बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा!: प्रदर्शनकारियों के निशाने पर बाटा, पिज्जा हट और KFC जैसे आउटलेट, क्या है वजह?
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विस्तार
बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा की खबरें सामने आई हैं। इस बार हिंसक प्रदर्शन राजधानी ढाका के साथ कुछ और शहरों में भी केंद्रित हैं। हालांकि, करीब सात महीने पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरोध में हुए प्रदर्शनों के मुकाबले इस बार जारी आंदोलन का मुद्दा अलग है। इस बार बांग्लादेश में अशांति की वजह है इस्राइल, जिसके चलते वहां तोड़फोड़ की घटनाएं भी देखी गई हैं। आलम यह है कि बांग्लादेश में कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आउटलेट तक निशाना बनाए गए हैं।ऐसे में यह जानना अहम है कि बांग्लादेश में इस्राइल को लेकर प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं? प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान विदेशी कंपनियों के आउटलेट्स को क्यों निशाना बनाया है? इन प्रदर्शनों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच कैसे विवाद की स्थिति पैदा हो गई है? इसके अलावा इन घटनाओं को देश में बढ़ते हुए कट्टरवाद से क्यों जोड़ा जा रहा है? आइये जानते हैं...
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बांग्लादेश में सोमवार से इस्राइल के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए हैं। इसकी वजह है गाजा में इस्राइली सेना का सैन्य अभियान, जिसमें अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। इसके विरोध में बांग्लादेश में लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किए हैं। इतना ही नहीं इन लोगों ने इस्राइल से जुड़े उत्पादों का बायकॉट करने के लिए भी आवाज उठाई है।
हालांकि, इस्राइली उत्पादों के खिलाफ उठाई गई आवाज देखते ही देखते अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के आउटलेट्स के खिलाफ हिंसा में बदल गई। खासकर जूते बनाने वाली कंपनी बाटा, फूड-बेवरेज से जुड़ी कंपनी केएफसी और पिज्जा हट जैसे ब्रांड्स को खास तौर पर लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। भीड़ ने इस्राइल से जुड़े होने की शंका में इन पर भी हमला किया।
Hundreds of protesters took to the streets of #Bangladesh for #Palestine, demanding an end to the ongoing Israeli genocide against civilians in #Gaza.#FreePalestine #GazaGenocide #GlobalStrikeForGaza pic.twitter.com/pqGxkqCY23
— Basherkella - বাঁশেরকেল্লা (@basherkella) April 8, 2025
1. बोगरा
बांग्लादेशी अखबार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर भीड़ हिंसक हो उठी। प्रदर्शनकारियों ने कई स्टोर्स में तोड़फोड़ की और इनके स्टाफ को भी निशाना बनाने की कोशिश की। बोगरा शहर में सैकड़ों की संख्या में छात्रों और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया और इस्राइल के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान इस्राइली उत्पादों के बहिष्कार की मांग उठी और देखते ही देखते भीड़ ने बाटा के शोरूम पर धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने इस शोरूम पर पत्थर बरसाए, जिससे इसकी शीशे की दीवारें टूट गईं। हालांकि, इससे पहले कि भीड़ शोरूम में घुसकर कर्मचारियों को निशाना बनाती, कुछ कर्मियों ने हिम्मत दिखाकर दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया।
बोगरा सदर पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी एसएम मोइनुद्दीन ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पत्थर से शोरूम का शीशा तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश जरूर की, लेकिन इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
The Alarming Rise of Extremism in Bangladesh: A Call to the International Community
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This is more than a political crisis—it’s a national emergency. Bangladesh risks becoming the next Afghanistan if the international community remains silent.
We must demand accountability.… pic.twitter.com/iLoJrVf5Z1
बांग्ला ट्रिब्यून के मुताबिक, पूर्व में स्थित सिलहट शहर के मीरबॉक्सतुला इलाके में उपद्रवी भीड़ ने केएफसी के आउटलेट में तोड़फोड़ कर दी। इस दौरान लोगों ने कोल्ड ड्रिंक की बोतलें इस्राइल से मैन्युफैक्चर होने के शक में इन्हें फोड़ना शुरू कर दिया। बाद में पुलिस ने इलाके को घेर लिया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार और संयुक्त राष्ट्र से इस्राइल पर कार्रवाई करने और गाजा युद्ध रोकने की मांग उठाई। इसके बाद आउटलेट को बंद कर दिया।
3. चटगांव
इसके अलावा चटगांव में भी प्रदर्शनकारियों ने केएफसी और पिज्जा हट के आउटलेट पर हमला कर दिया। यहां लोगों ने दुकानों पर पत्थरबाजी की और जूते तक फेंके। इनकी शीशे की दीवारों को भारी नुकसान हुआ। भीड़ को रोकने के लिए चटगांव मेट्रोपोलिटन पुलिस की दो यूनिट्स को भेजा गया। पंचलैश क्षेत्र के पुलिस प्रभारी मोहम्मद सुलेमान ने ढाका ट्रिब्यून अखबार को बताया, "हम मामले की जांच कर रहे हैं। स्थिति अब शांत है। भीड़ को शाम को ही इलाके से हटा दिया गया था।"
बांग्लादेश में प्रदर्शन कॉक्स बाजार तक में उग्र हो गए। यहां कालाताली में बड़ी संख्या में लोगों ने जुटकर केएफसी और पिज्जा हट के साइनबोर्ड पर पत्थर बरसाए। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया ग्रुप से बातचीत में कॉक्स बाजार पुलिस स्टेशन के अधिकारी इलियास खान ने बताया कि भीड़ ने रेस्तरां के अंदर घुसकर तोड़फोड़ नहीं की। वे लोग सिर्फ बाहर रहकर इनके बैनर पर पत्थरबाजी करते रहे। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि कुछ लोगों ने आसपास की दुकानों को निशाना बनाया।
इस्राइल-हमास संघर्ष के बीच बांग्लादेश में अचानक उग्र हुए प्रदर्शनों ने राजनीतिक तनाव को भी जन्म दिया। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने इस घटना का जबरदस्त विरोध किया। उन्होंने कहा...
मोहम्मद यूनुस इससे पहले कई मौकों पर फलस्तीन के लिए आवाज उठाते रहे हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने इस्राइल की आलोचना करते हुए उसे गाजा में आम लोगों, महिलाओं और बच्चों के पीड़ित होने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इसका जिक्र उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण में भी किया था।
पुलिस इस मामले में उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। हमले के जिम्मेदारों को पकड़ने के लिए पुलिस ने सोमवार से ही छापेमारी जारी रखी है।
मोहम्मद यूनुस इससे पहले कई मौकों पर फलस्तीन के लिए आवाज उठाते रहे हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने इस्राइल की आलोचना करते हुए उसे गाजा में आम लोगों, महिलाओं और बच्चों के पीड़ित होने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इसका जिक्र उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण में भी किया था।
आवामी लीग ने कहा कि डॉ. यूनुस को अपना पद छोड़ना चाहिए ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें। वैश्विक समुदाय को अभी कार्रवाई करनी होगी। ऐसा न करना सिर्फ बांग्लादेश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र और वैश्विक स्थिरता के लिए घातक होगा।
The Alarming Rise of Extremism in Bangladesh: A Call to the International Community
— Bangladesh Awami League (@albd1971) April 7, 2025
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This is more than a political crisis—it’s a national emergency. Bangladesh risks becoming the next Afghanistan if the international community remains silent.
We must demand accountability.… pic.twitter.com/iLoJrVf5Z1
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