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Bangladesh: 'क्लिंटन-यूनुस ने रची थी साजिश', हसीना सरकार के पतन पर पूर्व मंत्री का खुलासा; USAID पर बड़े सवाल
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 09 Nov 2025 11:08 PM IST
सार
Bangladesh Politics: इससे पहले शेख हसीना ने भी यूनुस पर आरोप लगाया था कि उन्होंने देश को अमेरिका के हाथों बेच दिया। उन्होंने कहा था कि उनके पिता, शेख मुजीबुर रहमान, जो बांग्लादेश के राष्ट्रपिता माने जाते हैं, ने कभी भी अमेरिका की मांगों के आगे झुकाव नहीं दिखाया था, खासकर सेंट मार्टिन द्वीप को लेकर।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार में मंत्री रहे मोहिबुल हसन चौधरी ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका की मानवतावादी एजेंसी यूएसएआईडी और क्लिंटन परिवार ने मिलकर बांग्लादेश में वह आंदोलन खड़ा किया, जिसकी वजह से हसीना की सरकार गिर गई। उनका कहना है कि यह पूरा घटनाक्रम पहले से योजनाबद्ध था और इसके पीछे पश्चिमी देशों के हित छिपे थे।
यह भी पढ़ें - China-US Trade: अमेरिका को गैलियम-जर्मेनियम जैसे अहम तत्वों पर मिली राहत, चीन ने हटाए निर्यात प्रतिबंध
'USAID समेत कई संगठन 2018 से चला रहे थे अभियान'
मोहिबुल हसन चौधरी ने यह आरोप एक समाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में लगाया। उन्होंने कहा, 'कुछ अमेरिकी गैर-सरकारी संगठन, खास तौर पर यूएसएआईडी और इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट, 2018 से ही हमारी सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे थे। इन संस्थाओं को पश्चिमी देशों से फंडिंग मिल रही थी।'
मोहम्मद यूनुस को लेकर भी पूर्व मंत्री का बड़ा दावा
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस, जो अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया हैं, लंबे समय से अमेरिका के संपर्क में थे। उन्होंने कहा, 'क्लिंटन परिवार और यूनुस के बीच वर्षों पुराना रिश्ता है। वे लगातार पर्दे के पीछे से बांग्लादेश की सरकार बदलने की कोशिश करते रहे।'
'दंगे में हुआ USAID के लाखों डॉलर का इस्तेमाल'
उन्होंने सवाल उठाया कि यूएसएआईडी की ओर से बांग्लादेश के लिए जो लाखों डॉलर की सहायता राशि दी गई थी, वह आखिर गई कहां? उन्होंने आरोप लगाया कि 'यह पैसा जनता की मदद में नहीं, बल्कि सरकार गिराने और दंगे भड़काने में खर्च किया गया।' चौधरी ने कहा कि जुलाई-अगस्त 2024 में हुए हिंसक छात्र आंदोलन को इसी धन से संगठित किया गया था। उस हिंसा में कम से कम 700 लोगों की मौत हुई थी और कई जगहों पर हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की भी खबरें आई थीं।
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अमेरिका ने आरोपों को किया खारिज
अमेरिका ने इन आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए खारिज किया है और कहा है कि बांग्लादेश की घटनाओं में उसका कोई हाथ नहीं है। बता दें कि शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को देश छोड़कर भारत आईं, जब ढाका में उनका घर प्रदर्शनकारियों के हमले की चपेट में आ गया था, फिलहाल वे दिल्ली में रह रही हैं। हसीना सरकार के पतन के बाद बने यूनुस प्रशासन ने विदेश नीति में भी बड़ा बदलाव किया है, अब बांग्लादेश पाकिस्तान से करीबी बढ़ा रहा है, पाकिस्तान ने 1971 में बांग्लादेश में नरसंहार किया था।
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'USAID समेत कई संगठन 2018 से चला रहे थे अभियान'
मोहिबुल हसन चौधरी ने यह आरोप एक समाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में लगाया। उन्होंने कहा, 'कुछ अमेरिकी गैर-सरकारी संगठन, खास तौर पर यूएसएआईडी और इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट, 2018 से ही हमारी सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे थे। इन संस्थाओं को पश्चिमी देशों से फंडिंग मिल रही थी।'
मोहम्मद यूनुस को लेकर भी पूर्व मंत्री का बड़ा दावा
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस, जो अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया हैं, लंबे समय से अमेरिका के संपर्क में थे। उन्होंने कहा, 'क्लिंटन परिवार और यूनुस के बीच वर्षों पुराना रिश्ता है। वे लगातार पर्दे के पीछे से बांग्लादेश की सरकार बदलने की कोशिश करते रहे।'
'दंगे में हुआ USAID के लाखों डॉलर का इस्तेमाल'
उन्होंने सवाल उठाया कि यूएसएआईडी की ओर से बांग्लादेश के लिए जो लाखों डॉलर की सहायता राशि दी गई थी, वह आखिर गई कहां? उन्होंने आरोप लगाया कि 'यह पैसा जनता की मदद में नहीं, बल्कि सरकार गिराने और दंगे भड़काने में खर्च किया गया।' चौधरी ने कहा कि जुलाई-अगस्त 2024 में हुए हिंसक छात्र आंदोलन को इसी धन से संगठित किया गया था। उस हिंसा में कम से कम 700 लोगों की मौत हुई थी और कई जगहों पर हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की भी खबरें आई थीं।
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अमेरिका ने आरोपों को किया खारिज
अमेरिका ने इन आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए खारिज किया है और कहा है कि बांग्लादेश की घटनाओं में उसका कोई हाथ नहीं है। बता दें कि शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को देश छोड़कर भारत आईं, जब ढाका में उनका घर प्रदर्शनकारियों के हमले की चपेट में आ गया था, फिलहाल वे दिल्ली में रह रही हैं। हसीना सरकार के पतन के बाद बने यूनुस प्रशासन ने विदेश नीति में भी बड़ा बदलाव किया है, अब बांग्लादेश पाकिस्तान से करीबी बढ़ा रहा है, पाकिस्तान ने 1971 में बांग्लादेश में नरसंहार किया था।