Bangladesh: ढाका विश्वविद्यालय चुनाव में इस्लामी छात्र संगठन ने मारी बाजी, 1971 के बाद पहली बार मिली जीत
बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस्लामी छात्र संगठन आईसीएस ने 12 में से 9 पद जीतकर 1971 के बाद पहली बार बड़ी जीत दर्ज की। सदिक कायम वाइस प्रेसिडेंट और एसएम फरहाद जनरल सेक्रेटरी चुने गए। इसके बाद बीएनपी समर्थित छात्र संगठन जेसीडी ने नतीजों को हेराफेरी बताकर खारिज कर दिया और चुनाव को एक मजाक बताया।
बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस्लामी छात्र संगठन आईसीएस ने 12 में से 9 पद जीतकर 1971 के बाद पहली बार बड़ी जीत दर्ज की। सदिक कायम वाइस प्रेसिडेंट और एसएम फरहाद जनरल सेक्रेटरी चुने गए। इसके बाद बीएनपी समर्थित छात्र संगठन जेसीडी ने नतीजों को हेराफेरी बताकर खारिज कर दिया और चुनाव को एक मजाक बताया।

विस्तार
बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में इस्लामी छात्र संगठन जमात-ए-इस्लामी के छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबीर (आईसीएस) ने जोरदार जीत हासिल की है। मंगलवार को हुए चुनाव के नतीजे बुधवार को घोषित हुए। यह 1971 के बाद पहली बार है जब कोई इस्लामी छात्र संगठन इतनी बड़ी जीत दर्ज कर पाया है। इस चुनाव में आईसीएस ने कुल 12 पदों में से 9 पर कब्जा किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आईसीएस के सदिक कायम को वाइस प्रेसिडेंट और एसएम फरहाद को जनरल सेक्रेटरी घोषित किया। अध्यक्ष का पद विश्वविद्यालय के उपकुलपति के लिए रिजर्व रखा गया है।

बीएनपी ने चुनाव परिणाम मानने से किया इनकार
हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के समर्थक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के छात्र संगठन जतियाताबादी छात्र दल (जेसीडी) ने चुनाव परिणामों को मानने से इनकार किया है। उन्होंने परिणामों को हेराफेरी बताते हुए मजाक बताया है। जेसीडी के उपाध्यक्ष उम्मीदवार मोहम्मद अबिदुल इस्लाम ने फेसबुक पर कहा कि वे चुनाव परिणामों को स्वीकार नहीं करते।
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इसके साथ ही पिछले साल की सरकार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) समूह भी इस बार चुनाव में कमजोर रहे। एसएडी के उम्मीदवार अब्दुल कादर ने विश्वविद्यालय पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि आईसीएस ने मतदान केंद्रों के अंदर नतीजों में हेरफेर किया। बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण समूह छोड़ने वाली एसएडी की पूर्व प्रवक्ता उमामा फातिमा ने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए चुनाव से पहले ही बहिष्कार कर दिया।
अधिकारी ने चुनाव को बताया 'मॉडल चुनाव'
वहीं दूसरी ओर चुनाव अधिकारी प्रोफेसर मोहम्मद जसिम उद्दीन ने चुनाव को मॉडल चुनाव बताया। साथ ही कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। उन्होंने कहा कि जब भी देश संकट में होता है, ढाका विश्वविद्यालय नेतृत्व करता है। साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) के नेता हसनात अब्दुल्लाह ने कहा कि ये चुनाव बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य को आकार देंगे और सभी पार्टियों से अपील की कि वे परिणामों का सम्मान करें।
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कैसा रहा मतदान, जानिए
गौरतलब है कि चुनाव में लगभग 78 प्रतिशत वोटर पहुंचे और मतदान शांतिपूर्ण था, हालांकि कुछ जगहों पर अनियमितताओं और पक्षपात की शिकायतें भी आईं। मतदान सुबह आठ बजे शुरू होकर शाम चार बजे तक चला। मतगणना के दौरान आईसीएस ने बढ़त बनाई।