भी जारी रहेगी। उधर, गाजा में हालात भयावह हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 67,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि उनमें कितने नागरिक हैं और कितने हमास लड़ाके, लेकिन स्वतंत्र विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं और बच्चों की संख्या लगभग आधी है। गाजा की लगभग 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है। कई लोग बार-बार स्थान बदलने को मजबूर हैं, और भोजन-पानी की भारी कमी है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा सिटी में अकाल जैसी स्थिति है।
यह भी पढ़ें - गाजा युद्ध के दो साल: तबाही के बीच शांति की जागी उम्मीद, मिस्र में इस्राइल-हमास की अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू
 
                                            इस्राइल-हमास संघर्ष के दो साल
                                                                                                - फोटो : ANI 
                                                                                            
    
                                            
                                                                                
                                                                                                                         
                                                अंतरराष्ट्रीय आलोचना और आरोप
                                                                                                                                 
                                                
मानवाधिकार संगठनों और कई विशेषज्ञों ने इस्राइल पर नरसंहार का आरोप लगाया है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री के खिलाफ गाजा में भूख को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट मांगा है। इस्राइल इन आरोपों को सिरे से नकारता है। उसका कहना है कि यह युद्ध आत्मरक्षा में लड़ा जा रहा है और नागरिकों की जान बचाने के लिए अभूतपूर्व सावधानी बरती जा रही है। इस्राइली सरकार का तर्क है कि हमास जानबूझकर रिहायशी इलाकों में छिपता है, जिससे नागरिक हताहत होते हैं।
 
                                                                                                
                            मानवाधिकार संगठनों और कई विशेषज्ञों ने इस्राइल पर नरसंहार का आरोप लगाया है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री के खिलाफ गाजा में भूख को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट मांगा है। इस्राइल इन आरोपों को सिरे से नकारता है। उसका कहना है कि यह युद्ध आत्मरक्षा में लड़ा जा रहा है और नागरिकों की जान बचाने के लिए अभूतपूर्व सावधानी बरती जा रही है। इस्राइली सरकार का तर्क है कि हमास जानबूझकर रिहायशी इलाकों में छिपता है, जिससे नागरिक हताहत होते हैं।
 
                                            इस्राइल-हमास संघर्ष के दो साल
                                                                                                - फोटो : ANI 
                                                                                            
    
                                            
                                                                                
                                                                                                                         
                                                फलस्तीनियों के लिए भारी कीमत
                                                                                                                                 
                                                
हमास का कहना है कि उसका हमला दशकों से चली आ रही इस्राइली कब्जे और बस्तियों के विस्तार के खिलाफ था। लेकिन इस संघर्ष की सबसे बड़ी कीमत फलस्तीनी जनता चुका रही है, उनके शहर खंडहर बन गए हैं, हजारों परिवार उजड़ गए हैं और एक स्वतंत्र फलस्तीन राज्य का सपना अब पहले से भी ज्यादा दूर लगता है। कुल मिलाकर दो साल बाद भी 7 अक्तूबर की वह सुबह इस्राइल और गाजा दोनों के लिए अब भी खत्म नहीं हुई है।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                                                                                                                                                               
                                                                                                                                                                                                                                                    
 
                                                                                                
                            हमास का कहना है कि उसका हमला दशकों से चली आ रही इस्राइली कब्जे और बस्तियों के विस्तार के खिलाफ था। लेकिन इस संघर्ष की सबसे बड़ी कीमत फलस्तीनी जनता चुका रही है, उनके शहर खंडहर बन गए हैं, हजारों परिवार उजड़ गए हैं और एक स्वतंत्र फलस्तीन राज्य का सपना अब पहले से भी ज्यादा दूर लगता है। कुल मिलाकर दो साल बाद भी 7 अक्तूबर की वह सुबह इस्राइल और गाजा दोनों के लिए अब भी खत्म नहीं हुई है।