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शेख हसीना प्रत्यर्पण: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत को भेजा पत्र, गीदड़भभकी देकर बोला- वापस भेजें वरना...

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका Published by: देवेश त्रिपाठी Updated Sun, 23 Nov 2025 08:37 PM IST
सार

विधि सलाहकार आसिफ नजरूल ने रविवार को फिर कहा कि हम हसीना और कमाल के प्रत्यर्पण का अनुरोध करते हुए एक पत्र जारी करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि उन्हें वापस लौटाना भारत की अतिरिक्त जिम्मेदारी है।

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Bangladesh interim government sends letter to India seeking Sheikh Hasina s extradition Bluster to go in ICJ
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने नई दिल्ली को एक आधिकारिक पत्र भेजकर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। देश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है।

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सरकारी बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) ने विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के हवाले से बताया, 'यह पत्र बीते शुक्रवार को भेजा गया था।' गौरतलब है कि आईसीटी ने 17 नवंबर को शेख हसीना और तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोप में मृत्युदंड सुनाया था।
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मामले में तीसरे आरोपी पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में उन्होंने खुद को सरकारी गवाह बनाने का कोर्ट से अनुरोध किया था। उनकी गवाही पर ही शेख हसीना को मौत की सजा मिली थी।

बीते साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में हसीना की अवामी लीग सरकार गिर गई थी। इन विरोध प्रदर्शनों को 'जुलाई विद्रोह' का नाम दिया गया था। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला था।

अंतरिम सरकार ने पिछले वर्ष दिसंबर में भी हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए एक राजनयिक नोट मौखिक रूप से भेजा था, तब भारत ने केवल इसकी प्राप्ति की बात स्वीकार की थी। वहीं पिछले सप्ताह आईसीटी-बीडी का फैसला आने के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि भारत ने पूर्व पीएम हसीना के संबंध में बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के फैसले पर गौर किया है।

बयान में कहा गया है, 'एक करीबी पड़ोसी होने के नाते भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है। हम इस दिशा में सभी हितधारकों के साथ हमेशा रचनात्मक रूप से जुड़े रहेंगे।'

विधि सलाहकार आसिफ नजरूल ने 20 नवंबर को कहा कि अंतरिम सरकार हसीना और उनके गृह मंत्री को वापस लाने के लिए दिल्ली को एक पत्र भेजेगी। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें वापस लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय जाने पर भी विचार कर रही है, क्योंकि वे अब भगोड़े अपराधी हैं।

उन्होंने रविवार को फिर कहा कि हम हसीना और कमाल के प्रत्यर्पण का अनुरोध करते हुए एक पत्र जारी करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि उन्हें वापस लौटाना भारत की अतिरिक्त जिम्मेदारी है।

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