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अफगानिस्तान: नांगरहार में अफगान सैनिक के हमले में दो अमेरिकी सैनिकों की मौत, छह घायल
वर्ल्ड डेस्क, काबुल
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 09 Feb 2020 12:03 PM IST
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अमेरिकी सेना
- फोटो : US Army Twitter
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अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की कवायद के बीच शनिवार को अफगानिस्तान की सेना के जवान ने दो अमेरिकी सैनिकों की गोली मार कर हत्या कर दी। अमेरिकी सेना के प्रवक्ता और दो वरिष्ठ अफगान अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने रविवार को बताया कि नांगरहार प्रांत में अफगान सैनिक की मशीनगन से अंधाधुंध फायरिंग के जवाब में अमेरिकी सेना की तरफ से भी गोलियां चलाए जाने से छह जवान घायल भी हुए हैं, जिनमें तीन अफगान सैनिक हैं।

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हालांकि अफगान सैनिकों की मौत की भी सूचना है, लेकिन उनकी संख्या सार्वजनिक नहीं की गई है। हमलावर को भी मौके पर ही मार गिराया गया। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब 18 साल तक चले अमेरिकी इतिहास के इस लंबे संघर्ष के बाद राष्ट्रपति ट्रंप अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने की दिशा में काम कर रहे हैं। साथ ही अमेरिका और तालिबान के बीच एक शांति समझौते के लिए भी मोलभाव चलने के कारण भी इस घटना को बेहद अहम माना जा रहा है। अफगानिस्तान में इस समय 14000 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।
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अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के प्रवक्ता कर्नल सनी लिगेट ने बताया कि यह घटना देर रात उस वक्त हुई, जब अमेरिकी और अफगान कमांडो नांगरहार प्रांत के प्रशासनिक मुख्यालय शेरजाद जिले में प्रमुख नेताओं की एक अहम बैठक की सुरक्षा के बाद बैरकों में जाने की तैयारी में व्यस्त थे। लिगेट ने कहा, वर्दी में एक जवान ने अमेरिकी और अफगान सेना के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। उन्होंने कहा, हम फिलहाल और जानकारी एकत्र कर रहे हैं। हमले का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।
वहीं प्रांतीय गवर्नर शाह महमूद मियाखिल ने एक ऑडियो संदेश जारीर कर कहा कि इस हमले में तीन अफगानिस्तान सेना के तीन जवान भी जख्मी हुए हैं। उन्होंने कहा कि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि घटना को किसी ‘घुसपैठिये’ने सोच-समझ कर अंजाम दिया है या हादसा है। यह सेना के बीच आपसी टकराव का नतीजा नहीं है, वैसे हम इसकी जांच कर रहे हैं।
तालिबान ने नहीं ली जिम्मेदारी
तालिबान ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन उसका हाथ होने की जांच की जा रही है। बता दें कि 2001 में अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान में दाखिल होने के बाद अब तक तालिबान से संघर्ष में उसके करीब 2400 जवान मारे गए हैं। पिछले दिसंबर में भी तालिबान घुसपैठिये ने 9 जवानों को मार गिराया था।
इस घटना में भी तालिबान लड़ाके ने अफगान सैनिक की वर्दी पहनकर घुसपैठ की थी। इस हमले में शीर्ष अमेरिकी सेनाधिकारी और अफगानिस्तान में नाटो सेनाओं के कमांडर जनरल ऑस्टिन मिलर बाल-बाल बच गए थे। उनके साथ खड़ा एक शीर्ष अफगान जनरल गोलीबारी का शिकार हो गया था।
अफगान सेना में इस्लामी लड़ाकों की घुसपैठ
नांगरहार प्रॉविंशियल काउंसिल के एक सदस्य सोहराब कादरी ने शक जताया कि संयुक्त ऑपरेशनों में शामिल अफगान सुरक्षा बलों में दर्जनों इस्लामी लड़ाके घुस गए हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि आतंकियों से कौन से संगठन जुड़े हुए हैं। हालांकि पाकिस्तान के साथ लंबी सीमा साझा करने वाले नांगरहाल प्रांत को अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (आईएस) की पकड़ वाले मजबूत इलाकों में गिना जाता है। इस प्रांत के कुछ हिस्से पर तालिबान का भी नियंत्रण है।