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Bangladesh: अंतरिम सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर बैन हटाया, कहा- आंतकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के सबूत नहीं
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 28 Aug 2024 06:59 PM IST
सार
Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने जमात-ए-इस्लामी और इसके छात्र संगठन 'छात्र शिबिर' पर लगा प्रतिबंध हटा दिया, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासनकाल में लगाया गया था। गृह मंत्रालय ने कहा कि इन संगठनों के खिलाफ कोई ठोस सबूत न होने के कारण प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है।
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस (फाइल)
- फोटो : पीटीआई (फाइल)
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विस्तार
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी और इसके छात्र संगठन 'छात्र शिबिर' पर लगा प्रतिबंध हटा दिया। यह प्रतिबंधन पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन काल में लगाया गया था। देश में बड़े हिंसक प्रदर्शनों के बाद हसीना को इसी महीने पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भागना पड़ा था।
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गृहमंत्रालय ने एक अधिसूचना में इस संगठन के खिलाफ कोई विशेष सबूत नहीं थे। इसलिए इन पर लगाया गया प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटाया गया है। हसीना के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती अवामी लीग सरकार ने 1 अगस्त 2024 को जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने जमात को उग्रवादी और आतंकवादी संगठन बताया था और आरोप लगाया था कि 'इस्लामी छात्र शिबिर' ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के विरोध में हिंसा भड़काई।
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अधिसूचना में कहा गया कि संगठन के खिलाफ आतंकवाद रोधी अधिनियम 2009 के तहत लगाया गया प्रतिबंध सबूतों के अभाव में हटाया गया है। सरकार का मानना है कि जमात और उसकी छात्र शाखा आतंकवादी गतिविधियों और हिंसा में शामिल नहीं थी।
सरकार ने यह कदम तब उठाया है, जब अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमान ने हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि वह शेख हसीना की अवामी लीग को राजनीतिक पार्टी के रूप में प्रतिबंधि करने और उसका पंजीकरण रद्द करने के लिए दायर याचिका को तत्काल खारिज करे। उन्होंने अदालत को बताया कि अंतरिम सरकार का किसी भी राजनीतिक संगठन पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है। हाईकोर्ट ने सारदा सोसायटी की ओर से दायर जनहित याचिका पर फैसले के लिए 29 अगस्त की तारीख तय की।
अंतरिम सरकार के कानून मंत्री आसिफ नजरुल ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि वह अवामी लीग या किसी अन्य राजनीतिक पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव के खिलाफ हैं, जब तक कि उनके आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के ठोस सबूत न हों।