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Bangladesh: अदालत में पेश नहीं हुए तो भी चलेगा मुकदमा, हसीना और उनके परिवार पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका Published by: हिमांशु चंदेल Updated Mon, 07 Jul 2025 03:31 PM IST
सार

बांग्लादेश में सत्ता से बाहर हो चुकीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण 10 जुलाई को तय करेगा कि हसीना और उनके दो सहयोगियों पर औपचारिक आरोप लगाए जाएं या नहीं। इसके अलावा भ्रष्टाचार के छह मामलों में भी हसीना, उनके परिवार और पूर्व अधिकारियों को अदालत में पेश होने का नोटिस जारी हुआ है।

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Bangladesh court finalise decision 10 july sheikh hasina arrest investigation 1400 deaths allegations
शेख हसीना - फोटो : एएनआई (फाइल)
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बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल यानी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण 10 जुलाई को यह तय करेगा कि हसीना और उनके दो बड़े सहयोगियों के खिलाफ औपचारिक आरोप तय किए जाएं या नहीं। उन पर मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप हैं।
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शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर पांच बड़े आरोप लगाए गए हैं। इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, लोगों पर अत्याचार और खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल के मामले शामिल हैं। यह सभी आरोप पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के दौरान हुई घटनाओं से जुड़े हैं।
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10 जुलाई को होगी अहम सुनवाई
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 ने साफ कर दिया है कि 10 जुलाई को तीनों आरोपियों पर आरोप तय करने पर फैसला सुनाया जाएगा। उस दिन बचाव पक्ष के वकील यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि हसीना और उनके सहयोगियों पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। अगर कोर्ट को आरोप सही लगे तो आरोप तय कर दिए जाएंगे और मुकदमा औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा।

हसीना को अदालत की अवमानना में सजा
बीते बुधवार को शेख हसीना को अदालत की अवमानना मामले में छह महीने की जेल की सजा भी सुनाई गई है। यह सजा उनकी गैर-मौजूदगी में दी गई। हसीना पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद से देश से बाहर हैं। यह उनके खिलाफ पहली बड़ी सजा है।

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विद्रोह में गई थी 1400 जानें
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच बांग्लादेश में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में करीब 1,400 लोगों की जान चली गई थी। यह हिंसा सरकार विरोधी आंदोलन को दबाने के दौरान हुई थी। इसी हिंसा के बाद हसीना सरकार सत्ता से बाहर हुई और उन्हें देश छोड़कर भारत भागना पड़ा।

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परिवार पर भी भ्रष्टाचार के केस
हसीना पर सिर्फ मानवता के खिलाफ अपराध ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के भी कई आरोप लगे हैं। ढाका की अदालत ने हसीना, उनके परिवार के सदस्यों और कई पूर्व अधिकारियों को 20 जुलाई को पेश होने का नोटिस दिया है। अगर आरोपी पेश नहीं होते हैं, तो अदालत उनके खिलाफ बिना उनकी मौजूदगी में ही ट्रायल आगे बढ़ाएगी। हसीना के बच्चों और बहन रिहाना के परिवार के कई सदस्य भी इन मामलों में आरोपी हैं।

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