Bangladesh: बांग्लादेश की सेना ने एनसीपी के आरोपों को किया खारिज, कहा- ये सब झूठ और बेबुनियाद बातें हैं
बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। इसी बीच बांग्लादेशी सेना ने आज नवगठित छात्र-नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी के द्वारा अवामी लीग को पून: स्थापित करने को लेकर लगाए गए आरोपों को खारिज किया। साथ ही इसे झूठा और बेबुनियाद बताया।
विस्तार
बांग्लादेश की सेना ने रविवार को नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया। साथ ही इन आरोपों को हास्यास्पद और बेबुनियादी बातें करार दिया। बता दें कि एनसीपी द्वारा लगाए गए आरोप में कहा गया था कि सेना अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को फिर से स्थापित करने की साजिश रच रही है।
एनसीपी का आरोप
एनसीपी ने शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय परिसर में विरोध रैलियां आयोजित कीं और सेना पर अवामी लीग को पुनर्वासित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पार्टी के नेता हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि सेना की यह कोशिश सैन्य समर्थित साजिश है और इसे किसी भी कीमत पर विफल किया जाएगा।
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एनसीपी के आरोपों पर सेना का जवाब
एनसीपी के आरोप के बाद बांग्लादेशी सेना ने एक बयान जारी कर इसका जवाब दिया। जारी बयान में कहा गया कि 11 मार्च को सेना प्रमुख जनरल वेकर उज ज़मान ने एनसीपी के दो नेताओं से शिष्टाचार मुलाकात की, लेकिन यह किसी भी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं था। बयान में कहा गया कि सेना के नेतृत्व का मुख्य उद्देश्य केवल शिष्टाचार था, न कि किसी साजिश का हिस्सा।
देखा जाए तो इस पकार की बयानबाजी ऐसे समय में हो रही है, जब बांग्लादेश में तनाव बढ़ा हुआ है। साथ ही एनसीपी ने सेना पर राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। एनसीपी के नेताओं का कहना है कि सेना को राजनीति में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
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बांग्लादेश में तनावपूर्ण स्थिति
गौरतलब है कि यह स्थिति उस समय की है जब शेख हसीना पिछले साल भारत में रह रही हैं, और उनकी पार्टी के कई नेता या तो गिरफ्तार हो चुके हैं या वे विदेश में भाग गए हैं। इस स्थिति में बांग्लादेश में आम चुनाव भी भी होने है। इस चुनाव में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसके चलते अभी भी राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और कई लोग इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी आपत्तियां भी जाहिर कर रहे हैं।